IND vs ENG: आकाश दीप से पहले अन्य राज्य के ढेरों खिलाड़ियों ने बंगाल से खेलकर बनाई भारतीय टीम में जगह, जानें क्यों है ऐसा

कोलकाता, BNM News : IND vs ENG: दिलीप दोशी, अरुण लाल, अशोक मल्होत्रा, रोहन गावस्कर, सबा करीम, मोहम्मद शमी, मुकेश कुमार और अब आकाश दीप। ये उन क्रिकेटरों की फेहरिस्त हैं, जो मूल रूप से बंगाल के रहने वाले नहीं हैं, लेकिन इन सभी ने अपना करियर बनाने के लिए इसी राज्य को चुना और यहीं से भारतीय टीम में जगह बनाई। बंगाल लंबे समय से दूसरे राज्यों की क्रिकेट प्रतिभाओं को आकर्षित करता रहा है। आखिर इसका कारण क्या है?

क्रिकेट संबंधी आधारभूत संरचना बहुत अच्छी

 

इसके जवाब में मोहम्मद शमी के शुरुआती कोच निर्मल्य सेनगुप्ता ने बताया कि बंगाल ऐसी जगह है, जहां सबकुछ मेरिट पर होता है, यानी आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो आगे जरूर बढ़ेंगे इसीलिए दूसरे राज्यों के लड़के यहां के क्रिकेट कोचिंग कैंपों में आकर प्रशिक्षण लेते हैं। यहां प्रशिक्षण में आने वाला खर्च भी दूसरे राज्यों की तुलना में कम है और क्रिकेट संबंधी आधारभूत संरचना भी बहुत अच्छी है। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) सालभर बहुत सी लीगों का आयोजन करवाता है, जिससे उदीयमान क्रिकेटरों को प्रतिभा दिखाने के बहुत से अवसर मिलते है।’

बंगाल में क्लब स्तर से ही शीर्ष स्तरीय कोचिंग उपलब्ध

 

बीसीसीआइ के पैनल के वरिष्ठ अंपायर व कैब के तकनीकी निदेशक प्रेमदीप चटर्जी का भिन्न मत है। वे कहते हैं कि इसके पीछे एक कड़वा सच यह है कि बंगाल में प्रतिभाओं की कमी है, खासकर तेज गेंदबाजी के क्षेत्र में। मोहम्मद शमी, मुकेश कुमार और अब आकाश दीप को भारतीय टीम में मौका मिलना इसका प्रमाण है। अशोक डिंडा के बाद इतने बरस हो गए लेकिन बंगाली मूल का कोई तेज गेंदबाज भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाया। हालांकि, बहुत सी सकारात्मक चीजे भी हैं। बंगाल में क्लब स्तर से ही शीर्ष स्तरीय कोचिंग उपलब्ध है, जो दूसरे राज्यों में नहीं है। बहुत से राज्यों में इंटर-डिस्ट्रिक्ट लेवल से मौके मिलते हैं। उस स्तर पर पहुंच पाना ही काफी मुश्किल होता है।’

बंगाल में तमाम सुविधाएं उपलब्ध

 

वहीं बंगाल रणजी टीम के पूर्व कप्तान व पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता संबरन बनर्जी ने बताया-‘दूसरे राज्यों के जो युवा क्रिकेटर यहां खेलने आते हैं, उनमें यह विश्वास होता है कि बंगाल में अच्छा खेंलेंगे तो करियर जरूर बनेगा क्योंकि यहां तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं।’

टेनिस बाल से आकाश दीप बन गए लाल गेंद के उस्ताद

भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने वाले तेज गेंदबाज आकाश दीप जब बिहार के सासाराम से बंगाल आए थे तो टेनिस बाल वाले टूर्नामेंट खेलते थे। पिता चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी में हाथ आजमाए लेकिन बेटे ने हाथ में गेंद थाम ली थी। फिर बेहद बुरा वक्त आया। छह महीने के अंतराल में पिता व बड़े भाई की मौत हो गई। आकाश दीप के कंधों पर घर की जिम्मेदारी आ गई। एक दोस्त की मदद से उन्हें बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब के लिए टेनिस बाल क्रिकेट खेलने का मौका मिला। इसे खेलकर अच्छे पैसे मिल जाते थे। आकाश दीप की गेंदबाजी देखने वाले कहते हैं कि टेनिस बाल हाथ से छूटने के बाद दिखती नहीं थी। कोलकाता आने पर आकाश दीप ने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया और क्लब क्रिकेट, सेकेंड डिवीजन खेलते हुए बंगाल रणजी टीम में जगह बनाई और अब भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा हैं।

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