Hisar Loksabha Seat: नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान, टिकट न मिलने पर हलकों से दूर रहे ये बड़े नेता; उनके गढ़ में दिखा असर

नरेन्द्र सहारण, हिसार। Hisar Loksabha Seat: हरियाणा के हिसार मे कार्यकर्ताओं और नेताओं की उदासीनता के चलते उन विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को हुई मतदान में मतदान प्रतिशत घट गया, जिन हलकों के नेताओं को पार्टियों ने टिकट नहीं दी। इसमें आदमपुर, उचाना और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन तीनों क्षेत्रों से कई बड़े नेता अपनी पार्टियों में टिकट के दावेदारों में थे।

बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई

आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई और नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं उचाना से बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए हिसार से टिकट मांग रहे थे। मगर इन तीनों को ही कांग्रेस और भाजपा ने टिकट न देकर बाहर से उम्मीदवार लाकर उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि तीनों ही अपनी पार्टियों से नाराज होकर प्रचार से दूर हो गए। हालांकि भाजपा अपने नेताओं को मनाने में कामयाब रही, मगर बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई। बीरेंद्र और बृजेंद्र सिंह दोनों ही कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश के प्रचार से दूर ही रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला।

बाहरी उम्मीदवार से जनता नाराज दिखी

आपको बता दें कि हिसार में सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहर से उम्मीदवार लाकर मैदान में उतारे। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया। रणजीत चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं और सिरसा की रानियां सीट से विधायक थे। इन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया। जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा से आते हैं और यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार जजपा ने नैना को मैदान में उतारा जो सिरसा डबवाली की रहने वाली हैं। वहीं सुनैना चौटाला भी डबवाली से हैं। हालांकि नैना आदमपुर की दड़ौली और सुनैना दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। मगर लोगों में इसकी नाराजगी दिखी की चारों प्रमुख पार्टियों ने बाहरी लोगों को मैदान में उतारा।

उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार दूर रहा

उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार के चुनाव से दूर रहने और मौजूदा विधायक दुष्यंत चौटाला से हलका वासियों की नाराजगी का असर भी उचाना में देखने को मिला। बीरेंद्र सिंह उचाना से ही बसरों से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने इस बार भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बेटे के लिए हिसार से टिकट चाहते थे मगर ऐसा नहीं हुआ।

नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए

कांग्रेस में बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने से नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए और सिरसा में ही पिता-पुत्र प्रचार करते दिखे। इसका असर उचाना में वोटिंग पैटर्न पर भी पड़ा। उचाना में 2019 के मुकाबले 7.21 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में उचाना में 72.62 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं 2024 में 65.41 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं।

पहली बार चुनाव से दूर रहा बिश्नोई परिवार

हिसार लोकसभा में 2009 से लगातार बिश्नोई परिवार चुनाव लड़ता आया है। स्व. भजनलाल ने 2009 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई 2011 में हिसार से सांसद चुने गए। 2014 में कुलदीप ने फिर हिसार से चुनाव लड़ा, मगर हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य को मैदान में उतारा मगर वह हार गए। मगर इस बार बिश्नोई परिवार चुनाव से दूर रहा।

आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया

इसका असर भी वोटिंग में देखने को मिला। कुलदीप समर्थकों में उत्साह कम देखने को मिला। आदमपुर में 2019 के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला। आदमपुर में 2019 में पिछली बार लोकसभा में सबसे अधिक 77.74 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2024 में यह आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया है। वहीं अगर इससे पहले भी देखा जाए तो 2014 में आदमपुर में 78.14 प्रतिशत मतदान हुआ था।

उकलाना में सैलजा और नारनौंद में कैप्टन की बेरुखी रही

मूलत उकलाना के गांव प्रभुवाला की रहने वाली सैलजा हिसार के चुनाव से दूर रही। वह हिसार से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट दिलाना चाहती थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सैलजा को खुद सिरसा से लड़ना पड़ा और हिसार से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के करीबी जयप्रकाश जेपी को टिकट मिला। इसके कारण सैलजा व उसके समर्थक चुनाव से दूर रहे।

वहीं नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से टिकट मांग रहे थे, मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण कैप्टन अभिमन्यु कई दिनों तक प्रचार से दूर रहे। यहां तक कि उनके समर्थक भी लगातार चुनाव प्रचार से दूर रहे। इसका असर मतदान में भी देखने को मिला। उकलाना और नारनौंद में भी पिछली बार की तुलना में मतदान में गिरावट देखने को मिली।

2019 की तुलना में कहां कितना घटा मतदान

आदमपुर- 9.51%
बरवाला- 5.69 %
बवानीखेड़ा- 7.07%
हांसी- 7.06%
हिसार- 5.53%
नलवा- 6.37%
नारनौंद- 7.43%
उचाना- 7.21%
उकलाना- 7.20%

देखें हिसार लोकसभा में चार साल में मतदान प्रतिशत

वर्ष वोट प्रतिशत
2009 69.70
2014 76.52
2019 72.38
2024 65.27

 

 

 

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