Kaithal News: इंग्लैंड भेजने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी, कैथल पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: इंग्लैंड भेजने के नाम पर ठगी के मामले में कैथल पुलिस की इकनॉमिक सेल ने एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह मामला तब सामने आया था जब पीड़ितों ने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए ठगों के जाल में फंसकर लाखों रुपये गंवाए थे। इस मामले में आरोपियों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने कई प्रयास किए, जिसके बाद यह सफलता हासिल हुई।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह ठगी का मामला तब शुरू हुआ जब गांव सिरटा निवासी रोशन लाल और उसके जानकार अनिल कुमार ने अपने बच्चों को इंग्लैंड भेजने के इच्छुक थे। मार्च 2024 में उन्होंने चंडीगढ़ स्थित प्लैनेट गाइड ओवरसीज सेंटर से संपर्क किया। यहां हरसिमरन जीत कौर और नेहा राणा ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वे उनके बच्चों गुरदीप सिंह और आरती का वीजा पति-पत्नी के रूप में लगवाने में मदद करेंगी।

ठगों की चालाकी

दोनों महिलाओं ने रोशन लाल और अनिल को आश्वस्त किया कि उन्होंने पहले भी ऐसे कई मामले सफलतापूर्वक किए हैं। इसके लिए उन्होंने कुल 24 लाख रुपये की मांग की। बातचीत के बाद, पहले चरण में 10 लाख रुपये की राशि ली गई। लेकिन जब पीड़ितों को यह पता चला कि कोई भी फाइल नहीं लगाई गई है और उनके रुपये ठग लिए गए हैं, तब उन्होंने आरोपियों से रुपये वापस की मांग की। इस पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।

इस मामले की शिकायत थाना सीवन में दर्ज कराई गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मुख्य आरोपी गुरविंद्र सिंह ही था, जो चंडीगढ़ में प्लैनेट गाइड ओवरसीज सेंटर चला रहा था। पुलिस ने पाया कि गुरविंद्र किसी अन्य मामले में कुरुक्षेत्र जेल में बंद था, इसीलिए गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट मांगा गया। उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर विशेष पुलिस रिमांड पर लिया गया, जिससे जांच आगे बढ़ सकी। आरोपी के कब्जे से 20 हजार रुपये भी बरामद हुए।

एक और मामला सामने आया

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के एक अन्य मामले की जांच के दौरान भी पीएसआई संदीप कुमार ने आरोपी गुरविंद्र को न्यायालय से नियमानुसार गिरफ्तार किया। इस मामले में हितेश नामक एक अन्य पीड़ित ने शिकायत की थी। हितेश ने बताया कि उसे अगस्त 2024 में आरोपियों का फोन आया, जिसमें कहा गया कि उसे कनाडा भेजने की बात की गई थी।

आरोपियों ने उसे कनाडा भेजने की एवज में 16 लाख रुपये की मांग की, लेकिन अंततः 14 लाख रुपये में बात तय हो गई। हितेश ने आरोपियों को अलग-अलग तारीखों में करीब साढ़े चार लाख रुपये दिए। उसे एक वीजा भी प्रदान किया गया था, जो बाद में जांच में फर्जी पाया गया। जब हितेश ने आरोपियों से रुपये वापस मांगे, तो उसे भी धमकाया गया।

ठगी के पीछे का तरीका

 

यह ठगी मुख्य रूप से उन लोगों को निशाना बनाती है, जो विदेश जाने का सपना देखते हैं या उनके परिवार के सदस्य विदेश में जाकर बेहतर जीवन जीना चाहते हैं। ठग आमतौर पर विश्वास जमाने के लिए अपने आप को पेशेवर बताते हैं और ज्ञात प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम का इस्तेमाल करते हैं। उनके संपर्क में आने वाले व्यक्ति अक्सर उनकी बातों पर भरोसा कर लेते हैं।

कैथल पुलिस की इकनॉमिक सेल ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। जांच के दौरान कई अन्य ठगी के मामलों का भी खुलासा हुआ, जहां लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई गवाई। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे लोगों से सावधान रहें जो सुनहरे सपनों का वादा करते हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जानकारियां

 

पुलिस ने इन मामलों में संज्ञान लेते हुए एक उचित कार्रवाई योजना तैयार की है। युवाओं और परिवारों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत सायबर फ्रॉड और धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संवाद और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।

आरोपी गुरविंद्र के खिलाफ अब तक कुल चार मामलों में नामजद शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस उसकी संपत्ति और बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने ठगी के माध्यम से और किस-किस से काली कमाई की है।

जागरूकता, सतर्कता और सम्पूर्ण जानकारी महत्वपूर्ण

यह घटना यह दर्शाती है कि इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल तत्व कितने चालाक और संगठित हो सकते हैं। इससे बचने के लिए जागरूकता, सतर्कता और सम्पूर्ण जानकारी महत्वपूर्ण हैं। पुलिस ने ठगी के मामलों में ऐसे लोगों का सहारा लेने से बचने और उचित संस्थानों के माध्यम से ही विदेश यात्रा की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अपील की है।

कैथल पुलिस की इकनॉमिक सेल ने एक सफल मिशन के तहत ठगों के खिलाफ यह ठोस कार्रवाई की है, जिससे अन्य संभावित पीड़ितों को भी सुरक्षा मिलेगी। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के मामलों में तेजी से कार्रवाई और जागरूकता से ठगी की जड़ों को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे धोखाधड़ी के मामलों में मदद के लिए तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

 

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