Kaithal News: बाबा सिद्दकी हत्याकांड के शूटर गुरमेल और उसके पांच साथियों को कैथल की अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: कैथल की अदालत ने एक सनसनीखेज हत्याकांड के आरोपी गुरमेल और उसके पांच साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 31 मई 2019 का है, जब गुरमेल और उसके साथियों ने कैथल में रुद्री मंदिर के पास सुनील नामक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी थी। अदालत ने मामले में 80 पन्नों के फैसले में साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर दोषियों को कड़ी सजा दी है। यह वही गुरमेल है जो बाद में लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़कर अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बन गया।
कैसे हुआ सुनील का खून?
कैथल के नरड़ गांव निवासी रामकुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका बेटा सुनील 31 मई 2019 को अपनी गाड़ी से रुद्री मंदिर गया था। वहीं पर दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच युवकों ने सुनील की गाड़ी को रोक लिया। उन्होंने सुनील को गाड़ी से बाहर खींचा और सुए, तेजधार हथियारों और डंडों से ताबड़तोड़ हमला किया। हमला इतना क्रूर था कि सुनील के सिर, माथे, अंगूठे और पूरे शरीर पर गहरे जख्म हुए।
हमले के बाद सुनील को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में कैथल के थाना शहर में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने नरड़ निवासी गुरमेल, विक्की उर्फ सुल्तान, अशोक कुमार उर्फ शोकी, फर्शमाजरा निवासी अंकित, संदीप, और राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की कड़ी जांच और दोषियों को सजा
पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की और ठोस साक्ष्य जुटाए। अदालत में कुल 29 गवाह पेश किए गए। इन गवाहियों और साक्ष्यों के आधार पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदिता कौशिक की अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई।
गुरमेल, अंकित, संदीप, राजकुमार और विक्की: उम्रकैद और 60,500 रुपये का जुर्माना।
अशोक कुमार उर्फ शोकी: उम्रकैद और 70,500 रुपये का जुर्माना।
जुर्माना न चुकाने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश भी दिया गया।
कैसे बना गुरमेल गैंगस्टर?
सुनील की हत्या के बाद गुरमेल को गिरफ्तार कर कैथल जेल में रखा गया। लेकिन जेल में सुधरने के बजाय वह अपराध की दुनिया में और गहराई से उतर गया। वहां उसकी मुलाकात पंजाब के कुख्यात गैंगस्टरों से हुई, जो लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े थे।
कैथल जेल में 25 मार्च 2022 को गुरमेल के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ, जिसके बाद उस पर नया केस दर्ज हुआ। इस केस में करनाल और सोनीपत के युवकों के भी नाम सामने आए। गुरमेल को 7 जुलाई 2023 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिली।
जमानत के बाद गुरमेल का गायब होना
जमानत मिलने के बाद गुरमेल न तो अपने गांव लौटा और न ही अदालत में पेश हुआ। उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इस दौरान वह लारेंस बिश्नोई गैंग के सक्रिय सदस्य के तौर पर काम करने लगा। पुलिस को शक है कि जेल में ही उसकी गैंग से मुलाकात हुई थी।
12 अगस्त 2024 को गुरमेल के खिलाफ तितरम थाना में एक और मामला दर्ज हुआ, जब उस पर गांव सेगा निवासी एक युवक के साथ मारपीट का आरोप लगा।
मुंबई में हत्या और गैंगस्टर की पहचान
जमानत के बाद गुरमेल ने मुंबई में 12 अक्टूबर 2024 को दशहरे की रात लारेंस गैंग के इशारे पर हत्या की एक और वारदात को अंजाम दिया। इस घटना के बाद गुरमेल का नाम अपराध की दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। मुंबई में हुई यह वारदात इस बात का सबूत थी कि गुरमेल अब लारेंस बिश्नोई गैंग का एक सक्रिय सदस्य बन चुका है।
गुरमेल का बढ़ता अपराध और कानून की पकड़
गुरमेल का अपराधों का सिलसिला उसे लगातार पुलिस और कानून के निशाने पर ले आया। हालांकि, यह चिंता का विषय है कि जेल से रिहा होने के बाद अपराधी कैसे बड़े गैंगों से जुड़ जाते हैं। गुरमेल का मामला इस बात का उदाहरण है कि जेल में बंद अपराधियों को सुधारने के बजाय अपराध के और बड़े रास्ते मिलते हैं।
कैथल अदालत का यह फैसला न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन इस मामले ने जेलों में अपराधियों के गैंग से जुड़ने और उनकी गतिविधियों को रोकने की जरूरत को भी उजागर किया है।
गुरमेल और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा ने यह साबित कर दिया कि अपराध चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून और न्याय की पकड़ से बचा नहीं जा सकता। यह मामला अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले युवाओं के लिए एक चेतावनी भी है कि इस रास्ते का अंत केवल जेल की सलाखों या मौत ही है।