India Pakistan War: बौखलाया पाकिस्तान नागरिक क्षेत्रों को बना रहा निशाना, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा तक मिसाइल और ड्रोम हमले का प्रयास

नई दिल्ली/जम्मू/चंडीगढ़/जयपुर,बीएनएम: India Pakistan War: : पाकिस्तान ने गुरुवार देर शाम से लेकर शुक्रवार देर रात तक भारत से लगी पश्चिमी सीमा पर एक अभूतपूर्व और चौतरफा सैन्य आक्रमण का प्रयास किया, जिसे हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों की तर्ज पर अंजाम देने की कोशिश की गई। इस नापाक साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान से लेकर गुजरात तक के सीमावर्ती इलाकों में मिसाइलों, ड्रोन और भारी गोलाबारी का सहारा लिया गया। हालांकि, भारतीय सेना की सतर्क और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के अधिकांश मंसूबों को विफल कर दिया, लेकिन इस बर्बरता में पिछले चार दिनों के भीतर जम्मू-कश्मीर में तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित 17 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और दो भारतीय सैन्यकर्मी भी देश के लिए बलिदान हो गए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस हिमाकत का हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिससे सीमा पर तनाव चरम पर पहुँच गया है।

हमास की तर्ज पर सुनियोजित आक्रमण का प्रयास

 

पाकिस्तान द्वारा गुरुवार देर शाम को शुरू किया गया यह हमला सामान्य सीमा पार गोलीबारी से कहीं अधिक भयावह और सुनियोजित था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने हमास द्वारा अपनाई गई रणनीति का अनुसरण करते हुए متعدد दिशाओं से एक साथ हमले करने का प्रयास किया। इसमें न केवल भारी तोपखाने का इस्तेमाल किया गया, बल्कि बड़ी संख्या में विस्फोटक युक्त ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नागरिक आबादी को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई। यह पैटर्न दिखाता है कि पाकिस्तान का इरादा केवल संघर्ष विराम का उल्लंघन करना नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाना और भारतीय सुरक्षा तंत्र को चुनौती देना था। जम्मू-कश्मीर और पंजाब सहित पश्चिमी सीमा के कई हिस्सों में एक साथ मिसाइलें दागने और ड्रोन भेजने का प्रयास किया गया। भारतीय सेना की बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली, जिसमें उन्नत रडार, इंटरसेप्टर मिसाइलें और एंटी-ड्रोन तकनीक शामिल हैं, ने इस समन्वित हमले के पहले चरण को काफी हद तक नाकाम कर दिया।

ड्रोन हमलों के साथ भारी गोलाबारी

 

शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक सीमा पर एक तनावपूर्ण शांति बनी रही, लेकिन यह शांति तूफान से पहले की खामोशी साबित हुई। जैसे ही अंधेरा हुआ, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे इलाकों में फिर से ड्रोन हमलों के साथ भारी गोलाबारी शुरू कर दी। यह सिलसिला देर रात तक जम्मू-कश्मीर के विभिन्न सेक्टरों के अलावा पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों तक फैल गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान एक व्यापक संघर्ष को भड़काने की कोशिश कर रहा है।

जम्मू-कश्मीर: नागरिक बस्तियां बनीं निशाना, 19 बलिदान

 

हमेशा की तरह, पाकिस्तान की बर्बरता का सबसे अधिक खामियाजा जम्मू-कश्मीर के निर्दोष नागरिकों को भुगतना पड़ा। पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ। पिछले चार दिनों में पाकिस्तानी गोलाबारी और हमलों में प्रदेश में तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित कुल 17 नागरिकों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, दो बहादुर भारतीय सैनिकों ने भी दुश्मन की गोलियों का सामना करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इन आंकड़ों ने क्षेत्र में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है।

पाकिस्तानी गोलाबारी की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार रात को दागे गए कई गोले नियंत्रण रेखा से लगभग 18 से 20 किलोमीटर अंदर राजौरी शहर के आसपास गिरे। इससे पहले पुंछ शहर को भी इसी तरह निशाना बनाया गया था। इन हमलों में दर्जनों घरों और वाहनों को गंभीर नुकसान पहुंचा है, और कई मवेशी भी मारे गए हैं। सीमावर्ती इलाकों में भय का माहौल व्याप्त है, और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यात्रा पर संकट

 

पाकिस्तान की नापाक हरकतों का असर शांतिपूर्ण धार्मिक गतिविधियों पर भी पड़ा है। गुरुवार रात को सीमावर्ती क्षेत्रों में हुए धमाकों और ब्लैकआउट की स्थिति को देखते हुए, माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें रात में भवन और श्राइन बोर्ड के सुरक्षित भवनों में ठहराया गया। इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के चलते शुक्रवार को यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही, जो लगभग पांच हजार के आसपास ही सिमट गई। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।

घुसपैठ की बड़ी साजिश नाकाम, वीडियो जारी

 

गोलाबारी और ड्रोन हमलों की आड़ में पाकिस्तान ने भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने की भी नापाक कोशिश की। सांबा सेक्टर में गुरुवार रात को ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सतर्क जवानों ने घुसपैठ की एक बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए कई आतंकवादियों को मार गिराया। बीएसएफ ने शुक्रवार को इन आतंकियों द्वारा रात के अंधेरे में घुसपैठ की कोशिश करने संबंधी एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उनकी गतिविधियों और भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई को दिखाया गया है। यह वीडियो पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को निरंतर समर्थन देने का एक और पुख्ता सबूत है।

सीमांत गांवों में दहशत, हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर

 

नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए, सीमावर्ती गांवों में रहने वाले हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई गांवों को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है और लोगों को स्कूलों, सामुदायिक भवनों और अन्य सुरक्षित सरकारी इमारतों में ठहराया गया है। पुंछ जिले के अधिकांश सीमांत निवासी अपने घर-बार छोड़कर पहले ही सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। प्रशासन ने सीमांत जिलों में लोगों को रात के समय घरों से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी है। इन क्षेत्रों में एक तरह से अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात बन गए हैं, और लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बच्चों की पढ़ाई और दैनिक कामकाज ठप हो गए हैं।

पंजाब और राजस्थान में भी पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का निशाना

 

जम्मू-कश्मीर के अलावा पाकिस्तान ने पंजाब और राजस्थान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी ड्रोन के जरिए हमले करने की व्यापक कोशिश की। राजस्थान में भारतीय वायु रक्षा की सफलता: पाकिस्तान ने शुक्रवार रात को एक बार फिर राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में बड़ी संख्या में ड्रोन भेजकर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय वायु सेना और सेना की एयर डिफेंस सिस्टम ने अत्यंत मुस्तैदी दिखाते हुए इन दोनों जिलों में पाकिस्तान के हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। इस दौरान दर्जनभर से अधिक पाकिस्तानी ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया गया। सेना के सूत्रों के अनुसार, रात में एक साथ चार दर्जन से अधिक ड्रोन बाड़मेर और जैसलमेर के निकट भारतीय सीमा के आसमान में देखे गए थे, जिनमें से अधिकांश को समय रहते सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया। जैसलमेर छावनी के निकट भी पाकिस्तान ने ड्रोन से हमला करने का प्रयास किया, जिसे विफल कर दिया गया।

पंजाब के शहरों पर ड्रोन हमले: पंजाब के सीमावर्ती शहर भी शुक्रवार रात पाकिस्तानी ड्रोन हमलों से दहल उठे। फिरोजपुर, अमृतसर और पठानकोट जिलों में कई स्थानों पर धमाकों की तेज आवाजें सुनाई दीं, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। भारतीय प्रतिरक्षा प्रणाली ने यहाँ भी त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी हमलावर ड्रोनों को मार गिराया। हालांकि, फिरोजपुर के खाई फेमी के गांव में मार गिराए गए एक ड्रोन के मलबे से एक घर और एक गाड़ी में आग लग गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में एक ही परिवार के पति-पत्नी और उनका बेटा झुलस गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिरोजपुर-मुक्तसर रोड और तरनतारन जिले में भी धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जो संभवतः मार गिराए गए ड्रोनों या उनके द्वारा गिराए गए छोटे विस्फोटकों के हो सकते हैं। अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी निशाना बनाकर भेजा गया एक पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा समय रहते निष्प्रभावी कर दिया गया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

धार्मिक आस्था पर प्रहार

 

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और सीमा पर गोलाबारी के खतरे को देखते हुए पंजाब के फाजिल्का जिले के सीमावर्ती गांवों में स्थित गुरुद्वारों से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 50 पावन स्वरूपों को पूरी धार्मिक मर्यादा और सम्मान के साथ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। यह महत्वपूर्ण और संवेदनशील सेवा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा निभाई गई। इन सभी पावन स्वरूपों को फाजिल्का शहर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में सुरक्षित रूप से स्थापित किया गया है।

हालांकि, जब एसजीपीसी की टीम गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव काहना में स्थित गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप लेने पहुंची, तो वहां के स्थानीय सिख संगत ने एक अद्भुत साहस और आस्था का परिचय दिया। गांव के लोगों ने टीम से आग्रह किया कि वे जब तक जीवित हैं, स्वयं पावन स्वरूपों की रखवाली और सेवा करते रहेंगे, इसलिए स्वरूपों को यहीं रहने दिया जाए। उनकी दृढ़ आस्था और संकल्प को देखते हुए एसजीपीसी की टीम को लौटना पड़ा। यह घटना सीमावर्ती लोगों की अपनी धार्मिक विरासत के प्रति अगाध श्रद्धा और संकट की घड़ी में भी उनके अटूट साहस को दर्शाती है।

भारत का मुंहतोड़ जवाब और दृढ़ संकल्प

 

पाकिस्तान की इन कायराना और उत्तेजक कार्रवाइयों का भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब दिया है। एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय जवान पूरी मुस्तैदी और बहादुरी के साथ दुश्मन की हर हरकत का माकूल जवाब दे रहे हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसमें उनकी कई चौकियां और बंकर तबाह हो गए हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और अपने नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और सेना को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी छूट दी गई है।

तनावपूर्ण स्थिति, भारत सतर्क

 

पाकिस्तान द्वारा पश्चिमी सीमा पर किया गया यह व्यापक हमला, विशेष रूप से हमास-शैली की रणनीति अपनाने का प्रयास, स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। यह भारत के खिलाफ एक सुनियोजित और बहु-आयामी आक्रामकता का संकेत है। नागरिक क्षेत्रों को जानबूझकर निशाना बनाना और धार्मिक स्थलों के आसपास तनाव पैदा करना पाकिस्तान की हताशा और अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति उसकी अवहेलना को उजागर करता है। भारतीय सुरक्षा बलों ने जिस प्रकार इस समन्वित हमले का सामना किया है और दुश्मन के मंसूबों को नाकाम किया है, वह उनकी तैयारी और पेशेवर क्षमता का प्रमाण है। हालांकि, सीमा पर स्थिति अभी भी अत्यंत तनावपूर्ण बनी हुई है, और भारतीय सेना किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। आने वाले दिन इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होंगे, लेकिन भारत अपनी रक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के अपने संकल्प पर अडिग है।

 

 

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