सैफिया विज्ञान महाविद्यालय में संगोष्ठी में लड़कियों को दी स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी

भोपाल के सैफिया विज्ञान महाविद्यालय में सालाना अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक संगोष्ठी ने महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी का उद्देश्य था “महिलाएं, आधुनिक जीवनशैली और हार्मोन असंतुलन”। इसमें प्रमुख वक्ता के रूप में इंदौर की प्रसिद्ध योग विशेषज्ञ ज्योति भदौरिया जी ने सहभागिता की।
ज्योति भदौरिया का परिचय
ज्योति भदौरिया एक फ्रीलांस योग विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने पिछले कई वर्षों में योग, ध्यान, गीता और आधुनिक जीवन शैली पर 100 से अधिक विशेषज्ञ लेक्चर्स देकर कई संस्थानों को लाभान्वित किया है। उनका अनुभव और ज्ञान इस विषय पर चर्चा के लिए उन्हें एक आदर्श वक्ता बनाते हैं।
युवा लड़कियों के स्वास्थ्य पर चर्चा
संगोष्ठी की शुरुआत में श्रीमती भदौरिया ने किशोरावस्था से युवावस्था की ओर बढ़ने वाली लड़कियों के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर विचार किया। उन्होंने कहा, स्वस्थ बालिका, स्वस्थ स्त्री, और स्वस्थ स्त्री स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करती है। इस बात पर जोर दिया गया कि महिलाओं का स्वस्थ होना किसी भी राष्ट्र के लिए अत्यंत आवश्यक है।
श्रीमती भदौरिया ने बताया कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करना चाहिए और इसे उनकी जीवनशैली के संदर्भ में देखना चाहिए। वह स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक भोजन का महत्व भी दर्शाती हैं, और बताती हैं कि यह किसी भी स्त्री के स्वास्थ्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
आधुनिक जीवनशैली की समस्याएं
चर्चा के दौरान उन्होंने आधुनिक जीवनशैली के कारण महिलाओं में उत्पन्न होने वाली अनेक समस्याओं जैसे मासिक धर्म की समस्याएं, मोटापा, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीस (PCOD), थकान, आलस्य, डार्क सर्कल और अन्य स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर प्रकाश डाला।
श्रीमती भदौरिया ने भोजन की थाली के महत्व पर जोर दिया और बताया कि बार-बार खाने में गड़बड़ियों के कारण महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि बालिकाओं में क्रोध और हठ के निदान के लिए अनुशासन और मानसिक संतुलन का पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने किशोरियों की विकास प्रक्रिया के दौरान उनके मनोविज्ञान को समझने की आवश्यकता को बताया। साथ ही, बालिकाओं को सब्जियां खाने के लिए प्रेरित करने के तरीकों पर भी चर्चा की, ताकि वे अपनी आहार प्रणाली को सुधार सकें।
छात्रों के प्रश्न और श्रीमती भदौरिया के उत्तर
संगोष्ठी में छात्रों ने प्रश्नोत्तर सत्र में अपनी चिकित्सा सम्बन्धी समस्याओं पर चर्चा की। श्रीमती भदौरिया ने इन समस्याओं के निदान के लिए योग और पारंपरिक भारतीय जीवन शैली के उपयोग के बारे में सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि सरल योग आसन, प्राणायाम और ध्यान करने से न केवल मानसिक संतुलन हासिल होता है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
महिला प्राध्यापिकाओं की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की अन्य महिला प्राध्यापिकाएं भी उपस्थित थीं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा को और भी समृद्ध किया। संगोष्ठी का सञ्चालन महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रिजवाना जमाल ने किया, जिन्होंने बातचीत के दौरान छात्रों के विचारों और प्रतिक्रियाओं को महत्व दिया।
समापन और आभार
संगोष्ठी के समापन पर वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मिन्हाल हैदर ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने महिला दिवस के अवसर पर इस संगोष्ठी के आयोजन की महत्ता को दोहराया और उम्मीद की कि यह चर्चा महिलाओं को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ उनकी समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध होगी।
इस प्रकार, यह संगोष्ठी न केवल महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने का एक सही मंच था बल्कि सहायक उपायों और सूचना से लैस करने का भी एक अवसर था। संगोष्ठी में सभी ने सक्रिय रूप से भाग लिया, और यह एक सार्थक चर्चा के रुप में स्थापित हुआ। महिलाओं की सेहत को बेहतर बनाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है ताकि वे न केवल अपने लिए, बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए स्वस्थ जीवन जी सकें।