हरियाणा ने जुआ, सट्टेबाजी और स्पोर्ट फिक्सिंग के खिलाफ कड़ा कदम उठाया, जानें नए कानून के बारे में

नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana News: हरियाणा सरकार ने जुआ, सट्टेबाजी, स्पोर्ट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर अपराधों को संगीन अपराध घोषित कर दिया है। यह निर्णय राज्य की जनता को इन अवैध गतिविधियों से सुरक्षित करने और खेल व चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। 21 मई से लागू हुए नए कानून ‘हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम अधिनियम’ ने परंपरागत अंग्रेजी कानून को समाप्त कर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे राज्य में अपराधियों एवं अपराध की प्रवृत्ति को अनुशासन में लाने की दिशा में नई संभावना जगी है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और कानून का विकास

हरियाणा में जुआ, सट्टेबाजी और खेल फिक्सिंग के खिलाफ कानून का इतिहास अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है। 19वीं सदी के अंत में अंग्रेजों ने जुआ और सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए, जिनका प्रभाव आज भी देखने को मिलता है। हालांकि, समय के साथ इन कानूनों में बदलाव की जरूरत महसूस की गई क्योंकि नई चुनौतियों एवं अपराध की बढ़ती जटिलताओं के कारण पुराने कानूनों का प्रभाव कम हो गया था।

अंततः 21 मई 2023 को हरियाणा विधानसभा में पारित नए कानून ने पुराने कानूनों को खत्म कर दिया। इस कानून का उद्देश्य जुआ, सट्टेबाजी और स्पोर्ट फिक्सिंग जैसे अपराधों को रोकना है, ताकि खेलों और चुनावों की स्वच्छता बनी रहे और जनता का विश्वास बना रहे।

कानून का नाम और प्रावधान

नया कानून ‘हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम अधिनियम’ के नाम से जाना जाता है। यह कानून विशेष रूप से जुआ, सट्टेबाजी, स्पोर्ट फिक्सिंग, मैच फिक्सिंग और संबंधित अपराधों को संगीन अपराध घोषित करता है। इसमें अपराधियों के खिलाफ कठोर दंड और पुलिस को अधिक अधिकार दिए गए हैं, ताकि कार्रवाई प्रभावी ढंग से की जा सके।

अपराध की श्रेणियां और दंड

लॉ के प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति पहली बार इस तरह के अपराध में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे सामान्य सजा और जुर्माने का प्रावधान है। यदि वही व्यक्ति फिर से अपराध करता है या बार-बार अपराध करता है, तो उसकी सजा और जुर्माना दोनों में वृद्धि की जाएगी।

अधिनियम के तहत, अपराध की गंभीरता के आधार पर अधिकतम सात साल की जेल और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह सजा और जुर्माना अपराध की पुनरावृत्ति और अपराध की प्रकृति पर निर्भर करेगा। इससे अपराधियों को कड़ा संदेश देने के साथ-साथ अपराध की पुनरावृत्ति को रोकने का भी प्रयास किया गया है।

पुलिस-प्रशासन को अतिरिक्त अधिकार

नए कानून ने पुलिस और प्रशासन को बड़े अधिकार प्रदान किए हैं, जिससे वे अपराधियों के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई कर सकें।

वारंट के बिना गिरफ्तारी: पुलिस अधिकारी किसी भी व्यक्ति को वारंट के बिना गिरफ्तार कर सकते हैं, यदि उन्हें सट्टेबाजी या जुए के संदर्भ में विश्वसनीय सूचना मिलती है। इससे कार्रवाई में तेजी आएगी और अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी।

स्थानों पर प्रवेश और तलाशी: कार्यकारी मजिस्ट्रेट या राजपत्रित पुलिस अधिकारी को अनुमति दी गई है कि वे सट्टेबाजी या जुआ के संदर्भ में किसी स्थान पर प्रवेश कर सकते हैं और तलाशी ले सकते हैं।

मामलों की जांच और जब्ती: पुलिस नकदी, दस्तावेज, और अन्य सामग्री जब्त कर सकती है, जो संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित हो। इससे जांच और कार्रवाई की दिशा में तेजी आएगी।

बार-बार अपराध करने पर सजा में वृद्धि

 

यह कानून अपराधियों को बार-बार अपराध करने से रोकने के लिए भी कठोर प्रावधान लाता है। यदि कोई आरोपी बार-बार इस तरह के अपराधों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी सजा और जुर्माना दोनों में बढ़ोतरी की जाएगी। इससे अपराधियों को कड़ा संदेश मिलेगा कि उनका अपराध अनदेखा नहीं किया जाएगा, और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अपराध की श्रेणियां और परिभाषाएं

नए कानून में सट्टेबाजी के मामलों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। इससे न केवल अपराध की गंभीरता का सही आकलन संभव होगा, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया भी अधिक सटीक और प्रभावी होगी।

प्रथम अपराध: यदि कोई व्यक्ति पहली बार सट्टेबाजी या जुए में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे सामान्य सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
द्वितीय और उससे अधिक बार अपराध: यदि वही व्यक्ति फिर से अपराध करता है, तो उसकी सजा और जुर्माना दोनों बढ़ाए जाएंगे। अधिकतम सात वर्षों की जेल और पांच लाख रुपये का जुर्माना संभव है।

जमानत और कानूनी प्रक्रिया

 

इस कानून में जमानत की व्यवस्था भी स्पष्ट की गई है। अपराध की प्रकृति को देखते हुए, विशेष परिस्थितियों में जमानत देना प्रतिबंधित किया जा सकता है। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि अपराधियों को भागने का मौका न मिले और कानूनी प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित हो।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

 

इस कानून के लागू होने से हरियाणा में जुए और सट्टेबाजी के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल अपराधियों की संख्या में कमी आएगी, बल्कि खेल और चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।

साथ ही यह कानून स्थानीय स्तर पर आर्थिक अपराधों को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा क्योंकि नकदी और अन्य सामग्री की जब्ती से अपराधियों की आर्थिक साख पर प्रभाव पड़ेगा। इससे अवैध लेनदेन पर अंकुश लगेगा और समाज में नैतिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

कानून का प्रभाव और आगे की दिशा

 

यह कानून हरियाणा की कानून व्यवस्था में एक नई दिशा का संकेत है। इससे पहले अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कानूनों का स्थान ले रहा है, जो अब पुराना और प्रभावहीन हो चुके थे। नई व्यवस्था में पुलिस को अधिक स्वतंत्रता और अधिकार दिए गए हैं, ताकि वे अपराधियों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर सकें।

आम जनता में भी इस कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा, क्योंकि इससे जुआ और सट्टेबाजी जैसी गतिविधियों की रोकथाम होगी। इससे खेल और चुनाव की प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनेगी, जो लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक होगी।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति

 

हरियाणा सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। नए कानून के माध्यम से जुआ, सट्टेबाजी और स्पोर्ट फिक्सिंग जैसे अपराधों को संगीन श्रेणी में लाकर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। पुलिस को अधिक अधिकार दिए गए हैं, और अपराध की पुनरावृत्ति पर सजा में वृद्धि का प्रावधान है, जो अपराधियों के मनोबल को तोड़ने और समाज में नैतिकता स्थापित करने का प्रयास है।

यह कानून न केवल अपराधियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि समाज को भी जागरूक करने का एक माध्यम है कि जुआ, सट्टेबाजी और फिक्सिंग जैसी गतिविधियों का कोई स्थान हरियाणा में नहीं है। इसके सफल कार्यान्वयन से हरियाणा एक स्वच्छ, पारदर्शी और नैतिक समाज की दिशा में कदम बढ़ाएगा, जो खेल, चुनाव और सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

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