Kaithal News: कैथल जिले में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी, 29 किसान गिरफ्तार, जुर्माना भी लगाया
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल जिले में पराली जलाने के मामलों में शनिवार को कोई नया मामला सामने नहीं आया, लेकिन जिले में अभी भी इस पर कड़ी कार्रवाई जारी है। शनिवार को तीन और किसानों को गिरफ्तार किया गया, जिससे अब तक कुल 29 किसान, जिनमें एक महिला भी शामिल है, गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अब तक जिले में पराली जलाने के कुल 162 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही, पराली जलाने के कारण किसानों पर कुल दो लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. बाबू लाल ने बताया कि जिले में अब तक हरसेक (हॉटस्पॉट रिस्क) प्रणाली के माध्यम से 162 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इनमें से 57 मामलों में फायर लोकेशन की पुष्टि नहीं हो सकी, जबकि 63 मामलों में यह पाया गया कि किसानों ने धान के अवशेषों को जलाया था। इन मामलों में किसानों पर एक लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
एफआईआर और अन्य कानूनी कार्रवाई
इसके अलावा 35 मामलों में पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है। जिले में कृषि विभाग ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के माध्यम से 122 मामलों में रेड एंट्री दर्ज की है। यह जानकारी इस बात की पुष्टि करती है कि पराली जलाने के मामलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और दोषी किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
किसानों को जागरूक करने के प्रयास
इस मुद्दे पर किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से जागरूकता वाहन पूरे जिले के गांवों में भेजे जा रहे हैं, ताकि किसानों को पराली जलाने के खतरों और इसके पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा सके। इसके अलावा, किसानों को फसल अवशेषों के सही तरीके से प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र भी मुहैया कराए जा रहे हैं। यह यंत्र किसानों को पराली जलाने से बचने के लिए वैकल्पिक तरीके प्रदान करते हैं, जिससे वे अपने खेतों में अवशेषों का सुरक्षित तरीके से निपटान कर सकें।
कृषि यंत्रों का वितरण
कृषि विभाग ने किसानों को स्टबल मैनेजमेंट के लिए आधुनिक यंत्रों का वितरण किया है, ताकि वे आसानी से अपनी फसल के अवशेषों का प्रबंधन कर सकें। यह कदम पराली जलाने को रोकने में मदद करेगा, क्योंकि पराली जलाना पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है और यह वायु प्रदूषण में वृद्धि का प्रमुख कारण बनता है।
सरकार की कड़ी कार्रवाई
सरकार ने पराली जलाने के मामलों में कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। किसानों के खिलाफ जुर्माना लगाने, गिरफ्तारी और एफआईआर दर्ज करने के साथ ही, सरकार ने इस मुद्दे पर किसानों को शिक्षित करने के लिए कई जागरूकता अभियानों की शुरुआत की है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इन समस्याओं से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
पर्यावरणीय प्रभाव और सरकारी कदम
पराली जलाने का पर्यावरण पर गहरा असर पड़ता है। यह न केवल वायु प्रदूषण का कारण बनता है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इसके चलते सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया है और किसानों को इस आदत से बचने के लिए विभिन्न उपाय सुझाए हैं। सरकारी योजनाओं के तहत किसानों को मुफ्त या रियायती दरों पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं, जिससे उन्हें पराली जलाने की बजाय अन्य उपायों के जरिए अवशेषों का निपटान करने का अवसर मिले।
कई प्रभावी कदम उठाए
कैथल जिले में पराली जलाने के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। जागरूकता अभियानों और कृषि यंत्रों के वितरण से किसानों को मदद मिल रही है, लेकिन अभी भी अधिक प्रयास की आवश्यकता है। किसानों को यह समझाना जरूरी है कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सही तरीकों का उपयोग करना कितना महत्वपूर्ण है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि आगामी दिनों में इस दिशा में और कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि पराली जलाने के मामलों में कमी लाई जा सके और पर्यावरण को बचाया जा सके।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन