Kaithal News: युवक को आस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर दस लाख 26 हजार की ठगी

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News:  खेड़ी गुलाम अली के रहने वाले महिंद्रपाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके बेटे नवीन को आस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 10 लाख 26 हजार रुपये की ठगी की गई। इस मामले में पुलिस ने गांव बाबा बकाला, अमृतसर निवासी रणजीत कौर के खिलाफ केस दर्ज किया है। महिंद्रपाल ने बताया कि यह ठगी किस तरह हुई और इसके दौरान किस प्रकार से उन्हें और उनके बेटे को धोखा दिया गया।

प्रारंभ में संपर्क और समझौता

 

महिंद्रपाल का कहना है कि वे अपने बेटे नवीन को विदेश भेजने के इच्छुक थे। इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त गुरमीत सिंह से बात की, जो चीका का निवासी है। गुरमीत ने महिंद्रपाल से कहा कि वह उन्हें एक विश्वसनीय व्यक्ति से मिलवा सकता है, जो उनके बेटे को आस्ट्रेलिया भेजने में मदद करेगा। गुरमीत ने महिंद्रपाल को अमृतसर के रणजीत कौर से मिलवाया, जो विदेश भेजने के मामले में माहिर थी।

रणजीत कौर ने महिंद्रपाल से कहा कि वह उनके बेटे को आस्ट्रेलिया भेजने में मदद कर सकती है, लेकिन इसके लिए 25 लाख रुपये की जरूरत होगी। इसमें से 10 लाख रुपये पहले देने होंगे और बाकी 15 लाख रुपये आस्ट्रेलिया भेजने के बाद लिए जाएंगे। महिंद्रपाल ने विश्वास करते हुए इस ऑफर को स्वीकार किया।

पहला भुगतान और झांसा

 

12 नवंबर 2023 को रणजीत कौर चीका आई और महिंद्रपाल से तीन लाख रुपये नकद और कुछ जरूरी कागजात ले गई। उसने यह भी कहा कि उनका बेटा नवीन बैंकाक से आस्ट्रेलिया भेजा जाएगा। महिंद्रपाल को भरोसा दिलाया गया कि उसे जल्द ही विदेश भेजा जाएगा और बाकी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 26 जनवरी 2024 को नवीन को बैंकाक भेजा गया, लेकिन इसके बाद घटनाओं ने एक नया मोड़ लिया।

नवीन की मुसीबतें और पैसे की मांग

 

नवीन को बैंकाक भेजे जाने के बाद उसे चार दिन तक वहां रखा गया, और फिर उसे मुंबई बुला लिया गया। इस बीच, रणजीत कौर और उसके सहयोगियों ने महिंद्रपाल से पैसे लेने का सिलसिला जारी रखा। उन्होंने महिंद्रपाल से अब तक कुल 10 लाख 26 हजार रुपये ले लिए। नवीन मुंबई में लगभग दो महीने तक रहा, लेकिन उसे आस्ट्रेलिया जाने का कोई संकेत नहीं मिला।

फर्जी वीजा और धोखा

 

जब महिंद्रपाल ने और उनके परिवार ने रणजीत कौर से नवीन के वीजा के बारे में पूछा, तो उसने दावा किया कि वीजा आ चुका है। बाद में उसे वीजा सौंपा गया, लेकिन जांच के दौरान वह वीजा फर्जी पाया गया। महिंद्रपाल ने ठगी का आरोप लगाया और अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन रणजीत कौर ने ढाई लाख रुपये का एक चेक दिया, जो बाद में बाउंस हो गया।

पुलिस में शिकायत और कार्रवाई

 

महिंद्रपाल और उनके बेटे को अब यह एहसास हुआ कि उन्हें पूरी तरह से धोखा दिया गया है। जब उन्होंने रणजीत कौर से अपने पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। इस पर महिंद्रपाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। चीका थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी। एएसआई राजेश कुमार को इस मामले की जांच सौंप दी गई है।

आखिरकार क्या हुआ?

 

यह मामला एक गंभीर ठगी का उदाहरण बन गया है, जहां एक व्यक्ति के विश्वास का फायदा उठाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई। महिंद्रपाल ने बताया कि वह अब किसी भी कीमत पर अपने पैसे और अपने बेटे का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

इस मामले से एक महत्वपूर्ण संदेश भी निकलता है कि विदेश भेजने के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों में लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि वे इस प्रकार के धोखाधड़ी के शिकार न हों।

न्याय की उम्मीद

 

महिंद्रपाल और उनके बेटे की यह कहानी न केवल एक ठगी का उदाहरण है, बल्कि यह उस विश्वासघात को भी दर्शाती है, जिसे वे एक ‘विशेषज्ञ’ के रूप में पेश होने वाले व्यक्ति पर करते हैं। पुलिस की कार्रवाई और न्याय की उम्मीद इस परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि उन्हें उनका हक मिल सके और भविष्य में इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में सुधार हो सके।

 

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