Kaithal News: बैंक कर्मचारी बनकर 12 लाख ठगे, बिना सिक्योरिटी लोन दिलाने की बात कही, रुपए ट्रांसफर करवाए

थाना साइबर पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल में एक और चौंकाने वाला ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को बैंक कर्मचारी बताकर एक युवक को लोन दिलाने का झांसा देकर उससे 12 लाख पांच हजार 500 रुपए ठग लिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले की जांच साइबर क्राइम थाना की टीम कर रही है। मामले में थाना साइबर क्राइम एसएचओ पीएसआई शुभ्रांशु के नेतृत्व में एएसआई नरेश कुमार की टीम ने दिल्ली के पंजाबी बाग निवासी रोहित कुमार को गिरफ्तार किया।

बिना किसी सिक्योरिटी के लोन दिलाने की बात कही

पुलिस के अनुसार, इस मामले की शुरुआत जुलाई में हुई, जब कैथल जिले के ढांड क्षेत्र के निवासी सुंदर प्रसाद सिंगला के पास एक फोन आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए अपना नाम धीरज बताया। उसने कहा कि वह बैंक से जुड़ा हुआ है और सुंदर प्रसाद को बिना किसी सिक्योरिटी के दो से तीन करोड़ रुपए का लोन दिलवा सकता है। हालांकि, इसके बदले में उसे 4-5% कमीशन देना होगा।

लोन दिलाने के झांसे में आ गए

सुंदर प्रसाद, जो अपने व्यापारिक कामों के विस्तार के लिए एक बड़े लोन की तलाश में थे, इस प्रस्ताव में दिलचस्पी लेने लगे। फोन करने वाले व्यक्ति ने इतनी समझदारी और आत्मविश्वास के साथ बातें कीं कि सुंदर प्रसाद को शक नहीं हुआ। आरोपी ने लोन दिलाने के झांसे में सुंदर प्रसाद से नियमित रूप से संपर्क बनाए रखा और धीरे-धीरे उनका विश्वास जीत लिया। इसके बाद आरोपी ने योजना के तहत पैसे ट्रांसफर करवाने की बात की, जिसमें उसने लोन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के नाम पर बैंक खातों में 12 लाख पांच हजार 500 रुपए जमा करवाने का आग्रह किया।

ठगी का अहसास हुआ

सुंदर प्रसाद ने आरोपी की बातों पर विश्वास करते हुए, उसकी ओर से बताए गए खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। लेकिन, जब लंबे समय तक लोन की कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी और न ही उसके पैसे वापस मिले, तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद सुंदर प्रसाद ने तुरंत इस घटना की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया।

पंजाबी बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया

एसएचओ शुभ्रांशु ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम ने तेजी से कार्रवाई की। तकनीकी जांच और बैंक अकाउंट्स की छानबीन करते हुए टीम ने आरोपी रोहित कुमार का पता लगाया और उसे दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले इस मामले में पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ के बाद रोहित कुमार की पहचान और ठिकाना पता चला।

कई फर्जी बैंक खाते और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल

पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी बेहद शातिर था और उसे ठगी के ऐसे मामलों में काफी अनुभव था। उसने अपनी पहचान छिपाने और धोखाधड़ी करने के लिए कई फर्जी बैंक खाते और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया था। साइबर क्राइम विशेषज्ञों की मदद से इन खातों की जानकारी जुटाई गई और आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली। पुलिस ने आरोपी के अन्य सहयोगियों और नेटवर्क की भी जांच शुरू कर दी है, जिससे यह पता चल सके कि कहीं और भी लोगों को इसी तरह ठगा तो नहीं गया है।

कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए

सुंदर प्रसाद के मुताबिक, आरोपी ने उनसे विश्वास जमाने के लिए कई बार बैंक की योजनाओं और लोन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया था। उसने कई फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए थे, जिनके जरिए वह खुद को एक प्रतिष्ठित बैंक कर्मचारी के रूप में प्रस्तुत करता था। जब पहली बार सुंदर प्रसाद को पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया, तो वह थोड़े संदेह में थे, लेकिन आरोपी की बातों और दस्तावेजों ने उनके संदेह को दूर कर दिया।

लेन-देन के मामले में सतर्क रहें

जांच अधिकारियों ने बताया कि ठगों के इस गिरोह ने ऐसे कई लोगों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, जो आसानी से बड़े लोन की पेशकश पर भरोसा कर सकते थे। पुलिस ने यह भी सलाह दी है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा किए गए लोन या अन्य वित्तीय प्रस्तावों को बिना पुष्टि किए स्वीकार न करें। बैंक से जुड़े लेन-देन के मामले में हमेशा सतर्क रहें और बैंक की आधिकारिक शाखा या हेल्पलाइन से संपर्क करके ही कोई निर्णय लें।

फिलहाल, गिरफ्तार किए गए आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और उम्मीद कर रही है कि इससे जुड़ी अन्य कड़ियों का भी जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि धोखेबाज नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए, सावधानी और सतर्कता ही इनसे बचने का सबसे बेहतर उपाय है।

पुलिस ने जनता से भी अपील की है कि यदि किसी को ऐसी संदिग्ध कॉल या व्यक्ति की जानकारी मिले, तो तुरंत इसकी सूचना साइबर क्राइम विभाग को दें। ऐसी घटनाएं आम हो रही हैं, और सतर्कता से ही समाज को सुरक्षित रखा जा सकता है।

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