Haryana Politics: अंबाला से सांसद बने वरुण मुलाना ने विधानसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Politics: अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य बने वरुण चौधरी ने मुलाना विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। विधायक ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। वह अंबाला की मुलाना विधानसभा से 2019 में विधायक बने थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को हराकर जीत हासिल की है।
इसलिए दिया इस्तीफा
नियमानुसार किसी भी विधायक के लोकसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित होने की अधिसूचना जारी होने के 14 दिन के भीतर विधानसभा की सदस्यता छोड़नी होती है। या जहां से वह संसदीय चुनाव जीते हों, उस लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में वरुण चौधरी को 20 जून से पहले मुलाना विधानसभा के विधायक पद से त्यागपत्र देना पड़ा।
आपको बता दें कि वरुण चौधरी हरियाणा विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण समिति अर्थात पब्लिक अकाउंट कमेटी- पीएससी (लोक लेखा समिति) के चेयरमैन भी थे। उनके विधायक पद से त्यागपत्र देने के साथ ही अब यह पद भी रिक्त हो गया है। विधानसभा स्पीकर द्वारा लोक लेखा समिति के नए चेयरमैन के तौर पर किसी और विधायक को नामित किया जाएगा। चूंकि हरियाणा विधानसभा के अगले आम चुनाव इसी वर्ष अक्टूबर में निर्धारित हैं, इसलिए रिक्त होने वाली मुलाना विधानसभा सीट पर उप चुनाव नहीं होगा।
वरुण को विरासत में मिली राजनीति
वरुण चौधरी बतौर वकील अंबाला कोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं। घर में राजनीतिक माहौल से प्रभावित होकर वह खुद भी कांग्रेस से जुड़ गए। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें पहले संगठन की जिम्मेदारी दी और फिर साल 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में मुलाना सीट से टिकट दिया। इसमें वह बीजेपी के उम्मीदवार राजबीर सिंह को 1,688 वोटों से शिकस्त दी। हरियाणा विधानसभा का सदस्य रहते हुए सक्रिय भागीदारी के चलते उन्हें मार्च 2021 में ‘सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
26 करोड़ संपत्ति के मालिक
इस बार उन्होंने चुनाव आयोग को दिए हलफनामा में कुल संपत्ति करीब 26 करोड़ बताई है। हालांकि उन्होंने करीब 62 लाख रुपए की देनदारी भी बताई है। उन्होंने अपने हलफनामा में स्वीकार किया है कि उनके पत्नी बच्चों के पास कोई पैसा रुपया नहीं है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया है कि देश की किसी अदालत में उनके खिलाफ कोई मुकदमा लंबित नहीं है।
सिरसा की रानियां और बादशाहपुर सीट भी खाली
बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के निर्दलीय विधायक पद से इस्तीफे के बाद से ही सिरसा की रानियां और निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से बादशाहपुर विधानसभा सीट पहले से रिक्त हैं। चूंकि हरियाणा विधानसभा के अगले आम चुनाव इसी वर्ष अक्टूबर में निर्धारित हैं, इसलिए तीनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव नहीं कराया जाएगा। विधानसभा के आम चुनाव के साथ ही इन तीनों सीटों के लिए भी चुनाव कराए जाएंगे।
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