Kaithal News: सीवन, पूंडरी और कलायत नगरपालिका में लंबित हैं चुनाव, जल्द चुनाव कराने की मांग

नरेन्द्र सहारण , कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के तीन प्रमुख कस्बों – सीवन, पूंडरी और कलायत – में नगर पालिका चुनाव पिछले डेढ़ साल से लंबित हैं। इन नगर पालिकाओं में चुनाव प्रक्रिया शुरू न होने के कारण विकास कार्य ठप हैं और स्थानीय जनता असमंजस की स्थिति में है। इन तीनों नगर पालिकाओं में वार्डबंदी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रशासनिक फैसलों और तकनीकी खामियों के चलते चुनाव अभी भी अधर में हैं।
सीवन नगरपालिका: लगातार उठती मांग
सीवन में नगर पालिका का दर्जा भंग करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। लोगों का मानना है कि नगर पालिका बनने से क्षेत्र में विकास कार्यों में सुधार की बजाय रुकावटें आई हैं। हालांकि, इस मांग के बीच हाल ही में सीवन नगर पालिका के अधीनस्थ दो गांव – गोबिंदपुरा और पोलड़ – को क्षेत्र से बाहर कर दिया गया। यह फैसला पिछले साल अक्टूबर में स्थानीय विरोध के चलते लिया गया।
सीवन की नई बनी नगर पालिका के अधीन अभी तक कोई विशेष बजट जारी नहीं किया गया है। इससे यहां के विकास कार्य रुक गए हैं और स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
पूंडरी और कलायत: वार्डबंदी की जटिलताएं
पूंडरी और कलायत में चुनावों में देरी का मुख्य कारण वार्डबंदी की प्रक्रिया रही। वर्ष 2019 में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीवन, पूंडरी और कलायत में नगरपालिका की सौगात दी थी। इसके तहत तीनों कस्बों में 16-16 वार्ड बनाए गए।
हालांकि, अगस्त 2023 में नगर निकाय विभाग ने दोबारा वार्डबंदी करने का निर्णय लिया। इसके बाद कलायत में तीन नए वार्ड जोड़े गए और अब यहां कुल 16 वार्ड हो गए हैं। वहीं, सीवन में एक नया वार्ड जोड़ा गया, जिससे यहां भी वार्डों की संख्या 16 हो गई है। पूंडरी में वार्डबंदी की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है।
चुनावों में देरी का असर
इन तीनों नगर पालिकाओं में चुनाव न होने का सबसे बड़ा खामियाजा स्थानीय जनता को उठाना पड़ रहा है। विकास कार्य ठप पड़े हैं और जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति के कारण समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। सीवन की नई नगरपालिका में अब तक कोई विशेष बजट नहीं आया है, जिससे यहां विकास कार्य न के बराबर हो रहे हैं।
प्रशासन का बयान
जिला पालिका आयुक्त सुशील कुमार के अनुसार, सीवन और कलायत की वार्डबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया को लेकर सरकार के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। एक बार आदेश मिलने के बाद, चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मतदाता और जनसंख्या का आंकड़ा
सीवन नगरपालिका में 14,500 मतदाता हैं, जबकि कलायत में यह संख्या 20,546 है। इन दोनों कस्बों में चुनाव प्रक्रिया न होने के कारण स्थानीय लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी विभागों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पूंडरी में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है।
वार्डबंदी और स्थानीय राजनीति
सीवन और कलायत में नई वार्डबंदी के बाद राजनीतिक समीकरण भी बदल गए हैं। नए वार्ड बनने के बाद स्थानीय नेताओं और राजनीतिक दलों के बीच गतिविधियां तेज हो गई हैं। हालांकि, चुनाव प्रक्रिया में देरी ने इन गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया है।
समाधान की जरूरत
चुनावों में देरी का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। स्थानीय निकायों के गठन के बिना, विकास कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे। प्रशासन और सरकार को चाहिए कि चुनाव प्रक्रिया को प्राथमिकता देते हुए इसे जल्द से जल्द शुरू करें।
इसके साथ ही, सीवन नगरपालिका को लेकर उठ रहे विरोध को भी गंभीरता से लेना होगा। स्थानीय लोगों की जरूरतों और समस्याओं को समझते हुए, नगर पालिका के भविष्य को लेकर स्पष्ट निर्णय लिया जाना चाहिए।
सीवन, पूंडरी और कलायत की नगर पालिकाओं में डेढ़ साल से चुनाव न होने के कारण जनता में नाराजगी बढ़ रही है। वार्डबंदी और अन्य तकनीकी मुद्दों को हल करने के बाद भी चुनाव प्रक्रिया में देरी, प्रशासनिक सुस्ती को उजागर करती है। सरकार और प्रशासन को स्थानीय निकाय चुनावों की महत्ता को समझते हुए इसे जल्द से जल्द संपन्न कराना चाहिए, ताकि क्षेत्र का विकास गति पकड़ सके और जनता को राहत मिले।
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