हरियाणा में चुनावी रण में बेड़ा पार लगाने के लिए डेरों की शरण में पहुंच रहे उम्मीदवार

सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा की राजनीति में डेरों का महत्वपूर्ण रोल रहा है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी बेड़ा पार लगाने के लिए राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी डेरों का फेरा लगा रहे हैं। डेरा समर्थकों को अपने पक्ष में करने के लिए गुपचुप संपर्क साध रहे हैं। यहां तक कि डेरा सच्चा सौदा ने राजनीतिक विंग भंग कर दिया है फिर भी दलों के नेता डेरे में हाजिरी लगा रहे हैं। डेरा राधा स्वामी, लक्ष्मणपुरी डेरा (गोकर्ण), बाबा मस्तनाथ मठ से आशीर्वाद पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई नेता डेरे की कृपा से विधानसभा चुनकर पहुंचे थे।

डेरे में नेताओं का पहुंचना निरंतर जारी

 

दरअसल, चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद डेरे अपने अनुयायियों को मैसेज भेजकर यह बताते हैं कि उन्हें किस पार्टी या किस उम्मीदवार को वोट देना है। प्रदेश के सबसे बड़े और प्रभावशाली डेरों में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का नाम आता है। इसके प्रमुख गुरमीत राम रहीम 2017 से उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। हाल ही में दसवीं बार पैरोल पर बाहर आए राम रहीम हालांकि फिर जेल लौट चुके हैं, लेकिन डेरे में नेताओं का पहुंचना निरंतर जारी है। इनमें हर छोटी-बड़ी पार्टी के नेता शामिल होते हैं। डेरे की ओर से अभी किसी तरह का इशारा अपने समर्थकों को नहीं किया गया है। अभी चुनाव प्रचार में काफी समय बाकी है।

डेरा का कई जिलों में प्रभाव

 

इसी तरह से डेरा राधा स्वामी दिनौद और डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास भी काफी प्रभावशाली डेरा माना जाता है। डेरे के अनुयायी दुनिया के 90 देशों में फैले हुए हैं। हालांकि यह डेरा किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता है। डेरे को मानने वालों में दलितों की आबादी बहुत अधिक है। यही वजह है कि डेरे के प्रमुख का आशीर्वाद लेने हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्री पहुंचते रहते हैं। राधा स्वामी सत्संग ब्यास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी आ चुके हैं। अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र और सोनीपत समेत कई जिलों में इनका प्रभाव है।

दो दर्जन सीटों पर डेरे का प्रभाव

 

रोहतक का लक्ष्मणपुरी डेरा (गोकर्ण) भी काफी बड़ा है। डेरा के गद्दीनशीन जूना अखाड़ा के बाबा कपिल पुरी महाराज के लाखों अनुयायी पूरे प्रदेश में फैले हुए हैं। माना जाता है कि प्रदेश की दो दर्जन सीटों पर इस डेरे का प्रभाव है। कपिल पुरी से आशीर्वाद लेने वालों में मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हैं।

बाबा मस्तनाथ मठ का खासा प्रभाव

 

रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ का हरियाणा और राजस्थान में खासा प्रभाव है। नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाबा बालकनाथ इस समय गद्दी पर विराजमान हैं और राजस्थान के तिजारा से भाजपा के विधायक हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नाथ संप्रदाय के ही संत हैं। यादव समाज से आने वाले बालक नाथ का हरियाणा के अहरीवाल बेल्ट में काफी प्रभाव माना जाता है। रोहतक में स्थित पुरी धाम, सांपला में डेरा कालीदास महाराजा, सतजिंदा कल्याण डेरा, सती भाई साईं दास और कलानौर में स्थित डेरा बाबा ईश्वर शाह का अच्छा खासा प्रभाव है।

डेरा और मठों से जुड़े आठ प्रत्याशी मैदान में

मौजूदा विधानसभा चुनाव में डेरा और मठों से जुड़े आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें बरवाला से महामंडलेश्वर दर्शन गिरि, पानीपत शहर से अग्निवेश, जुलाना से सुनील जोगी, पृथला से अव्दूतनाथ, चरखी दादरी से कर्मयोगी नवीन, तोशाम से बाबा बलवान नाथ लड़ रहे हैं। इसके अलावा बाबा भूमण शाह डेरे के सेवादार बलदेव कुमार ऐलनाबाद और गुरुद्वारा बेगमपुरा ट्रस्ट के सतनाम सिंह अंबाला सिटी से चुनाव मैदान में उतरे हैं।

 

 

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