Ind Vs Aus: ऑस्ट्रेलिया सीरीज में विराट की अग्निपरीक्षा, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोहली से हैं उम्मीदें और दबाव
नई दिल्ली, बीएनएमन्यूज : Ind vs Aus: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट मैच शुक्रवार से खेला जाएगा, और सभी की निगाहें विराट कोहली पर टिकी हुई हैं। इस समय भारतीय टीम का यह स्टार बल्लेबाज अपनी पुरानी ‘लय’ में नहीं दिख रहा है, और हाल ही में बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर खेले गए टेस्ट मैचों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इन असफलताओं का खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा, लेकिन प्रशंसकों को उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया में कोहली का बल्ला गरजेगा। यह सीरीज विराट के लिए एक कठिन परीक्षा साबित हो सकती है, खासकर अगर वह फॉर्म में वापसी नहीं कर पाते।
विराट के लिए यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण
विराट कोहली के लिए यह दौरा बहुत महत्व रखता है। अगर वह इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो उन पर कड़ी आलोचना हो सकती है, और टीम मैनेजमेंट के फैसलों में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, विराट के ऑस्ट्रेलिया में पिछले रिकॉर्ड को देखें, तो उम्मीद की जा सकती है कि वे अपनी खोई हुई लय को फिर से हासिल करेंगे। ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर उनका रिकॉर्ड हमेशा शानदार रहा है। अब तक उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 25 पारियों में 1352 रन बनाए हैं, जो विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा हैं। इतना ही नहीं, भारत के बाद सबसे ज्यादा छह टेस्ट शतक भी कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में ही लगाए हैं।
यह आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि ऑस्ट्रेलियाई पिचें उन्हें कितना भाती हैं। हालांकि, यह भी सच है कि विराट फिलहाल अपने करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। साल 2023 में उनकी टेस्ट पारियों का औसत केवल 22.72 रहा है, जो उनके करियर के किसी भी साल में सबसे खराब है। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया में उनका औसत 55.48 है, जो भारत से बाहर उनका सर्वश्रेष्ठ औसत है। कोहली की लगातार 100 सफल पारियों की शुरुआत भी ऑस्ट्रेलिया के 2014-15 दौरे से हुई थी। उस समय उन्होंने 52वीं से लेकर 151वीं टेस्ट पारी के बीच 21 शतक जड़ते हुए कुल 5608 रन बनाए थे। भारतीय क्रिकेट इतिहास में लगातार 100 सफल पारियों में यह रिकॉर्ड केवल सचिन तेंदुलकर से पीछे है, जिन्होंने इस अवधि में 22 शतकों के साथ 5729 रन बनाए थे।
हालात बदल चुके हैं
विराट कोहली के ये पुराने आंकड़े उनकी प्रतिभा और कौशल को दर्शाते हैं, लेकिन मौजूदा हालात अलग हैं। नवंबर 2016 के बाद पहली बार उनका टेस्ट औसत 50 से नीचे गिरकर 47.83 पर आ गया है। 2022 के बाद यह गिरावट अधिक स्पष्ट हो गई है, जब उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखी गई। बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में भी वे संघर्ष करते दिखे। इसके बाद, वाका ग्राउंड में भारत ए के साथ एक अभ्यास मैच खेला गया था, जिसमें कोहली का प्रदर्शन फिर से कमजोर रहा। पहली पारी में वे सिर्फ 15 रन ही बना सके, जबकि दूसरी पारी में एक घंटे तक बल्लेबाजी करने के बाद भी वे केवल 30 रन ही बना पाए।
अब, भारतीय टीम को पर्थ के आप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई चुनौती का सामना करना है। टीम के लिए यह सीरीज न केवल प्रतिष्ठा का सवाल है बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की संभावनाएं भी दांव पर लगी हुई हैं। विराट का शानदार प्रदर्शन टीम के लिए वरदान साबित हो सकता है। यही कारण है कि कोहली पर इतनी उम्मीदें और दबाव हैं।
पर्थ में विराट का संघर्ष और प्रतिबद्धता
वाका ग्राउंड में अभ्यास के बाद मंगलवार को भारतीय टीम ने आप्टस स्टेडियम में पहले अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया, जहां पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला खेला जाएगा। विराट की गंभीरता इस अभ्यास सत्र में साफ झलक रही थी। मंगलवार को जब बारिश हुई, तब सभी खिलाड़ियों को अभ्यास छोड़कर लौटना पड़ा, लेकिन विराट नेट्स में बल्लेबाजी का अभ्यास करते रहे। उन्होंने इस दौरान अपनी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प को दर्शाया। हालांकि, बारिश तेज होने पर उन्हें भी रुकना पड़ा, लेकिन यह साबित करता है कि वे किसी भी स्थिति में अपनी लय हासिल करने की कोशिश में लगे हैं।
इस बीच, केएल राहुल भी नेट्स पर अच्छे टच में नजर आए। उनके अलावा, यशस्वी जायसवाल और देवदत्त पडिक्कल ने भी कड़ी मेहनत की। बल्लेबाजी क्रम की बात करें तो केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल पारी की शुरुआत करेंगे, क्योंकि रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में यह जिम्मेदारी उन पर होगी। शुभमन गिल की चोट के कारण पडिक्कल को अंतिम एकादश में शामिल किए जाने की संभावना है। पडिक्कल हाल ही में भारत ए टीम का हिस्सा थे, लेकिन टीम प्रबंधन ने उन्हें मुख्य टीम के साथ जोड़े रखा है। कोहली चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे, जबकि उनके बाद ऋषभ पंत पांचवें स्थान पर खेलेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई रणनीति और कोहली की चुनौतियां
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वाटसन ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को सलाह दी है कि वे कोहली को उकसाने से बचें। उनके अनुसार, उकसाने के बाद विराट और भी आक्रामक हो जाते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। वाटसन ने कहा, “विराट के खेल में एक अलग ही जज्बा है। वह हर गेंद को गंभीरता से लेते हैं, और यही चीज उन्हें खास बनाती है।”
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर इयान हीली ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विराट के शरीर और उनके सामने के पैड को निशाना बनाना चाहिए। हीली का कहना है कि कोहली फ्रंट फुट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और गेंद को लेग साइड या ऑफ साइड में खेलने की कोशिश करते हैं। हीली ने यह भी सुझाव दिया कि ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को कोहली के फ्रंट पैड को निशाना बनाकर उन पर दबाव बनाना चाहिए।
इस प्रकार, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली के प्रदर्शन पर हर किसी की नजर रहेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपने पुराने शानदार प्रदर्शन को दोहरा पाते हैं या नहीं। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक उनकी वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं, क्योंकि यह न केवल उनके लिए बल्कि टीम इंडिया के लिए भी बेहद अहम सीरीज है।
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