Haryana Politics: किरण चौधरी के भाजपा में आने से बगावती सुर, 3 बार के सांसद चौधरी धर्मवीर बोले, अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा

नरेन्द्र सहारण, भिवानी। Haryana Politics: हरियाणा में कांग्रेस की पूर्व नेत्री किरण चौधरी के भाजपा में आने से कई नेता नाराज हैं। भाजपा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मवीर सिंह ने एक ऐलान से सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि 2024 में यह मेरा आखिरी चुनाव था। इसके बाद मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा।

चौधरी धर्मवीर की नाराजगी को किरण चौधरी से जोड़कर देखा जा रहा है। चौधरी धर्मवीर को किरण चौधरी का कट्‌टर विरोधी माना जाता है। किरण की बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मिलने की वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। अब किरण चौधरी और श्रुति चौधरी 19 जून को भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। उनकी इस भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर लोकसभा टिकट की भी दावेदारी हो चुकी है।

चौधरी वंशीलाल। फाइल

बंसीलाल की तीन 3 पीढ़ियों को हराया चुनाव

 

आपको बता दें कि राजनीतिक जीवन के दौरान चौधरी धर्मवीर को पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल परिवार की 3 पीढ़ियों को हराने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1987 में लोकदल के उम्मीदवार के रूप में तोशाम विधानसभा सीट से खुद बंसीलाल को हराकर चौंका दिया था। उन्होंने 2000 में तोशाम से बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र को हराया था और बाद में बंसीलाल की पोती (सुरेंद्र की बेटी) श्रुति चौधरी को 2014 और 2019 में भाजपा के सदस्य के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर हराया था।

इतना ही नहीं, चौधरी धर्मवीर सिंह ने राव इंद्रजीत सिंह को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए। चौधरी धर्मवीर ने कहा कि हमारे इलाके (अहीरवाल) के लोगों में थोड़ी नाराजगी है। राव इंद्रजीत सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है। जबकि लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा

गैर जाट राजनीति की वजह से मंत्री नहीं बने

 

दरअसल, चौधरी धर्मवीर ने परिवारिक सदस्य के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि ये उनकी मर्जी है कि वो चुनाव लड़े या ना लड़े। धर्मवीर सिंह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। धर्मवीर को भी इस बार केंद्र में मंत्रीपद की दौड़ में माना जा रहा था।

हालांकि, हरियाणा में भाजपा की गैर जाट राजनीति की वजह से वह पिछड़ गए और पंजाबी चेहरे मनोहर लाल, गुर्जर समुदाय से कृष्णपाल गुर्जर और अहीर समाज से राव इंद्रजीत सिह को मंत्री बना दिया गया। धर्मबीर जाट समाज से हैं।

 

धर्मबीर सिंह और राव दान सिंह।

तीसरी बार सांसद बने धर्मबीर

आपको बता दें कि चौधरी धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। दशकों तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले धर्मबीर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इंद्रजीत सिंह की तरह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

राव इंद्रजीत सिंह की पैरवी पर तीनों बार भाजपा हाईकमान ने चौधरी धर्मबीर को टिकट दी। दो बार 2014 और 2019 में तो धर्मबीर सिंह आसानी से जीत गए, लेकिन इस बार कांग्रेस की तरफ से राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने से धर्मबीर चौधरी कांटे के मुकाबले में फंस गए थे। वह मात्र 40 हजार वोटों से ही चुनाव जीत सके थे।

चौधरी धर्मबीर की जीत के लिए राव इंद्रजीत सिंह को ही मैदान में उतरना पड़ा था। राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार के दौरान चौधरी धर्मबीर को अपना साथी बताते हुए अहीरवाल में उन्हें जिताने की अपील की थी। राव इंद्रजीत सिंह की अपील का असर महेंद्रगढ़ इलाके में दिखाई दिया। इसकी वजह से पासा पलट गया और चौधरी धर्मबीर सिंह लोकसभा का चुनाव जीत गए।

 

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