अलीगढ़ में बेटी की मां होने वाले दामाद के साथ फरार, पुलिस को मिली दोनों की लोकेशन

अलीगढ़, बीएनएम न्‍यूज : दुनिया में रिश्‍तों कई परिभाषाएं हैं। कभी-कभी ये रिश्ते जोड़े का आधार बनते हैं, जबकि कभी-कभी ये बिखराव का कारण बन जाते हैं। हाल ही में अलीगढ़ में एक अनसुनी घटना ने सबको चौंका दिया। यहाँ एक मां ने अपनी बेटी की शादी की तैयारियों के बीच एक ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। यह कहानी न केवल रिश्तों की जटिलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कब और क्यों लोग अपने रिश्तों से विमुख हो जाते हैं।

शादी की तैयारियों में तनाव

अलीगढ़ के मडराक क्षेत्र के एक गांव मेंएक व्यक्ति कपड़े का व्यापार करता है। उसकी बेटी की शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। चार महीने पहले बेटे के साथ उनका रिश्ता तय हुआ था। शादी की तारीख 16 अप्रैल तय की गई थी। विवाह की तैयारियों के लिए परिवार के सदस्य दिनों से मेहनत कर रहे थे। बड़े मेहमानों के स्वागत के लिए सजावट, खाने के लिए तैयारियां और दहेज के रूप में जेवर और पैसे की खरीदारी में भी कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी। इस दौरान दंपती ने ही पूरे परिवार को एक पीली चिट्ठी भेजी, जिसमें शादी का औपचारिक निमंत्रण था। इसके साथ ही दामाद को एक मोबाइल फोन उपहार के रूप में दिया गया। यह फोन महिला के लिए एक नए रिश्ते की शुरुआत की प्रतीक बन गया। लेकिन क्या यह केवल एक नए रिश्ते की शुरुआत थी?

अनसुलझे रहस्य

 

शादी की तैयारी के ठीक दस दिन पहले घटित हुए घटनाक्रम ने लोगों को चौंका दिया। 2 अप्रैल को वर पक्ष के घर पर निमंत्रण पत्र भेजा गया और फिर 3 अप्रैल को महिला व युवक के बीच फोन पर बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। उसी दिन युवक अपने परिवार से कहकर निकला कि वह शादी के कपड़े खरीदने जा रहा है।

कुछ देर बाद उसने अपने पिता को फोन किया और कहा कि मैं जा रहा हूं, तलाशने की कोशिश मत करना। इसके बाद फोन बंद कर लिया। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। युवक की इस बात ने पिता को चिंता में डाल दिया। देर शाम तक संपर्क न होने पर लड़के के पिता ने उसकी ससुराल में फोन किया और बेटे के संबंध में पूछा, तो पता चला कि शाम से बेटी की मां भी गायब है। जब पति ने अलमारी खोली, तो उसे सच्चाई का सामना करना पड़ा। सोने के जेवर और 2.5 लाख रुपये गायब थे। यह सब देखकर पति जितेंद्र की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने खुद को किसी बड़े धोखे का शिकार महसूस किया।

दामाद का बयान

 

जब जितेंद्र ने दामाद से फोन पर अपनी पत्नी के बारे में पूछा, तो युवक ने इधर-उधर की बातें की। लेकिन अंत में उसने यह कबूल कर लिया कि वह और जितेंद्र की पत्नी अब एक साथ हैं। युवक ने यह भी कहा, “बीस साल तुमने रख लिया, बहुत परेशान करते थे, अब इन्हें भूल जाओ।” युवक की इस बात ने जितेंद्र को और भी आहत किया। दामाद ने अपनी पत्नी के रिश्ते में कभी इतनी स्पष्टता नहीं दिखाई जैसी जितेंद्र की पत्नी के साथ व्यक्त की थी। इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि संचार की कमी और रिश्तों की जटिलता यहाँ पर व्याप्त थी।

बेटी हैरान और परेशान

 

घर से भागी महिला की हरकत से उसकी बेटी बेहद हैरान और परेशान है। उसे विश्वास नहीं हो रहा कि उसकी अपनी मां ही उसकी खुशियों की दुश्मन बन गई. जहां बेटी अपने ही उसकी खुशियों की दुश्मन बन गई। जहां बेटी अपनी शादी के सपने देख रही थी, वहीं अब मां की इस हरकत ने उसके सारे अरमान चकनाचूर कर दिए हैं।

बेटी मां से बेहद नाराज ह। जिस बेटी की शादी होनी थी, उसकी तबीयत खराब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उसे ड्रिप लगी है। उसका कहना है, अब मुझे मां से कोई मतलब नहीं है। बस इतना चाहती हूं कि जो पैसा, सोना-चांदी मां घर से लेकर गई है, वह वापस आ जाए। मां अब जिए चाहे मरे, उससे कोई मतलब नहीं है।

पुलिस की कार्रवाई

 

जितेंद्र ने तुरंत गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मडराक थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने स्थिति को गंभीरता से लिया और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने सर्विलांस का उपयोग करके दोनों की तलाश शुरू की। सूत्रों के अनुसार, यह पता चला कि दोनों उत्तराखंड में हैं। उन्होंने अलीगढ़ से बस के माध्यम से यात्रा की थी।

रिश्ते पर सवाल

इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह सिर्फ एक अवैध संबंध था या क्या यह एक अन्यायपूर्ण विवाह व्यवस्था का परिणाम था? क्या जितेंद्र की पत्नी ने अपने परिवार की अपेक्षाओं को पूरा करने में कोई असफलता महसूस की थी? क्या दामाद ने जितेंद्र की पत्नी के साथ अपना रिश्ता केवल उसके धन और स्थिति के लिए बनाया था? इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि कभी-कभी प्रेम और पारिवारिक संबंधों को भौतिकता और स्वार्थ से अधिक महत्व दिया जाता है। इस घटना ने समाज में एक नई चर्चा को जन्म दिया है।

एक नई शुरुआत?

 

जितेंद्र की पत्नी और दामाद की भागीदारी ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या ऐसे रिश्ते को समाज में स्वीकार किया जाएगा? या फिर यह एक सजा बन जाएगी? अगर हम इस घटना से कुछ सीखें, तो हमें समझना चाहिए कि रिश्तों में संवाद और विश्वास का होना कितना महत्वपूर्ण है। जब कोई रिश्ता बगैर बातचीत और समझ के आगे बढ़ता है तो वह अक्सर गलतफहमी और धोखे का शिकार होता है। यह कहानी केवल एक मां और दामाद के भागने की नहीं बल्कि परिवार के अनुभवों, संघर्षों और संवेदनाओं की भी है। हमें रिश्तों को सही दिशा में ले जाने के लिए संवाद स्थापित करना चाहिए ताकि कोई भी रिश्ता ना टूटे और न ही किसी को धोखे का सामना करना पड़े। शायद यही सबसे बड़ा सबक है, जो इस घटना से हमें मिलता है।

 

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