‘आप PM बनने जा रहे तो हम सपोर्ट करेंगे’, प्रधानमंत्री पद के लिए गडकरी को मिला था समर्थन, केंद्रीय मंत्री ने बताया वो किस्सा

नागपुर, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि एक राजनेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने पर समर्थन देने की पेशकश की गई थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनकी उस महत्वाकांक्षा को पूरा करने की कोई इच्छा नहीं है। गडकरी ने कहा, मुझे एक घटना याद है — मैं किसी का नाम नहीं लूंगा — उस व्यक्ति ने कहा था कि ‘अगर आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे,’ लेकिन मैंने पूछा कि आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए।”

कार्यक्रम में पत्रकारों को सम्मानित किया गया

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है। मैं अपने विश्वास और अपने संगठन के प्रति वफादार हूं और मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करने जा रहा हूं क्योंकि मेरा विश्वास मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यही मूल्य भारतीय लोकशाही का आधार है। गडकरी नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां हमारे वरिष्ठ पत्रकारों को पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए 2023-24 का अनिल कुमार पुरस्कार दिया गया।

इस मौके पर पत्रकार विवेक देशपांडे (पूर्व में इंडियन एक्सप्रेस में), रामू भागवत (जो टाइम्स ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त हुए), श्रीमंत माने (संपादक, लोकमत विदर्भ) और राम भाकरे (लोकसत्ता) को सम्मानित किया गया। स्वतंत्रता-पूर्व युग के पत्रकार, कवि और लेखक अनिलकुमार की स्मृति में स्थापित यह पुरस्कार विदर्भ गौरव प्रतिष्ठान और नागपुर यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (NUWJ) द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाता है। अपने भाषण में गडकरी ने पत्रकारिता और राजनीति में नैतिकता की आवश्यकता पर जोर दिया।

ईमानदार विपक्ष का सम्मान किया जाना चाहिए

 

उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के एक वरिष्ठ सदस्य के साथ बातचीत का एक किस्सा साझा किया। सीपीआइ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ हुई मुलाकात को याद करते हुए गडकरी ने उन्हें बताया कि वे दिवंगत एबी बर्धन का कितना सम्मान करते हैं और वे नागपुर और विदर्भ के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक थे। सीपीआई नेता ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बर्धन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोधी थे। इस पर गडकरी ने जवाब दिया कि ईमानदार विपक्ष का सम्मान किया जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि मैंने कहा कि ईमानदारी से विरोध करने वाले व्यक्ति का सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि उसके विरोध में ईमानदारी होती है।…जो बेईमानी से विरोध करता है, वह सम्मान का हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि कॉमरेड बर्धन अपनी विचारधारा के प्रति वफादार थे और राजनीति के साथ-साथ पत्रकारिता में भी अब ऐसे लोगों की कमी है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि लोकतंत्र तभी सफल होगा, जब चारों स्तंभ  न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया – नैतिकता का पालन करेंगे।

2019 में उछला था नाम

2024 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान नितिन गडकरी का नाम प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर चर्चा में आया था। 2019 में भी जब इसी तरह की चर्चाएं चली थीं तो तब गडकरी ने इन्हें खारिज किया। 2019 में गडकरी ने कहा था कि भारत प्रधानमंत्री का पद नरेंद्र मोदी के सक्षम हाथों में है। हम सभी उनके (पीएम मोदी) पीछे हैं। मैं उनके विजन को पूरा करने में एक और कार्यकर्ता हूं। मेरे पीएम बनने का सवाल ही कहां उठता है? मैं पीएम बनने की दौड़ में शामिल नहीं हूं। मैं सपने नहीं देखता।

एक प्रमुख शख्सियत

 

नागपुर लोकसभा सीट से तीन बार जीत चुके गडकरी भाजपा में एक प्रमुख शख्सियत हैं और उन्हें आरएसएस का मजबूत समर्थन प्राप्त है। वे वर्तमान में सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं, जिन्होंने दस साल से अधिक समय तक इस पद को संभाला है। उन्होंने 2009 से 2013 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ।

 

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