Kaithal News: डॉक्टरों की हड़ताल का रहा मिला-जुला असर, एनएचएम के चिकित्सकों ने संभाली ओपीडी

कैथल में हड़ताल का रहा मिलाजुला असर, एनएचएम के चिकित्सकों ने संभाली ओपीडी।

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर मांगें पूरी न होने के विरोध में गुरुवार और शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे। इसके साथ ही नर्सिंग ऑफिसर ने भी दो घंटे तक हड़ताल की। उनकी हड़ताल सुबह आठ बजे शुरू हुई जो 10 बजे तक जारी रही। हड़ताल के कारण सुबह के समय अस्पताल में पहुंचे मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ी।

इस हालात में एनएचएम के चिकित्सकों ने ओपीडी संभाली। उन्होंने मरीजों का इलाज शुरू किया। वहीं, नर्सिंग ऑफिसर ने भी सुबह के समय दो घंटे तक हड़ताल की। जिला नागरिक अस्पताल में 16 में 12 चिकित्सक सामूहिक छुट्टी पर रहे और हड़ताल में शामिल हुए।

ये हैं हमारी मांगे संगठन के प्रधान

 

इस दौरान हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. ललित जांगड़ा ने कहा कि पिछले कई महीनों में हरियाणा सरकार ने विभिन्न मांगों से संबंधित बार-बार आश्वासन दिए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया। एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर ओपीडी, आपातकालीन, पोस्टमार्टम सहित स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस बारे में एक महीने पहले हरियाणा सरकार को चेताया गया था कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे 25 जुलाई से सभी सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर होंगे। अब यदि आगे कोई नतीजा नहीं निकलता है, तो हमारी हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहेगी। डॉ. ललित ने बताया कि हमारी 4 मुख्य मांगें हैं। इनमें पीजी बॉन्ड 50 लाख से कम करना और एसएमओ की सीधी भर्ती नहीं करने की है। साथ ही एसीपी और भत्ते केंद्र सरकार के बराबर देने और विशेषज्ञ डॉक्टरों को अलग से कैडर बनाने की मांग है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में अलग से कैडर बनाने की घोषणा की थी। सरकार ने स्वीकृति मिलने के बाद इसकी फाइल अफसरों के सरकार में अफसरों के टेबल पर इधर से उधर घूम रही है।

जिले में चिकित्सकों की है भारी कमी

 

इस समय जिले में चिकित्सकों की भारी कमी है। ऐसे में जिले के सरकारी अस्पतालों में 149 चिकित्सकों के पद है, जिन पर महज 43 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। सिविल अस्पताल में रोजाना 1200 से 1500 मरीजों की ओपीडी होती है। वहीं, जिले के सीएचसी और पीएचसी लेवल पर औसतन 3300 के करीब ओपीडी होती है। चिकित्सकों की कमी के चलते मरीज इलाज के लिए तरस रहे हैं। सरकार द्वारा पिछले काफी समय से चिकित्सकों के रिक्त पद नही भरे गए।

इलाज नहीं मिला तो वापस जाना पड़ा

 

त्नी को नागरिक अस्पताल में पहुंचे विनोद ने कहा कि वे अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए आये थे। यहां आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर है। फिलहाल अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया। काफी समय तक इंतजार किया, जब इलाज नहीं मिला तो वापस जाना पड़ा। वहीं जिला नागरिक अस्पताल में पहले से दाखिल गोपी सिंह ने बताया कि वह दो दिन से अस्पताल में दाखिल हैं। उसे गुरुवार दोपहर तक केवल एक इंजेक्शन दिया गया है। इस दौरान चिकित्सकों की हड़ताल की जानकारी मिली। ऐसे में सुबह लेकर दोपहर तक कोई भी चिकित्सक भी जांच के लिए नहीं पहुंचा और न ही कोई दवा दी। इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।

बुजुर्ग दंपती को हुई परेशानी

 

सुबह 10 बजे से पहले ओपीडी में चिकित्सक बैठे, लेकिन नर्सिंग ऑफिसर की हड़ताल के कारण लैब के सैंपल नहीं हो पाए। हड़ताल के दौरान सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने स्वयं ही पीएमओ कार्यालय में मौके पर पहुंच अस्पताल में व्यवस्थ बनाने का काम किया। इस दौरान वह दोपहर तक अस्पताल में ही मौजूद रहीं। जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचे एक दंपति को जब देर तक घूमने पर भी इलाज नहीं मिला तो वे थककर नीचे जमीन पर ही बैठ गए। बुजुर्ग दंपती ने कहा एक तो बुढ़ापा ऊपर से इलाज नहीं हो पाया, ऊपर से डॉक्टरों की हड़ताल। इस कारण वह परेशान हुए।

मरीजों को परेशानी नहीं होने का दावा

 

हालांकि, सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने दावा किया कि डॉक्टरों की ड़ताल के चलते एनएचएम के तहत लगे डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगाया गया। इसके तहत मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई। सुबह के समय नर्सिंग ऑफिसर ने भी दो घंटे तक हड़ताल की है। इसी समय ही कुछ परेशानी मरीजों को हुई। बाकी समय स्थिति को संभाल लिया गया।

 

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