Kaithal Assembly Constituency: कैथल में खिलेगा कमल या पंजा दिखाएगा ताकत, जानें किन नामों पर है चर्चा

रणदीप सुरजेवाला और लीला राम।

नरेंद्र सहारण, कैथल। Kaithal Assembly Constituency: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में इस बार जिले की हॉट सीट कैथल विधानसभा में इस बार कांटे का मुकाबला हो सकता है। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा का माना जा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी का किया गया प्रदर्शन भी कोई नया गुल खिला सकता है।

भाजपा की ओर से तीन नाम सबसे ऊपर

अभी तक किसी भी दल ने प्रत्याशी के नाम का खुलासा नहीं किया है लेकिन चर्चाओं के अनुसार मुख्य भिड़ंत कांग्रेस और भाजपा में बताई जा रही है। गौरतलब है कि 2004 व 2009 व 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था जबकि पिछले चुनाव 2019 में लीला राम ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा की ओर से कैथल के लिए तीन नाम सबसे ऊपर चल रहे हैं, जिनमें मौजूदा विधायक लीलाराम, नगर परिषद की चेयर पर्सन सुरभि गर्ग और हाल में भाजपा में शामिल हुए राम प्रताप गुप्ता शामिल हैं। तीनों की दावेदारी की अगर बात की जाए तो भाजपा किस पर दांव खेलती है ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल की स्थिति में कुछ चौंकाने वाली बातें हो रही है, जिनको राजनैतिक मायनों में इग्नोर नहीं किया जा सकता।

लीलाराम का क्या होगा

सबसे पहले तो विधायक लीला राम की दो ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होना हो रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ये ऑडियो मेरी मिमिक्री है। लेकिन जिस तरह से एक ऑडियो में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मनोहर लाल के बारे में बोला गया है, दूसरी में एक समाज के ऊपर टिप्पणी की गई है तो टिकट की राह में मुश्किल पैदा कर सकती है।

कैथल सीट को लेकर भाष्कर ने सर्वे किया है। इसमें लोगों ने भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर लीलाराम को सबसे ज्यादा पसंद किया है। उन्हें 33% लोगों का समर्थन मिला है। इसके बाद सुरभि गर्ग को 27% और रामप्रताप गुप्ता को 16% लोगों का समर्थन मिला है। 24% लोगों ने चर्चा में चल रहे नामों के बजाय अन्य का विकल्प चुना है।

कांग्रेस से रणदीप सुरजेवाला या कोई और

 

वहीं कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि इस बार किसी सांसद को टिकट नहीं दिया जाएगा। रणदीप सुरजेवाला इस समय राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान तय करेगा कि कैथल से रणदीप सुरजेवाला को टिकट मिलेगा या नहीं। या किसी दूसरे को टिकट मिलेगा। हालांकि, रणदीप सुरजेवाला ने कैथल सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।

इस बारे में रिटायर्ड प्राध्यापक प्रो. अमृत लाल मदान ने बताया कि इस क्षेत्र में आईटीआई और क्योड़क बूथ सबसे बड़ा माना जाता है। यहां करीब 30 हजार मतदाता हैं। दोनों ही बूथ के मतदाता की प्रत्याशियों की हार-जीत में अहम भूमिका रहती है। यही कारण है कि इन बूथों पर पार्टी प्रत्याशी और नेताओं की खास नजर रहती है। कैथल हलके से दो लाख दो हजार 797 मतदाताने मत का प्रयोग करेंगे। इनमें एक लाख सात हजार 861 पुरुष तो 94 हजार 936 महिला मतदाता हैं। इस बारे में 206 बूथ मतदान के लिए बनाए गए हैं। महिलाओं की आधी आबादी होने के बावजूद इस सीट पर कांग्रेस पार्टी को छोड़कर आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने महिला को मैदान में चुनाव लड़ने के लिए नहीं उतारा है।

प्रदेश की पुरानी सीटों में शुमार

आंकड़ों के मुताबिक, इस क्षेत्र के मतदाताओं ने दो बार निर्दलीय विधायकों को चुना है। इसके अलावा अन्य 11 बार पार्टी प्रत्याशियों को कमान सौंपी है। प्रदेश की पुरानी सीटों में शुमार कैथल का चाहे संयुक्त पंजाब हो या हरियाणा गठन के बाद की सरकार 13 में से सात बार मंत्री मंडल में अहम पद मिला है।

सीएम बनने का सपना रहा अधूरा

 

कैथल सीट पर अब तक 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा जीत का रिकार्ड पूर्व वित्तमंत्री ओम प्रभा जैन के नाम हैं। वे वर्ष 1962 से लेकर 1968 तक हुए चार चुनाव में लगातार यहां से विधायक बनीं। पंजाब विधानसभा में वित्तमंत्री रहीं।

वर्ष 1972 के चुनाव में चौथी बार उतरी, इस चुनाव में वे सीएम पद की दावेदार थीं, लेकिन चुनाव हारने के बाद उनका यह सपना अधूरा रह गया। उनके बाद इस सीट पर रणदीप सुरजेवाला ने 2004 से 2014 तक हुए तीन चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई। इसके अलावा यहां से पूर्व वित्तमंत्री चरण दास शोरेवाला, सुरेंद्र मदान दो-दो बार विधायक रहे हैं।

वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर रणदीप सिंह सुरजेवाला विधायक बने थे। सुरजेवाला को 65 हजार 524 वोट मिले थे। इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ रहे कैलाश भगत को 41 हजार 849 वोट मिले, वे दूसरे नंबर पर रहे थे। तीसरे नंबर पर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे राव सुरेंद्र सिंह चुनावी मैदान में थे।

इसी प्रकार 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ विधायक बने रणदीप सिंह सुरजेवाला को 59 हजार 889, इनेलो के कैलाश भगत दूसरे नंबर पर थे। भगत को 37 हजार 387 वोट मिले, जबकि तीसरे नंबर पर बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े सुरेश गर्ग नौच को 13 हजार 967 वोट मिले थे। वर्ष 2019 में विधायक लीला राम ने रणदीप सुरजेवाला को करीब 750 मतों से मात दी थी।

अब तक ये बने विधायक

 

   वर्ष        विधायक                   पार्टी

2019     लीलाराम                   भाजपा

2014 रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस

2009 रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस

2005 शमशेर सिंह सुरजेवाला कांग्रेस

2000        लीला राम          इनेलो

1996 चरण दास शोरेवाला एसएपी

1991 सुरेंद्र कुमार मदान कांग्रेस

1987 सुरेंद्र कुमार मदान लोकदल

1982 रोशनलाल तिवारी कांग्रेस

1977 रघुनाथ गोयल जेएनपी

1972 चरण दास शोरेवाला आजाद

1968 ओम प्रभा जैन कांग्रेस

1967 ओम प्रभा जैन कांग्रेस

1962 ओम प्रभा जैन कांग्रेस

1957  ओम प्रभा जैन कांग्रेस

1952  दौलत राम

 

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