बिलकिस बानो केस में पांच दोषियों ने आत्मसमर्पण के लिए मांगा और समय, जानें क्या बताई वजह
नई दिल्ली, एजेंसी: बिलकिस बानो मामले के 11 में से पांच दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आत्मसमर्पण के लिए और समय की मांग की है। जिन पांच दोषियों ने राहत मांगी है उनमें गोविंद नाई, प्रदीप मोर्दिया, बिपिन चंद्र जोशी, रमेश चंदना और मितेश भट्ट शामिल हैं। इस मामले का उल्लेख जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस संजय करोल की पीठ के समक्ष किया गया, जिसने रजिस्ट्री से उनके आवेदन मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की अर्जी को सुनवाई के लिए किया सूचीबद्ध कर लिया है।
पिता बीमार हैं, मेरे ऊपर निर्भर हैं
सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में गोविंदभाई नाई ने बीमारी का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण का समय 4 हफ्ते बढ़ाए जाने की मांग की है। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा है कि मेरे पिता 88 साल के हैं और वह बीमार भी हैं। उनकी हालत ऐसी है कि वह बिस्तर से उठ भी नहीं सकते हैं। और किसी भी काम के लिए मुझपर ही निर्भर हैं। ऐसे में अपने पिता की देखभाल करने वाला मैं अकेला हूं। हाल ही में मेरा आपरेशन भी हुआ है और उसे एंजियोग्राफी से गुजरना पड़ा है। नाई ने अपनी याचिका में कहा है कि रिहाई की अवधि के दौरान, मैंने किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया और छूट के आदेश की शर्तों का पालन किया है।
बेटे की शादी का दिया हवाला
वहीं, रमेश रूपाभाई चांदना ने बेटे की शादी का हवाला देते हुए जबकि मितेश चिमनलाल भट ने फसल के सीजन का हवाला देते हुए उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए छह हफ्ते और दिए जाने की मांग की है। गौरतलब है कि गुजरात के चर्चित बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी 2024 को अहम फैसला सुनाया था। जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को बरी करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद कर दिया था। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दोषियों को दो हफ्ते में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था।