कैथल में चावल कुटाई में करोड़ों का गबन: मिलर्स ने लगाई 1.79 करोड़ के धान की चपत

नरेंद्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में सरकारी चावल कुटाई के धान का गबन करने के कई मामलों से पर्दा उठ रहा है, जहां राइस मिलर्स ने सरकारी एजेंसियों से मिले धान को कुटाई के बजाय सीधे बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। हाल ही में चंदाना रोड स्थित हिमांक राइस मिल में लगभग 1.80 करोड़ रुपये के सरकारी चावल और धान के स्टॉक में गबन का मामला सामने आया है। यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इस सीजन में पहले भी गोयल फूड और आत्मा राम राइस मिल द्वारा 5.88 करोड़ रुपये के धान और चावल के गबन का मामला दर्ज हो चुका है।
मिलर कैसे कर रहे हैं सरकारी अनाज का गबन?
कैथल के कई राइस मिलर्स सरकार द्वारा चावल कुटाई के लिए दिए गए धान को बाजार में बेचकर फायदा उठा रहे हैं। वे धान कुटाई के बाद अच्छी गुणवत्ता का चावल खुद के लिए रख लेते हैं और निम्न गुणवत्ता का चावल सरकारी भंडारण में जमा करवा देते हैं। विभाग के अधिकारी भी कई बार इसमें मिलीभगत करते हैं, जिससे यह गबन हर साल होता रहता है। इससे न केवल सरकार को करोड़ों का घाटा होता है, बल्कि भ्रष्टाचार का एक बड़ा चक्र बन गया है।
हिमांक राइस मिल पर आरोप और कार्रवाई
हिमांक राइस मिलर के मालिक अमन मित्तल ने धान कुटाई के लिए प्राप्त 6547 क्विंटल धान का गबन किया, जिससे सरकार को लगभग 1.80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। फूड एंड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने मामले में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर सिटी थाना में मिल मालिक अमन मित्तल और उसके गारंटरों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ। विभाग ने मिल मालिक को नोटिस भेजे, लेकिन उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद जब अधिकारियों ने 1 अक्टूबर को मिल में जाकर निरीक्षण किया तो धान और चावल का स्टॉक गायब पाया गया। इसके साथ ही, 3.91 लाख रुपये का सरकारी बारदाना भी गायब था, जो धान और चावल के बोरों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जांच के बाद कार्रवाई के कदम
विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मिल में तीन चौकीदारों की नियुक्ति की है ताकि मिलर वहां से कोई संपत्ति बाहर न ले जा सके। इसके अलावा, विभाग ने राइस मिल की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए राजस्व विभाग को आवेदन किया है और मिल के गारंटरों की आढ़त की दुकानों को भी विभाग के नाम पर अटैच करने का आदेश दिया है ताकि वसूली की प्रक्रिया की जा सके। विभाग द्वारा अमन मित्तल और उसके गारंटरों द्वारा दिए गए 50-50 लाख रुपये के चेक बाउंस होने के बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने का प्रस्ताव रखा गया है।
धोखाधड़ी के अन्य मामले
हिमांक राइस मिल के मामले से पहले चीका क्षेत्र की गोयल फूड और आत्मा राम राइस मिल ने भी सरकारी धान का गबन किया था।
पहले चीका का गोयल फूड कर चुका 5.88 करोड़ का गबन
चीका के गोयल फूड (राइस मिल) व आत्मा राम राइस मिल के मालिकों ने हैफेड एजेंसी के 5 करोड़ 88 लाख 72 हजार 413 रुपए की पीआर धान व चावल का गबन किया था। मामले में हैफेड डीएम सुरेश वैद्य की शिकायत पर गोयल फूड चीका मालिक नीरू बाला, आत्मा राम राइस एंड जनरल मिल चीका के मालिक व इनके गरांटर रामा सिंह परी ग्रेन ट्रेडर कमीशन एजेंट चीका दुकान का पार्टनर, सतीश कुमार रिधि सिधि ग्रेन ट्रेडर्स दुकान का मालिक, मोहित गोयल पुत्र गौतम फूड चीका का मालिक, रोहित गोयल अधिकृत व्यक्ति गोयल फूड चीका के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। इस मिलर्स ने धान व कुटाई किए चावल को एफसीआई को जमा कराने की बजाय प्राइवेट लेवल पर बाजार में बेच दिया। आरोप था कि दोनों राइस मिलों के मालिकों ने हैफेड के धान व चावल के स्टॉक को एजेंसी व एफसीआई को सौंपने की बजाय खुर्द बुर्द कर दिया था।
जल्द आरोपी होंगे गिरफ्तार : एसएचओ
सिटी थाना एसएचओ बीर सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर मिल मालिक अमन मित्तल व उसके गारंटर जय भगवान व बलदेव राज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।