Jaya Bachchan: जया अमिताभ बच्चन कहने पर सदन में भड़कीं राज्यसभा सांसद, उपसभापति से कही यह बात

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। चर्चित अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन अक्सर अपनी बातों से सुर्खियों में बनी रहती हैं। सोशल मीडिया पर कई बार उनके नाराज होने को लेकर वीडियो सामने आ चुके हैं। हाल ही में राज्यसभा सांसद का एक वीडियो चर्चा में आ गया। दरअसल, जब संसद में अपनी बात रखने के लिए जया बच्चन का नाम अमिताभ के साथ जोड़ कर लिया गया तो वह इससे नाराज हो गई। उन्होंने अपने नाम के साथ अमिताभ बच्चन का नाम जोड़ने पर ऐतराज जताया।
नाराज हुईं जया बच्चन
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उपसभापति हरिवंश ने उन्हें जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित किया। यह सुनते ही राज्यसभा सांसद नाराज हो गईं। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि सर, सिर्फ जया बच्चन बोल देते तो काफी रहता। उनकी बात सुनकर उपसभापति ने कहा कि यहां पूरा नाम लिखा था इसलिए मैंने इसे सिर्फ दोहराया है। तब हरिवंश ने कहा कि आपकी बहुत उपलब्धि है।
सांसद जया बच्चन राज्यसभा में भड़क गईं। दरअसल जब उन्हें ‘जया अमिताभ बच्चन’ नाम से पुकारा गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर जमकर एतराज जताया। #parliament2024 #jayabachchan pic.twitter.com/69GbzAncN8
— Alka Awasthi (@alkaawasthi01) July 29, 2024
उपसभापति से कही यह बात
उपसभापति की बात सुनकर जया बच्चन ने कहा कि यह नया ट्रेंड शुरू हुआ है कि महिलाएं पति के नाम से जानी जाएंगी। उनका अपना कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह महिलाओं की पहचान से छेड़छाड़ करने जैसा है। यह मुझे पसंद नहीं है। इस वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। ज्यादातर लोगों ने उनके इस रवैये को गैरजरूरी बताया।
उन परिवारों पर क्या गुजरी होगी
जया बच्चन ने कोचिंग सेंटर हादसे को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना क्षुब्ध करने वाला है। अधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण हाल ही में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में तीन छात्रों की मौत हो गई। राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा में हिस्सा ले रहीं जया बच्चन ने कहा कि बच्चों के परिवारों के बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा। उन पर क्या गुजरी होगी! तीन युवा बच्चे चले गए।
कोचिंग सेंटर हादसे पर राजनीति बंद करें
उन्होंने कहा कि मैं एक कलाकार हूं, मैं बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भाव समझती हूं। सब लोग अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। जया ने कहा कि नगर निगम का क्या मतलब होता है। जब मैं यहां शपथ लेने आई तब (मुंबई में) मेरा घर बेहाल था। वहां घुटने तक पानी भरा था। इस एजेंसी का काम इतना बदतर होता है कि मत पूछिये। इसके लिए हम जिम्मेदार हैं क्योंकि हम शिकायत नहीं करते और न ही इस पर कार्रवाई होती है। जिम्मेदार प्रभारियों की क्या जिम्मेदारी होती है ? और यह सिलसिला चलते जाता है। उन्होंने प्रख्यात कवि और श्वसुर हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की ये पंक्तियां पढ़ीं, ‘भार उठाते सब अपने-अपने बल, संवेदना प्रथा है केवल, अपने सुख-दुख के बोझ को सबको अलग-अलग ढोना है। साथी हमें अलग होना है।’
इस फिल्मों में आई थीं नजर
जया बच्चन 2004 से चार कार्यकालों से समाजवादी पार्टी से राज्यसभा में संसद सदस्य हैं। 1992 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया।जया ने सत्यजीत रे की महानगर (1963) में अपनी फिल्म की शुरुआत की। उनकी पहली फिल्म भूमिका गुड्डी (1971) थी, जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। आगे जाकर उनके साथ में कई फिल्मों में काम किया। उन्हें उपहार (1971), कोशिश (1972) और कोरा कागज़ (1974) सहित अन्य फिल्मों में उनके यादगार अभिनय के लिए जाना गया। वे जंजीर (1973), अभिमान (1973), चुपके चुपके (1975), मिली (1975) और शोले (1975) जैसी फिल्मों में अमिताभ बच्चन के साथ दिखाई दीं। जया बच्चन को पिछले साल रॉकी और रानी की प्रेम कहानी नाम की फिल्म में देखा गया था। इस फिल्म में उनके साथ रणवीर सिंह, आलिया भट्ट और धर्मेंद्र जैसे सितारे भी थे। फिल्म का निर्देशन करण जौहर ने किया था।
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