Xpo Satellite: ब्लैक होल्स का रहस्य खंगालने सोमवार को रवाना होगा इसरो का एक्सपो सेटेलाइट

नई दिल्ली, एजेंसी: वर्ष 2023 में चंद्रयान-3 की सफलता और देश का पहला सूर्य मिशन लांच करने के बाद भारत नए वर्ष का स्वागत देश के पहले एक्सपोसेट (एक्स-रे पोलारिमीटर सेटेलाइट) मिशन के साथ करने जा रहा है। एक्सपोसेट एक्स-रे स्रोत का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। यह मिशन करीब पांच वर्ष का होगा।

नए साल के पहले दिन इसरो का पीएसएलवी राकेट भरेगा 60वीं उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सोमवार सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर एक्सपोसेट को लांच करेगा। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 राकेट एक्सपोसेट और 10 अन्य उपग्रहों के साथ अपनी 60वीं उड़ान भरेगा और इन उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित करेगा। प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उल्टी गिनती रविवार को शुरू हुई।

अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण का अध्ययन करेंगे

मिशन की सफलता के लिए इसरो के विज्ञानियों ने रविवार को तिरुपति मंदिर में पूजा की। एक्सपोसेट का उद्देश्य अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण का अध्ययन करना है। इसरो के अलावा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था।

4 स्टार्ट-अप कंपनियां अपने अंतरिक्ष उपकरण की खूबियां दिखाएंगी

भारत की चार अंतरिक्ष स्टार्टअप कंपनियां पीएसएलवी-सी58 मिशन पर उपग्रहों को उनकी वांछित कक्षाओं में रखने वाली सूक्ष्म उपग्रह उप प्रणाली (माइक्रोसेटेलाइट सबसिस्टम), प्रक्षेपक (थ्रस्टर) या छोटे इंजन और उपग्रहों को विकिरण से बचाने वाली कोटिंग जैसी खूबियों को दर्शाने के लिए अपने अंतरिक्ष उपकरण (पेलोड) को शुरू करने की तैयारी में हैं। इन कंपनियों में हैदराबाद की ‘ध्रुव स्पेस’ कंपनी, बेंगलुरु की बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस कंपनी, मुंबई की इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और हैदराबाद की टेकमीटूस्पेस कंपनी शामिल है।

पोएम-3 माड्यूल का होगा परीक्षण

 

44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी राकेट उड़ान भरने के लगभग 21 मिनट बाद सबसे पहले प्रमुख उपग्रह को 650 किमी की निचली पृथ्वी कक्षा में तैनात करेगा। इसके बाद में विज्ञानी पीएसएलवी आर्बिटल एक्सपेरिमेंटल माड्यूल-3 (पीओईएम-3) प्रयोग के लिए राकेट के चौथे चरण को फिर से शुरू करके उपग्रह को लगभग 350 किमी की निचली ऊंचाई पर लाएंगे। गौरतलब है कि अंतरिक्ष एजेंसी ने अप्रैल 2023 में पीएसएलवी-सी55 मिशन में पीओईएम-2 का उपयोग करके इसी तरह का सफल प्रयोग किया था।

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