IIT Rape Case: आईआईटी छात्रा ने एसीपी मोहसिन पर लगाया यौन शोषण का आरोप, शादी का वादा कर संबंध बनाए

एसीपी मोहसिन खान

कानपुर : आईआईटी की एक शोध छात्रा ने सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मोहसिन खान पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। छात्रा ने गुरुवार को मोहसिन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाने और धोखा देने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी तहरीर में तथ्य बदल दिए हैं, जिससे उसकी शिकायत का मूल स्वरूप बदल गया।

छात्रा का आरोप और तहरीर में बदलाव का मामला

 

पीड़िता ने बताया कि उसने अपनी शिकायत में साफ तौर पर उल्लेख किया था कि मोहसिन ने झूठा वादा किया था कि वह अपनी पत्नी को तलाक देकर उससे विवाह करेंगे। उसने यह भी बताया कि उसे पहले दिन से ही पता था कि मोहसिन शादीशुदा हैं और उनकी पांच साल की बेटी है। इसके बावजूद मोहसिन ने अपनी पत्नी से अलग होने और तलाक लेकर उससे शादी करने का झांसा दिया। लेकिन जब पुलिस द्वारा तहरीर में दर्ज तथ्यों की जानकारी दी गई, तो उसमें लिखा गया था कि मोहसिन ने खुद को अविवाहित बताया था। छात्रा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह तथ्य गलत है।

छात्रा ने यह भी कहा कि उसे हिंदी लिखना और पढ़ना नहीं आता, इसलिए वह यह नहीं जानती कि एफआईआर हिंदी में कैसे दर्ज की गई। पुलिस द्वारा तहरीर को बदलने के आरोप ने मामले को और विवादित बना दिया है।

मेडिकल जांच और एसआईटी की कार्रवाई

 

पुलिस ने शुक्रवार को पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया। इसके बाद, विशेष जांच टीम (एसआईटी) और दो साइबर विशेषज्ञों की टीम ने आईआईटी परिसर का दौरा किया और छात्रा के हॉस्टल का निरीक्षण किया। इस दौरान पीड़िता ने पुलिस के समक्ष अपने बयान भी दर्ज कराए। हालांकि, एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।

मोहसिन खान और शोध का संदर्भ

 

मोहसिन खान, जो एसीपी कलक्टरगंज और एसीपी क्राइम के पद पर तैनात हैं, ने जुलाई 2024 में विभागीय अनुमति के साथ आईआईटी से “साइबर क्राइम, इन्वेस्टिगेशन एंड क्रिमिनोलॉजी” विषय पर शोध शुरू किया था। पीड़िता भी इसी विषय पर शोध कर रही थी। आरोप है कि इसी दौरान मोहसिन ने छात्रा के साथ नजदीकी बढ़ाई और शादी का झांसा देकर संबंध बनाए।

एफआईआर और कानूनी स्थिति

 

पुलिस ने मोहसिन खान के खिलाफ बीएनएस की धारा 69 (झांसा देकर यौन शोषण) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह धारा गैर-जमानती है, जिसमें दोष सिद्ध होने पर 10 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।

छात्रा का बयान

 

छात्रा ने आरोप लगाया कि मोहसिन ने उसे धोखे में रखा और जब उसने शादी के लिए दबाव डाला तो धमकाना शुरू कर दिया। पीड़िता ने यह भी कहा कि मोहसिन ने शुरू से ही यह झूठ बोला कि उनके पत्नी के साथ संबंध खराब हैं और वह तलाक लेने वाले हैं। लेकिन बाद में पता चला कि उनका वैवाहिक जीवन सुखमय है। यह धोखा उसे नागवार गुजरा और उसने कानूनी कार्रवाई का फैसला किया।

जितनी गलती की है उतनी सजा

पीड़ित छात्रा ने कहा कि जितनी गलती मोहसिन ने की है, उसे उतनी ही सजा मिले। उससे ज्यादा भी न मिले। कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उनका जो भी फैसला होगा वह मंजूर होगा। बस एक बार लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराना चाहती हूं ताकि पता चले कि जितने समय साथ थे, उस दौरान उन्होंने क्या वाकई मुझसे झूठ बोला है।

पीएचडी में लिखाया आईपीएस, हैं पीपीएस

पीड़िता ने कहा कि पीएचडी में फार्म भरने के दौरान उन्होंने खुद को आईपीएस शो किया, लेकिन अब पता चल रहाहै कि वह पीपीएस अधिकारी है। यहां पर भी उन्होंने झूठ बोला। मोहसिन मुझे अच्छे से जानता है कि न कभी मैं झूठ बोलती और न ही किसी से डरती। उनके आने से पहले मैं कई पुलिस ऑफिसर के साथ काम भी कर रही थी। फिर उन्होंने इतना बडृा गेम खेला।

पुलिस की प्रतिक्रिया

 

कल्याणपुर एसीपी अभिषेक पांडेय ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अगर छात्रा को किसी तथ्य पर आपत्ति है तो उससे बात की जाएगी।

मोहसिन की गिरफ्तारी पर सस्पेंस

 

मोहसिन खान की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अभी तक चुप है। छात्रा की शिकायत के बाद से पुलिस पर दबाव बढ़ गया है, लेकिन कोई ठोस कदम उठाया नहीं गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि पुलिस ने मोहसिन से पूछताछ की है या नहीं।

सामाजिक और कानूनी पहलू

 

यह मामला न केवल एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ यौन शोषण के गंभीर आरोप का है, बल्कि तहरीर बदलने और पीड़िता की बात को गलत तरीके से पेश करने जैसे मुद्दों को भी उठाता है। यह सवाल खड़े करता है कि क्या पुलिस और न्याय प्रणाली इस मामले में निष्पक्षता से काम करेगी।

यह मामला कानून और नैतिकता दोनों के संदर्भ में बेहद संवेदनशील है। जहां एक ओर पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए, वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन को भी इस मामले की जांच पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ करनी चाहिए। तहरीर में बदलाव के आरोप और मोहसिन खान की गिरफ्तारी पर चुप्पी इस मामले को और जटिल बना रही है। इस मामले का परिणाम न केवल पीड़िता के लिए, बल्कि समाज में कानून और व्यवस्था पर भरोसे के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

 

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