Kaithal News: डीएपी की कमी से गेहूं की बुवाई में परेशान किसान, सरकार से की मांग

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा में धान की कटाई के बाद अब गेहूं की बुवाई का समय है, जिसके लिए किसानों को बड़ी मात्रा में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद की आवश्यकता होती है। लेकिन कैथल जिले के सीवन इलाके में इस खाद की कमी के चलते किसान परेशान हैं। शनिवार को जैसे ही किसानों को सूचना मिली कि सीवन के पेक्स केंद्र पर डीएपी खाद की खेप पहुंचने वाली है, सैकड़ों किसान सुबह से ही पेक्स में लाइन लगाकर खड़े हो गए। हालांकि, यहां केवल एक ट्रक डीएपी ही पहुंचा, जिससे किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल सका। खाद की मांग को देखते हुए प्रति किसान केवल दो बैग ही वितरित किए गए, जो उनकी बुवाई की जरूरतों को पूरा करने में नाकाफी हैं।
खाद के लिए लंबी कतारों में खड़े किसान
डीएपी की किल्लत से परेशान किसानों में से रूलदू सैनी, जरनैल सिंह, जगरूप सिंह, सुरेश, कुलदीप, अमरीक, नरेंद्र और सुरेंद्र जैसे कई किसानों ने सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए। इन किसानों का कहना है कि हर साल उन्हें गेहूं की बुवाई के समय खाद के लिए परेशान होना पड़ता है। जब सरकार को पता है कि गेहूं की बुवाई के लिए किसानों को खाद की जरूरत होती है, तो पहले से ही इसका उचित प्रबंध क्यों नहीं किया जाता? किसानों ने कहा कि वे सुबह पांच बजे से यहां खड़े थे, लेकिन केवल दो बैग डीएपी मिलने से उनके खेतों की जरूरत पूरी नहीं हो सकती। उनका कहना है कि खाद की किल्लत के कारण गेहूं की बुवाई में देरी होगी, जिससे समय पर फसल की कटाई भी नहीं हो पाएगी।
खेतों की तैयारी में देरी
इस समय किसान खेतों को गेहूं की बुवाई के लिए तैयार कर रहे हैं, लेकिन डीएपी खाद की कमी के चलते उनके सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। किसानों का कहना है कि इस समय खेतों में डीएपी की जरूरत सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि यह फसल को शुरुआती पोषक तत्व देने में मददगार होता है। खाद की कमी से न केवल बुवाई में देरी होगी, बल्कि इसकी उपज और गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है।
किसानों ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि हर बार ऐसा क्यों होता है कि खाद के लिए उन्हें लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। उनके अनुसार, इस बार खाद की कमी के कारण बहुत से किसान अपनी जमीनों पर गेहूं की बुवाई को लेकर असमंजस में हैं। कुछ किसान अपने पास सीमित मात्रा में उपलब्ध खाद का उपयोग करके बुवाई कर रहे हैं, जबकि बाकी किसान इंतजार में हैं कि उन्हें डीएपी मिल जाए, ताकि वे बुवाई कर सकें।
सरकार से किसानों की अपील
किसानों ने मांग की है कि सरकार को समय रहते खाद की कमी को दूर करने के उपाय करने चाहिए, ताकि आने वाले समय में उन्हें ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि खाद का उचित वितरण सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है, और सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। किसान रूलदू सैनी ने बताया कि खाद की कमी के कारण खेत तैयार करने में देरी हो रही है और उन्हें चिंता है कि इस देरी का असर गेहूं की फसल पर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि किसानों को समय पर और आवश्यकता के अनुसार डीएपी खाद उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे अपने खेतों में बिना किसी बाधा के बुवाई कर सकें।
डीएपी की कमी के कारण किसानों में चिंता
किसानों का मानना है कि समय पर खाद न मिलने से गेहूं की फसल की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही, बुवाई में देरी होने के कारण कटाई का समय भी प्रभावित हो सकता है। यदि फसल कटाई में देरी होती है, तो अन्य फसलों की तैयारी और खेती चक्र पर भी असर पड़ेगा। इसके चलते न केवल किसान बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र में इसका प्रभाव पड़ सकता है।
कुछ किसानों ने यह भी बताया कि खाद की कमी का मुद्दा केवल सीवन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य का मुद्दा बन गया है। कई जगहों पर डीएपी की कमी के चलते किसान बुवाई नहीं कर पा रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें खाद मिले। इस देरी का नकारात्मक असर न केवल उनकी फसल पर बल्कि उनकी आजीविका पर भी पड़ सकता है, क्योंकि गेहूं की फसल उनकी मुख्य आय का साधन है।
कमी को दूर करने के उपायों की आवश्यकता
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि खाद की कमी के मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार को नई योजनाएं बनानी चाहिए। कुछ सुझाव दिए गए हैं कि खाद का वितरण स्थानीय स्तर पर अधिक कुशलता से किया जाए, ताकि किसानों को जरूरत के समय पर खाद मिले। इसके अलावा, किसानों को खाद के उचित उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि वे इसके उपयोग को नियंत्रित कर सकें और खाद की किल्लत की समस्या को कम किया जा सके।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार डीएपी की आपूर्ति को लेकर गंभीर है और इस मुद्दे को जल्द सुलझाने के प्रयास कर रही है। अधिकारी के अनुसार, किसानों की मांग के अनुसार खाद उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त खेप मंगाई जा रही है और इसे शीघ्र ही जिले के विभिन्न केंद्रों पर वितरित किया जाएगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में ऐसी स्थिति न आए और किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिल सके।
खाद की कमी से परेशान किसान
किसानों की मांग है कि उन्हें डीएपी खाद की कमी से मुक्ति दिलाई जाए, ताकि वे अपने खेतों में गेहूं की बुवाई आसानी से कर सकें। सरकार के प्रयासों के बावजूद, किसानों का कहना है कि उन्हें वास्तविक समाधान की आवश्यकता है। वे चाहते हैं कि सरकार हर साल खाद की कमी की समस्या को सुलझाने के लिए ठोस उपाय करे, ताकि किसानों को खाद की किल्लत के कारण बुवाई में देरी का सामना न करना पड़े।
इस स्थिति में किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी जरूरतों को समझेगी और समय पर आवश्यक खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। किसानों का मानना है कि कृषि क्षेत्र में सुधार और देश की खाद्यान्न सुरक्षा के लिए खाद की उचित आपूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है।
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