Hisar Loksabha Seat: हरियाणा में मतदान होते ही कांग्रेस में हंगामा: हिसार उम्मीदवार जयप्रकाश चौधरी बीरेंद्र सिंह पर भड़के; बोले- दगा करने वालों के पल्ले कुछ नहीं

जयप्रकाश और चौधरी बीरेंद्र सिंह।

नरेन्द्र सहारण, हिसार। Hisar Loksabha Seat: हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर जमकर भड़ास निकाली है। जयप्रकाश उर्फ जेपी ने बीरेंद्र सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि उचाना में धोखा देने वालों के पल्ले कुछ नहीं निकला। लोगों ने सीधे उनको वोट दिए हैं। जो इस तरह के लोग पहले घूम रहे थे, लोगों की इनकी असलियत का पता चल गया। उचाना में उनके वोटों में एक प्रतिशत भी किसी का फर्क नहीं पड़ा।

बीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश से समर्थन के लिए रखी शर्त

बता दें कि जयप्रकाश ने हिसार लोकसभा से टिकट मिलने के बाद सबसे पहले बीरेंद्र सिंह को फोन कर समर्थन मांगा था, मगर बीरेंद्र सिंह ने घर आकर मिलने की बात कही। इसके बाद जयप्रकाश ने घर मिलने का समय मांगा तो बीरेंद्र सिंह ने समर्थकों के बीच समर्थन मांगने की बात कही। जयप्रकाश उचाना की बैठक में समर्थकों के बीच भी गए मगर फिर भी चौधरी बीरेंद्र सिंह प्रचार से गायब रहे। अब मतदान खत्म होने के बाद जयप्रकाश ने बीरेंद्र सिंह पर खुलकर भड़ास निकाली है।

कांग्रेस में सबसे ज्यादा गुटबाजी हिसार सीट पर दिखी

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी का सबसे ज्यादा प्रभाव हिसार लोकसभा सीट से देखने को मिला। यहां गुटबाजी इतनी चरम पर थी कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ही केवल जेपी का प्रचार करने आए। इसके अलावा हिसार से ही एसआके ग्रुप के बड़े नेता कुमारी सैलजा, चौधरी बीरेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह एक दिन भी प्रचार करने नहीं आए। इतना ही नहीं किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला भी यहां नहीं आए। इसके अलावा इनके समर्थकों ने भी पूरे प्रचार से गायब दिखे।

कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं से लिया फीडबैक

हिसार के कांग्रेस भवन में जयप्रकाश ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और फीडबैक लिया। इस पर जयप्रकाश ने कहा कि हिसार सीट पर हम जीत रहे हैं। करीब 40 हजार वोट हिसार से मुझे मिलेंगे। जयप्रकाश ने कहा कि हिसार में 1 लाख के करीब वोट पोल हुए हैं। उसमें 40 हजार मुझे मिलेंगे और बाकी जो बचेंगे, वे बांट लेंगे।

सोने का मन करता है, पर मजबूरी है

जयप्रकाश ने कहा कि चुनाव में निराशा की नहीं, यह थकावट झलक रही है। 29 दिन जी-तोड़ मेहनत के बाद मतदान के बाद कार्यकर्ताओं से मिलना जरूरी होता है। मतदान को लेकर फीडबैक लेना जरूरी होता है। 29 दिन की मेहनत एक तरफ और 30वें दिन की मेहनत अलग है। जेपी ने कहा कि सोने का मन उनका भी करता है, मगर नतीजों तक वह शांत नहीं बैठेंगे। कार्यकर्ताओं से मिलते रहेंगे।

उचाना में बीरेंद्र ने नहीं किया जेपी के लिए प्रचार

बीरेंद्र सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और हिसार से अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहते थे। मगर कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के करीबी रहे जयप्रकाश को टिकट मिल गया। बीरेंद्र सिंह इस बात से नाराज हो गए थे और हिसार के चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर सिरसा से कुमारी सैलजा के प्रचार में लग गए थे। कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा दोनों का आपस में 36 का आंकड़ा है।

 

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