कैलरम गांव के किसानों की शिकायत में विद्युत विभाग की खामियों पर जताई चिंता, फसलों पर पड़ रहा असर

विद्युत विभाग के कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचे कैलरम किसान।
नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के किसान समुदाय में अक्सर अपनी मेहनत और लगन से फसलें उगाने में कोई कमी नहीं होती, लेकिन जब उनके हितों के साथ खेला जाए और जरूरी संसाधनों में ही खामियां रह जाएं, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन जाता है। ऐसी ही स्थिति अब कैलरम गांव में देखने को मिल रही है, जहां किसानों ने विद्युत विभाग के कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्याओं को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है। किसान गंभीर शिकायतें लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों से मिल रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से बिजली के खंभों की गुणवत्ता, कनेक्शन में हो रही देरी और उपकरणों की खराब गुणवत्ता शामिल हैं।
घटना का संक्षिप्त परिचय और पृष्ठभूमि
कैलरम गांव के किसान पिछले कुछ महीनों से बिजली कनेक्शन को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि विद्युत विभाग ने उन्हें नए खेतों के लिए बिजली कनेक्शन देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। गांव के 46 किसान, जिनमें से कई धान की नर्सरी तैयार करने और खेतों में काम शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं, को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश किसान शिकायत कर रहे हैं कि विद्युत विभाग ने उनसे 11 मीटर के खंभों के भुगतान तो कर लिए हैं, लेकिन उन्हें केवल 9 मीटर के खंभे ही दिए गए हैं। इससे न केवल उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं बल्कि खेतों में काम करने में भी बाधा उत्पन्न हो रही है।
मुख्य समस्याएं और किसानों की शिकायतें
1. बिजली के खंभों की गुणवत्ता और ऊंचाई का मुद्दा
किसानों का आरोप है कि विद्युत विभाग द्वारा गाड़े गए खंभों की ऊंचाई अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। उनके अनुसार, जिन खंभों के लिए भुगतान किया गया है, उनकी ऊंचाई 11 मीटर होनी चाहिए, लेकिन विभाग केवल 9 मीटर के खंभे ही प्रदान कर रहा है।
किसान प्रदीप ने बताया: “हमें 11 मीटर के खंभों के पैसे दिए गए हैं, लेकिन विभाग हमें 9 मीटर के खंभे दे रहा है। इससे न केवल तारें नीचे आ जाती हैं बल्कि खेतों में काम करने में भी समस्या होती है। हार्वेस्टर और ट्राली जैसी मशीनें इन खंभों के नीचे से गुजर नहीं सकतीं, और तारें भी कम ऊंचाई पर होने के कारण दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।”
2. वर्क आर्डर की देरी और कनेक्शन में विलंब
किसानों का कहना है कि बिजली कनेक्शन में देरी का मुख्य कारण विभाग द्वारा वर्क आर्डर का समय से न लगाना है। यदि वर्क आर्डर जल्दी से लगाया जाता, तो संभव था कि समय रहते उनका काम पूरा हो जाता। परंतु, विभाग की उदासीनता के कारण उन्हें अपनी फसलें लगाने में देरी हो रही है, खासकर धान की नर्सरी तैयार करने में।
चांदी राम ने कहा: “हम एसडीओ से मिले हैं, लेकिन हमें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। हमें बताया गया कि वर्क आर्डर देर से लगने के कारण काम में देरी हो रही है। यदि समय से काम शुरू हो जाता, तो हम अपनी खेती का काम शुरू कर सकते थे।”
3. उपकरणों की गुणवत्ता और कनेक्शन की समस्याएं
कृषि के लिए आवश्यक बिजली उपकरणों की गुणवत्ता भी किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। उन्हें बिजली के उपकरण समय पर नहीं मिल पा रहे हैं या फिर जो मिल रहे हैं, उनकी गुणवत्ता संदिग्ध है। इससे धान की नर्सरी तैयार करने और खेतों में काम करने में बाधाएं आ रही हैं।
4. लाभ में कमी और आर्थिक नुकसान
बिजली की समस्या के कारण किसान अपनी फसलों की समय पर देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे फसल का क्षति का खतरा बढ़ गया है। धान का सीजन सिर पर है, लेकिन बिजली के कनेक्शन और उपकरणों की देरी के कारण उन्हें अपने खेतों में काम शुरू करने में परेशानी हो रही है।
विभागीय अधिकारियों का जवाब और समाधान की दिशा
एसडीओ विद्युत विभाग कलायत का कहना है कि “हमने किसानों से वर्क आर्डर के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। जिन खंभों की ऊंचाई कम पाई गई है, उनके संबंध में हमने कहा है कि यदि भुगतान के अनुसार 11 मीटर के खंभे दिए जाने चाहिए थे, तो संबंधित किसानों को 2 मीटर की पेमेंट रिफंड कर दी जाएगी। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी खंबे और उपकरण पूरे मानकों के अनुसार दिए जाएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि विभाग ने वर्क आर्डर समय से लगाने का प्रयास किया है, लेकिन कई बार अप्रत्याशित कारणों से विलंब हो जाता है। विभाग की प्राथमिकता है कि सभी किसानों को शीघ्र से शीघ्र कनेक्शन मिलें और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि हम किसानों की शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं। यदि कोई खंभा या उपकरण मानकों के अनुरूप नहीं है, तो उसे तुरंत बदला जाएगा। साथ ही, बिजली के कनेक्शन में हुई किसी भी तरह की अनियमितता के लिए विभाग जिम्मेदारी लेगा और आवश्यक रिफंड भी किया जाएगा।”
किसानों का सुझाव और भविष्य की दिशा
किसानों का मानना है कि विभाग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द वर्क आर्डर के कार्यान्वयन को पूरा करे, ताकि किसानों को उनके खेतों में बिजली की सुविधा मिल सके। उन्हें भरोसा है कि यदि विभाग समय रहते कार्यवाही करता है, तो धान की नर्सरी और फसल की तैयारी समय पर हो सकेगी।
प्रदीप ने कहा:
“हमें उम्मीद है कि विभाग हमारी समस्याओं को समझेगा और जल्द ही सुधार करेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो हम और भी संघर्ष के रास्ते अपना सकते हैं।”
किसानों को भारी परेशानी
कैलरम गांव के किसानों की बातों से स्पष्ट है कि बिजली की आपूर्ति और उपकरणों की गुणवत्ता अब भी एक बड़ी चुनौती है। विभाग की धीमी कार्यप्रणाली, वर्क आर्डर में देरी और खंभों की ऊंचाई की कमी ने किसानों को भारी परेशानियों में डाल दिया है। यह जरूरी है कि विभाग तुरंत प्रभाव से अपने कार्यों में सुधार करे और किसानों को उनके हक का लाभ दिलाए। साथ ही किसानों और विभाग के बीच बेहतर संवाद और समन्वय स्थापित किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न पैदा हों।
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