दिल्ली कोचिंग हादसे पर गृह मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी: 30 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी; मृतकों के परिवारों को 10 लाख मुआवजा
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ आईएएस के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के बाद हादसे की जांच के लिए सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 5 सदस्यीय कमेठी का गठन किया है। यह 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। इसमें हादसे के कारण और जिम्मेदारों का जिक्र होगा। साथ ही ऐसे हादसों से बचने के उपाय और नीति में बदलाव की सिफारिश भी होगी। हादसे में बेसमेंट में डूबने से यूपी के अंबेडकरनगर निवासी श्रेया यादव, केरल के रहने वाले नेविल डाल्विन और तेलंगाना के सिकंदराबाद की रहने वाली तान्या सोनी की मौत हो गई।
टीम में ये हैं शामिल
कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी, अग्निशमन सलाहकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव संयोजक के तौर पर हैं। वहीं, बेसमेंट हादसे में जिन छात्रों की जान गई है, उनके परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। दिल्ली एलजी कार्यालय ने यह जानकारी दी है।
राजनीति नहीं न्याय चाहिए: अभ्यर्थी
तीन छात्रों की मौत के बाद दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की लापरवाही के खिलाफ दो दिन से तमाम अभ्यर्थी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमें राजनीति नहीं बल्कि न्याय चाहिए, यह हादसा नहीं, हत्या है। हमारे तीन छात्रों की मौत का जिम्मेदार दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) है। सोमवार को राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बाहर यह गूंज चारों और सुनाई दे रही थी। हर कोई बस न्याय की मांग करता दिखा।
पूरी तरह से लापरवाही
प्रदर्शनकारियों ने बैनर व तख्तियां लेकर दिल्ली सरकार और एमसीडी के खिलाफ नारेबाजी की। दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी रोष व्यक्त किया। घटना को सरकार की लापरवाही बताते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि एमसीडी कहती है कि यह एक आपदा है, लेकिन यह पूरी तरह से लापरवाही है। आधे घंटे की बारिश में घुटनों तक पानी भर जाता है। ऐसे में विकास की भेंट भविष्य के तीन अधिकारी चढ़ गए।
कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं
धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी छात्र कपिल उपाध्याय ने दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश पर कहा कि कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है। वह चाहते हैं कि सरकार के लोग यहां आएं और छात्रों की मौत की जिम्मेदारी लें। वे अपने एसी कमरों से ट्वीट करके या पत्र लिखकर किसी का भविष्य कैसे सुधार रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि ओल्ड राजेंद्र नगर में 80 फीसदी लाइब्रेरी बेसमेंट में हैं। यहां दस मिनट की बारिश में भी पानी भर जाता है, लेकिन एमसीडी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया है। छात्र महेश ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनके मकान मालिक पिछले 10-12 दिन से पार्षद से कह रहे थे कि नाले की सफाई होनी चाहिए, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जूनियर इंजीनियर बर्खास्त, असिस्टेंट इंजीनियर सस्पेंड
हादसे के मामले में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD) ने एक्शन लेते हुए एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त और एक असिस्टेंट इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है। ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित इस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को बारिश के पानी में डूबकर 3 छात्रों की मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले को लेकर सोमवार को 5 और लोगों को गिरफ्तार किया है। इस तरह अब तक कुल 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। तीस हजारी कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिले एलजी
ओल्ड राजेंद्र नगर में घटना का जायजा लेने उपराज्यपाल वीके सक्सेना हादसे वाली जगह पर पहुंचे। छात्रों के कई बार आग्रह करने पर एलजी पहुंचे, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि क्या सरकार केवल सोशल मीडिया पर ही चलेगी, जिसके बाद एलजी ने बैरिकेड के दूसरी ओर कुछ छात्रों को बुलाकर बातचीत की।
भाजपा और आप का प्रदर्शन
आप मुख्यालय के पास दिल्ली भाजपा ने प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि एमसीडी में आम आदमी पार्टी (आप) का बहुमत है। मेयर भी आप का ही है। यह घटना एमसीडी की घोर लापरवाही के कारण हुई। कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने वॉटर कैनन चलाई।
इधर, आप कार्यकर्ताओं ने एलजी सचिवालय के बाहर भाजपा और एमसीडी कमिश्नर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आप कार्यकर्ताओं ने कहा कि एमसीडी कमिश्नर की नियुक्ति गृह मंत्रालय करता है। कमिश्नर की लापरवाही के कारण जलभराव हुआ और स्टूडेंट्स की मौत हुई।