Kaithal News: कैथल में एंटी करप्शन ब्यूरो ने ASI पर रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया, दुष्कर्म केस में FIR से नाम हटाने को मांगे 40 हजार

ASI जगभान

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: पुलिस विभाग में एक बार फिर से भ्रष्‍टाचार का एक नया मामला सामने आया है, जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक सहायक उपनिरीक्षक (ASI) पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। मामला तब सामने आया जब ASI जगभान ने एक दुष्कर्म मामले के आरोपियों के परिजनों को एफआईआर से बाहर निकालने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। यह मामला एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई के बीच सामने आया, जब ASI को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जांच चल रही थी, लेकिन वह भागने में सफल रहा।

मामले की पृष्ठभूमि

कैथल के प्रदीप कुमार ने थाना सिविल लाइन में एक महिला द्वारा दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें प्रदीप के साथ उसकी मां, बहन और जीजा को भी आरोपी नामित किया गया था। यह मामला स्थानीय पुलिस के लिए चुनौती बन गया, क्योंकि इसमें पारिवारिक संबंधों के साथ-साथ गंभीर आरोप शामिल थे। इस मामले की जांच ASI जगभान कर रहे थे।

सूत्रों के अनुसार, ASI जगभान ने प्रदीप कुमार के परिवार के सदस्यों को एफआईआर से हटाने के लिए रिश्वत मांगी। वह पहले 50 हजार रुपये की मांग कर रहा था, लेकिन बातचीत के बाद इस राशि पर 40 हजार रुपये में सहमति बनी। प्रदीप कुमार ने ASI के साथ हुई बातचीत को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था।

एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई

ACB को इस मामले की शिकायत मिलने के बाद, उन्होंने ASI को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एक जाल बिछाने का निर्णय लिया। हालांकि, सूचना लीक हो जाने के कारण ASI घटनास्थल से भागने में सफल रहा। इस घटना के बाद ACB ने एक सप्ताह तक मामले की गहन जांच की और अंततः ASI के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया।

रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग

प्रदीप कुमार द्वारा की गई रिकॉर्डिंग इस मामले में मुख्य सबूत बन गई, जिसका उपयोग ACB ने ASI के खिलाफ कार्रवाई में किया। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उसने ASI से हुई बातचीत के प्रमुख अंशों को ध्यानपूर्वक रिकॉर्ड किया था, जिसे अब सबूत के रूप में पेश किया गया।

पुलिस इंस्पेक्टर की प्रतिक्रिया

इस मामले की जांच कर रहे ACB इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने कहा, “हम इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं। रिकॉर्डिंग की पुष्टि होने के बाद ही मामला दर्ज किया गया है। सभी सबूतों की बारीकी से जांच की जा रही है और अब सभी तथ्यों के आधार पर उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।” यह स्पष्ट है कि एसीबी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और तथ्यों की पुष्टि करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली है।

ASI जगभान का इतिहास

सूत्रों के अनुसार ASI जगभान के खिलाफ पहले से ही दो मामले चल रहे हैं। इनमें से एक मामले में वह पहले ही सस्पेंड है। अब जब उसके खिलाफ दूसरा मामला दर्ज किया गया है, तो उसकी स्थिति और भी बिगड़ गई है। उसकी गिरफ्तारी का खतरा बढ़ गया है और उसके अधीनस्थ पुलिस कर्मियों के बीच भी चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं।

पुलिस महकमे में हड़कंप

इस मामले के उजागर होते ही पुलिस महकमे में हडकंप मच गया है। ऐसे मामलों से न केवल विभाग की छवि को धक्का लगता है, बल्कि इससे आम जनता में भी पुलिस के प्रति अविश्वास बढ़ता है। माना जा रहा है कि मामला मीडिया में आने के बाद उच्च अधिकारी भी इसे गंभीरता से लेंगे और इससे जुड़े अन्य मामलों की भी समीक्षा की जाएगी।

एसीबी की सक्रियता और कामयाबी

यह मामला एक स्पष्ट संकेत है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा पुलिस विभाग में कितना गहरा है। एसीबी की सक्रियता और कामयाबी से यह संभावना बढ़ी है कि भविष्य में और भी ऐसे मामलों में कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, पुलिस संगठन को खुद को एक नई दिशा में ले जाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे भ्रष्ट तत्वों से निपटा जा सके और आम जनता का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके।

भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई केवल एसीबी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज को इसे दूर करने के लिए एकजुट होना होगा। एक मजबूत और जिम्मेदार पुलिस बल की आवश्यकता है, जो न केवल अपराधियों से निपटे बल्कि आम नागरिक की सुरक्षा और रक्षा के लिए भी तत्पर हो।

 

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