INDI Alliance Meeting: इंडिया गठबंधन की अहम बैठक में सीट बंटवारे और संयोजक के नाम पर चर्चा की उम्मीद

नई दिल्ली, BNM News: INDIA Alliance Meeting: विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) ने आज यानी 13 जनवरी को वर्चुअल बैठक बुलाई है। इसमें सीट बंटवारे पर रणनीति और गठबंधन का संयोजक बनाने पर चर्चा हो सकती है। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव, शिवसेना (UTB) के उद्धव ठाकरे, संजय राउत और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी शामिल हो सकते हैं।बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस ने गठबंधन को झटका दिया है। तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Benarjee) बैठक में शामिल नहीं होंगी। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर ममता ने पहले से ही कांग्रेस से दूरी बना रखी है। वह कांग्रेस को बंगाल में 2 सीटें देने पर अड़ी हैं। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने की मांग को लेकर भी ममता खुश नहीं हैं।

टीएमसी ने कहा- बैठक की जानकारी देर से मिली

तृणमूल सूत्रों ने कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी काफी देर से मिली और ममता के कार्यक्रम पहले से तय थे। इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये बैठक कुछ दिन पहले होनी थी, लेकिन किसी वजह से ऐन मौके पर रद्द हो गई थी। ये पहला मौका नहीं है, जब ममता बनर्जी ने बैठक में आने से इनकार किया है। दिसंबर 2023 में भी ममता गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुई थीं। तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने बैठक की जानकारी दो दिन पहले दी। ऐसे में मैं पहले से तय अपने कार्यक्रम रद्द नहीं कर सकतीं। स्थिति को देखकर लग रहा है कि बीजेपी से टक्कर लेने के लिए बने I.N.D.I.A के 28 दलों के बीच सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। गठबंधन में शामिल कई पार्टियों के नेता ऐसे बयान दे चुके हैं, जिससे साफ है कि वे पार्टी के प्रभाव वाले राज्यों में सीटों के मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे।

केजरीवाल ने पंजाब की सभी 13 सीटें मांगीं

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 17 दिसंबर को बठिंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। पंजाब के सीएम भगवंत मान भी वहां मौजूद थे। जनसभा के दौरान केजरीवाल ने लोगों से पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें मांग लीं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और AAP चीफ के इस बयान से साफ है कि पंजाब में सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस में टकराव देखने को मिल सकता है। अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब की सभी 13 सीटें मांगी हैं। वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और दिल्ली में भी पार्टी सत्ता में है। ऐसे में राजधानी में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंस सकता है। दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था। राजधानी में AAP और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग आसान नहीं रहने वाली है। AAP चाहेगी कि सत्ता में होने के चलते उसे ज्यादा सीटें मिलें, वहीं कांग्रेस अपने पाले में ज्यादा से ज्यादा सीटें रखना चाहेगी।

कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव

I.N.D.I.A में शामिल पार्टियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है। गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है। कांग्रेस और BJP के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल, चंडीगढ़ और गोवा में सीधी टक्कर है। यहां पर कांग्रेस को छोड़कर I.N.D.I.A के 25 दलों में से किसी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। इन राज्यों में 131 सीटें ऐसी हैं, जहां पर BJP 50% से ज्यादा वोटों से जीती है। यानी इन सीटों पर भी I.N.D.I.A के बजाय कांग्रेस को जोर लगाना होगा।

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