Haryana Politics: भूपेंद्र हुड्डा को नजरअंदाज कर सैलजा, रणदीप व किरण ने खींची स्वयं की अलग लाइन

नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी जोरों पर है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया की तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के हौसले बुलंद हैं। शुरुआती तीन दिन की संदेश यात्रा में भारी भीड़ जुटाकर सैलजा-रणदीप और किरण की तिकड़ी ने जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट की चुनौती स्वीकार की है, वहीं अपनी अलग लाइन खींचकर पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को भी यह संदेश दे दिया है कि वे न झुकेंगे, न रुकेंगे और न पीछे हटेंगे।

हिसार से निकलेगी कांग्रेस संदेश यात्रा

 

हरियाणा की राजनीति में एसआरके गुट के नाम से मशहूर हो चुकी सैलजा, रणदीप और किरण चौधरी की तिकड़ी पूरे एक माह तक राज्य में कांग्रेस संदेश यात्रा निकालने वाली है, जिसकी शुरुआत हिसार संसदीय क्षेत्र से की जा चुकी है। 14 फरवरी को अंबाला संसदीय क्षेत्र में बड़ी रैली के माध्यम से इस संदेश यात्रा का समापन होगा। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने बार-बार एसआरके गुट की इस संदेश यात्रा को अमान्य करार देने की कोशिश की। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के दबाव में पार्टी प्रभारी ने एसआरके गुट की इस संदेश यात्रा को प्रतिबंधित करने के दो बार फरमान जारी किए, लेकिन एसआरके गुट पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। इसकी बड़ी वजह यह है कि एसआरके गुट किसी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल न होकर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की दिशा में हाथ से हाथ जोड़कर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

पार्टी हाईकमान से सीधे जुड़े हैं तार

 

कांग्रेस हाईकमान को भी इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि राज्य में भाजपा व जजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए यदि हुड्डा गुट के साथ-साथ सैलजा, रणदीप और किरण की तिकड़ी भी अपने कार्यक्रम कर सकती हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वैसे भी सैलजा, रणदीप और किरण तीनों नेताओं का पार्टी में बड़ा नाम है। तीनों नेताओं के तार पार्टी हाईकमान से सीधे जुड़े हुए हैं। सैलजा छत्तीसगढ़ के बाद उत्तराखंड की प्रभारी हैं, जबकि रणदीप मध्यप्रदेश के बाद लगातार कर्नाटक का प्रभार देख रहे हैं। किरण चौधरी राजस्थान में कांग्रेस की सह चुनाव प्रभारी रह चुकी हैं। इन तीनों नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की लंबी फौज है। ऐसे में चाहकर भी कांग्रेस हाईकमान एसआरके गुट की इस तिकड़ी को किसी सूरत में नजरअंदाज नहीं कर सकता।

संदेश यात्रा के सधे अंदाज

 

 

एसआरके गुट के नेता कांग्रेस संदेश यात्रा के माध्यम से बड़े ही सधे हुए अंदाज में आगे बढ़ रहे हैं। प्रत्यक्ष रूप से हुड्डा गुट उनके निशाने पर नहीं है, लेकिन संदेश यात्रा में भारी भीड़ जुटाकर उन्होंने संदेश देने का काम किया है कि कांग्रेस हाईकमान अथवा हुड्डा गुट उन्हें नजरअंदाज करने की गलती किसी सूरत में न करे। इसका पार्टी को फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होगा। अपनी संदेश यात्रा में सैलजा, रणदीप और किरण लोगों को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का संदेश देने का काम कर रहे हैं। उनका एक ही संदेश है कि देश में भाजपा का सफाया हो तथा कांग्रेस की सरकार बने, ताकि देश व राज्यों को तमाम परेशानियों से निजात मिल सके।

 

 

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