कैथल में युवक को इंग्लैंड भेजने के नाम पर ठगा: वर्क वीजा की जगह विजिटर वीजा थमाया, 7.44 लाख रुपए ऐंठे

दस्तावेज दिखाता युवक
नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें चार आरोपियों ने एक युवक से वर्क वीजा के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की है। इस प्रकरण ने न सिर्फ युवक का भरोसा तोड़ा है, बल्कि उसकी आर्थिक और मानसिक स्थिति को भी गहरा झटका दिया है। पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना जागरूकता का संदेश भी देती है कि विदेश भेजने के नाम पर हो रही ठगी से सावधान रहें और ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में तुरंत पुलिस का सहारा लें।
पीड़ित युवक का परिचय और शिकायत
सलेमपुर निवासी दर्शन सिंह, जो कि एक कारपेंटर का काम करता है, ने गुहला थाना पुलिस को शिकायत दी है कि अक्टूबर 2023 में उसकी शिकायत से जुड़ा एक जालसाज मंसूबा दिखाने वाले समूह ने उसे फंसाया। आरोप है कि गांव के ही अमरजीत नामक व्यक्ति ने अपने सेंटर के माध्यम से उसे विदेश भेजने का झांसा दिया। आरोपियों ने उसे वर्क परमिट पर इंग्लैंड भेजने का विश्वास दिलाया, लेकिन वास्तव में उसे विजिटर वीजा ही दिलवाया गया। इस धोखाधड़ी में आरोपियों ने उसे लाखों की रकम ऐंठ ली, और जब वह अपना पैसा वापस मांगने गया तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी।
आरोपियों का कार्यप्रणाली और धोखाधड़ी का तरीका
अमरजीत और उसके साथियों ने शुरुआत में युवक से 2.5 लाख रुपए वसूल किए। इसके बाद, दस्तावेजों में कमियां बताकर और उन्हें सुधारने के नाम पर फिर से एक लाख रुपए ले लिए। इस तरह, आरोपियों ने अलग-अलग समय में कुल मिलाकर लगभग 7 लाख 44 हजार रुपए की ठगी की। जब युवक को पता चला कि वर्क वीजा नहीं बल्कि विजिटर वीजा ही दिलवाया गया है, तो वह अपने फैसले पर पछताया और विदेश जाने से इनकार कर दिया। इस बात पर गुस्साए आरोपियों ने उसे धमकी दी कि यदि उसने अपना पैसा वापस नहीं किया तो उसे जान से मार देंगे। इस पूरे प्रकरण में आरोपी की मां, भाई और बेटा भी शामिल पाए गए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच का दायरा
गुहला थाना प्रभारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस उनकी गतिविधियों की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, धोखाधड़ी और जालसाजी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि आरोपी कितने समय से इस तरह की धोखाधड़ी कर रहे थे और उनके नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि आरोपियों ने वीजा की जालसाजी कैसे की और किन-किन दस्तावेजों का प्रयोग किया।
गिरफ्तारी और आगामी कार्रवाई
इधर, पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पीड़ित युवक को उसकी रकम वापस दिलाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, इस घटना से जुड़ी अन्य तथ्यों की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी इस तरह की धोखाधड़ी तो नहीं हो रही है।
वीजा धोखाधड़ी का खतरा
यह मामला दिखाता है कि वीजा और प्रवास से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में सावधानी बरतना जरूरी है। अक्सर जालसाज, लोगों को विदेश भेजने के नाम पर झांसा देते हैं और फिर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं। वीजा के मामलों में बिना स्पष्ट और वैध दस्तावेजों के किसी भी व्यक्ति पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए, नागरिकों को चाहिए कि वे केवल मान्यता प्राप्त और सरकारी प्रमाणित एजेंसियों से ही संपर्क करें और किसी भी प्रकार की अनावश्यक धनराशि देने से पहले पूरी जानकारी ले लें।
सरकार और संबंधित विभागों की भूमिका
सरकार ने प्रवास और वीजा संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनसे जुड़ी जानकारियों का प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है। साथ ही, आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अधिकृत एजेंसियों से ही वीजा प्राप्त करें और फर्जीवाड़े से सावधान रहें। पुलिस और संबंधित विभाग भी ऐसे अपराधों को रोकने और मुकदमों को तेजी से निपटाने के लिए सतर्क रह रहे हैं।
पीड़ित युवक का अनुभव और मानसिक स्थिति
इस तरह की धोखाधड़ी ने पीड़ित युवक की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है। लाखों रुपये की रकम फंसने से उसकी जिंदगी पर बुरा असर पड़ा है। साथ ही, इस घटना ने उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है। डर, गुस्सा और निराशा की भावना उसके मन में घर कर गई है। परिवार और मित्रों का साथ पाकर वह इस दर्दनाक अनुभव से उबरने का प्रयास कर रहा है।
भविष्य की योजनाएं और सतर्कता
पीड़ित युवक ने अपने अनुभव से सीखा है कि विदेश भेजने के नाम पर किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उसने यह भी संकल्प लिया है कि अब वह ऐसी किसी भी धोखाधड़ी में फंसने से पहले पूरी सावधानी बरतेगा। साथ ही, वह अपने अनुभव को साझा कर अन्य लोगों को भी जागरूक करेगा कि ऐसी धोखाधड़ी से बचने का सबसे अच्छा तरीका सतर्क रहना है।
गंभीर समस्या
कैथल जिले में हुई इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि विदेश भेजने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी एक गंभीर समस्या है। पुलिस की तत्परता और जांच से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। नागरिकों को चाहिए कि वे पूरी सतर्कता बरतें, मान्यता प्राप्त एजेंसियों से ही संपर्क करें और फर्जीवाड़े से सावधान रहें। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन भी सतर्क है और अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठा रहा है। उम्मीद है कि आगामी कार्रवाई से इस तरह के अपराधों में कमी आएगी और लोग सुरक्षित रहेंगे।