असम के सीएम ने दिया दो टूक जवाब, मैं पक्षपात करूंगा, ‘मिया’ मुस्लिमों को असम पर कब्जा नहीं करने दूंगा

गुवाहाटी, बीएनएम न्यूजः असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि वह पक्षपात करेंगे और ‘मिया’ मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू ‘मिया’ मुस्लिम बहुल स्थानों से पलायन कर रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम मुद्दा आज राज्य में सबसे ज्वलंत मुद्दा है। हमें इस पर बहस करने और इसे सुलझाने की जरूरत है।

वे नागांव में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना को लेकर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्षी दलों द्वारा लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर मंगलवार को विधानसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित रखा जाता तो अपराध की दर नहीं बढ़ती।

सरमा ने दावा किया कि निचले असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तन बड़ी तेजी से हो रहा है। वहां हिंदुओं ने अपनी जमीन और अधिकार खो दिए हैं। हिंदू नाम वाले गांवों में अब कोई हिंदू नहीं है। उन्होंने कहा कि एक दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसमें मतदान केंद्रों के अनुसार जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का विवरण होगा। बता दें कि ‘मिया’ मूलतः असम में बंगाली भाषी मुसलमानों को कहा जाता है है और गैर-बांग्ला भाषी लोग आमतौर पर इन्हें बांग्लादेशी विस्थापित के रूप में पहचानते हैं।

मैं पक्षपात करूंगाः मुख्यमंत्री

जब विपक्ष के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री पर पक्षपात का आरोप लगाया तो सीएम ने कहा-‘मैं पक्षपात करूंगा। आप क्या कर सकते है?’ सरमा ने कहा-‘लोअर असम के लोग अपर असम क्यों जाएंगे? ताकि मिया मुस्लिम असम पर कब्जा कर लें? हम ऐसा नहीं होने देंगे।’

सत्त पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक

इस दौरान सत्ता व विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। दोनों ओर से सदस्य अपनी सीटें छोड़कर आसन के समीप आ गए जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस, एआइयूडीएफ और माकपा के विधायकों तथा एकमात्र निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत बढ़ती जुर्म की घटनाओं से उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया था।

सरमा को सीएम पद से बर्खास्त करने की मांग

असम में विपक्ष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुख्यमंत्री हिमंता को सांप्रदायिक और असंवैधानिक बयान देने के लिए उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि उनके बयानों का उद्देश्य समुदायों के बीच तनाव पैदा करना है।

18 दलों को लेकर राज्य में गठित संयुक्त विपक्षी मंच असम (यूओएफए) ने एक आपात बैठक कर इन टिप्पणियों के लिए बुधवार को सरमा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का भी फैसला किया।

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