Haryana Weather: बारिश के साथ 11 दिन में तीसरी बार गिरे ओले, किसानों को सताने लगा फसलों को नुकसान होने का डर

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हिसार में बारिश के साथ 11 दिन में तीन बार ओले गिरे हैं। 19 फरवरी को ओलावृष्टि के बाद एक मार्च को ओले गिरे। शनिवार 2 मार्च को तीसरी बार बुगाना, सुलखनी, बगला, उकलाना सहित कई अन्य गांवों में ओले गिरे हैं। दोपहर करीब दो बजे के करीब ओले गिरे। ओले गिरने से फसलों को ज्यादा नुकसान की रिपोर्ट अभी नहीं है। मौसम विभाग ने पहले ही ओलावृष्टि की आशंका जाहिर की थी। रविवार को भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में बादल छाए रहेंगे। अब आसमान में छाए काले बादल किसानों को डराने लगे हैं।

कई जगहों पर तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे

 

पश्चिमी विक्षोभ के असर से जिले में शनिवार सुबह से ही बादल छाए गए थे। दोपहर बाद तेज हवाएं भी चल रही थी। करीब 2 बजे बादल गहराने शुरू हो गए। शहर में हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। इसी दौरान ग्रामीण इलाकों में कई जगहों पर तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। गांव सुलखनी, बुगाना, बगला, उकलाना सहित अन्य गांवों के लोगों ने बताया कि बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। अभी बादल छाए हुए हैं। शुक्रवार को बहबलपुर, आर्य नगर, लुदास, शाहपुर सहित कुछ अन्य गांवों में ओले गिरे थे।

ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसलों समेत सब्जियों को नुकसान

 

चरखी दादरी जिले के बौंदकलां, डोहकी, छपार, रासीवास, झरवाई समेत विभिन्न गांवों में शनिवार को ओलावृष्टि हुई। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसलों समेत सब्जियों की खेती में नुकसान हुआ है। विभिन्न गांवों के किसानों ने प्रशासन और सरकार से नुकसान की भरपाई करवाने की मांग की है।

अक्तूबर से जनवरी में केवल 5.5 एमएम बारिश

 

इस बार सर्दी के दिसंबर- जनवरी महीने में बारिश शून्य रही। दो महीनों में सामान्य तौर पर 17.3 एमएम बारिश होती है। दिसंबर- जनवरी महीने में एक अच्छी बारिश होने से किसानों को करोड़ों रुपये की बचत होती है। बारिश होने के बाद किसानों को सिंचाई के लिए डीजल ईंजन, बिजली खर्च नहीं करनी पड़ती। इस बार अक्तूबर से जनवरी के चार महीने में केवल 5.5 एमएम बारिश हुई। औसतन इन चार महीनों में 30.2 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। चार महीने में सामान्य से मुकाबले 85 प्रतिशत बारिश कम रही। बारिश होने से फसलों को सबसे अधिक फायदा होता है, जिसमें गेहूं, सरसों, चना, जौ की फसल को सबसे अधिक लाभ पहुंचता है। हरियाणा में सबसे अधिक क्षेत्र में गेहूं व सरसों की फसल लगाई जाती है।

आगे ऐसा रहेगा मौसम

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि शुक्रवार शाम तक यह पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा। मगर देर रात तक एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके असर से 3 फरवरी को बादल छाए रहेंगे। साथ ही 3 व 4 फरवरी को बारिश की भी संभावना रहेगी। इस विक्षोभ का असर 6 फरवरी तक रहेगा। चूंकि, इस विक्षोभ के कारण पहाड़ों में काफी बर्फबारी भी होगी। इस कारण से इस विक्षोभ के गुजरने के बाद फिर से तापमान में कमी आएगी।

इन गांवों में दिनभर बिजली रही गुल

उधर, थर्मल पावर प्लांट में तड़के 3 बजे आई तकनीकी समस्या के कारण बहबलपुर, बाडो पट्टी, खेड़ी बर्की, धिकताना, सरसौद व बिछपड़ी में बिजली गुल हो गई। रात 9 बजे ग्रामीण बिजली आने का इंतजार करते रहे। बिजली न होने से ग्रामीणों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई।

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