हरियाणा के सहकारिता विभाग में कैसे हुआ 100 करोड़ का घोटाला, एसीबी ने कैसे बिछाया जाल, जानें सभी कुछ

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा के सहकारिता विभाग में करीब 100 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा गया है। सहकारिता विभाग की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में अधिकारियों, कर्मचारियों, लेखा परीक्षकों और निजी व्यक्तियों की मिलीभगत से लंबे समय से घोटाला किया जा रहा था। एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के तहत ग्रामीण तथा कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हुए विकास कार्य करवाए जाते हैं और सहकारी समितियों को विकसित किया जाता है। हरियाणा की एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस घोटाले को पकड़ते हुए सहकारिता विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों तथा चार निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर स्वयं इस पूरे घोटाले पर निगाह रखे हुए थे और उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहले ही इससे अवगत करा दिया था।
पकड़े गए अधिकारियों में 6 राजपत्रित, आडिटरों की मिलीभगत से घोटाला
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हरी झंडी मिलने के बाद कपूर ने अपनी टीम इन घोटालेबाजों के पीछे लगा दी और सरकार को दीमक की तरह खा रहे इन भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। ब्यूरो को उम्मीद है कि घोटाले की जांच के दौरान कई अधिकारी और पकड़े जा सकते हैं। बावल से विधायक डा. बनवारी लाल सहकारिता विभाग के मंत्री हैं, जिन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत का समर्थक माना जाता है। डा. बनवारी लाल और अनिल विज दो ही मंत्री ऐसे थे जो साल 2019 के चुनाव में दोबारा जीतकर आए थे। बाकी सभी मंत्री चुनाव हार गए थे। सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां और जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां द्वारा आडिटरों की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा राशि से अपने निजी हित में फ्लैट तथा जमीन खरीदी जा रही थी। इन अधिकारियों द्वारा सरकारी रिकार्ड और बैंक खातों संबंधी विवरण भी सरकारी रिकार्ड में जाली लगाया हुआ था।
करनाल तथा अंबाला रेंज में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज
एंटी करप्शन ब्यूरो को महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि पूरे मामले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नाम पर 100 करोड़ रुपये का गबन हुआ है, जो कि अधिक भी हो सकता है। सभी आवश्यक सबूत जुटाते हुए मामले की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ करनाल तथा अंबाला रेंज में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं। ब्यूरो की टीम ने घोटाले में संलिप्त छह राजपत्रित अधिकारियों, आइसीडीपी रेवाड़ी के चार अधिकारियों तथा चार निजी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की है।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने इन अधिकारियों को गिरफ्तार किया
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपितों में आडिट आफिसर बलविंदर, डिप्टी चीफ आडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां (एआरसीएस) अनु कोशिश, रामकुमार, जितेंद्र कौशिक और कृष्ण बेनीवाल को गिरफ्तार किया गया है। इसी विभाग के आइडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा तथा विजय सिंह की गिरफ्तारी की गई है। घोटाले में शामिल चार निजी व्यक्तियों स्टालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष तथा रेखा को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सीएम की हरी झंडी से लगातार घोटाले उजागर कर रहे कपूर
सहकारिता विभाग की बड़ी मछलियों पर की गई कार्रवाई से हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने भ्रष्टाचारियों को एक बार फिर कड़ा संदेश दिया है। उन्हें खुले रूप से मुख्यमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है। कपूर ने कहा कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी और किसी भी विभाग का क्यों न हो, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकारी काम करने की एवज में रिश्वत की मांग करता है तो तुरंत इसकी जानकारी हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर 1800-180-2022 तथा 1064 पर देना सुनिश्चित करें।