Kaithal News: उन्नत खेती के लिए कैथल के ईश्वर कुंडू का सम्मान, पूरे देश से 4 नवोन्मेषी किसानों का किया गया चयन

नरेन्द्र सहारण, कलायत (कैथल)। हरियाणा में कैथल के किसान को सम्मानित किया गया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर में आयोजित अंतरराज्यीय कृषि सम्मेलन में कैथल के नवोन्मेषी ईश्वर कुंडू को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में देश भर से नई खोज करने वाले और खेती की समस्याओं का समाधान खोजने वाले नवोन्मेषी किसानों को आमंत्रित किया गया था। आपको बता दें कि कैथल के गांव कैलरम से ईश्वर कुंडू के उत्पाद राष्ट्रपति भवन में प्रयोग होता है।
केवल 4 नवोन्मेषी किसानों का चयन
उन्होंने बताया कि सम्मेलन में पूरे देश से केवल 4 नवोन्मेषी किसानों का चयन किया गया। उत्तर पश्चिम भारत से केवल हरियाणा के कैथल जिले के किसान ईश्वर सिंह कुंडु का चयन किया गया। इस सम्मेलन में भाग लेने कुंडू को चुना गया। इसमें ईश्वर कुंडु के पुत्र सुशील कुंडु ने उनकी तरफ से भाग लिया। कुंडु के नाम की सिफारिश राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार ने की थी। गर्व करने योग्य बात ये है कि सभी नवोन्मेषी किसानों में से केवल सुशील कुंडु का चयन अवॉर्ड के लिए किया गया। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार,विश्व विद्यालय के कुलपति डीआर सिंह आदि ने सुशील कुंडु को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
कृषि क्षेत्र के लिए कई खोजें की
ज्ञातव्य है कि कैथल जिले के किसान ईश्वर कुंडु ने केवल दसवीं तक ही शिक्षित होने के बावजूद बेहद सीमित संसाधनों के साथ कृषि क्षेत्र के लिए कई खोजें की हैं। भारत की कृषि को जहर मुक्त करने, किसान का खर्च कम करने और फसल की पैदावार बढ़ाने की दिशा में लगभग एक दशक तक शोध किए। अपनी खोज और विचारों को केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक जाकर साबित किया कि हम बिना जहरीले रसायनों के भी खेती कर सकते हैं। इससे न केवल किसान कि लागत घटी, उसका मुनाफा बढ़ा बल्कि उपभोक्ता को भी जहर मुक्त भोजन उपलब्ध हो, इसके लिए अतुलनीय प्रयास हुए। ईश्वर कुंडू ने बताया कि 2004 में प्रथम फार्मूले की खोज हुई, जिसे किसानों ने कमाल नाम दे दिया। उनकी खोज के पंजाब कृषि विश्व विद्यालय लुधियाना,कृषि विज्ञान केंद्र, कैथल और सिंजेंटा जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान द्वारा देश के 6 राज्यों में परीक्षण किए।
देशभर के किसानों के बीच लोकप्रिय
इससे 21 प्रतिशत तक पैदावार में वृद्धि पाई गई। आज इस किसान की खोज जो कमाल के नाम से देशभर के किसानों के बीच लोकप्रिय हो चुकी है। इसकी बदौलत कैथल जिले का नाम दुनिया भर में गूंज रहा है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से लेकर रामनाथ कोविंद तक ने किसान की खोज को सम्मान दिया। कुंडू की खोज ने लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड सहित चार बार रिकॉर्ड कायम किए। इस किसान की खोज पेटेंट गजट में भी प्रकाशित हो चुकी है।
हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से पुरस्कृत ईश्वर कुंडू राष्ट्रपति भवन में अपनी प्रजेंटेशन दे चुके हैं। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अनेकों अवार्ड हासिल कर चुके हैं। उन्हें इनोवेटिव स्कॉलर के तौर पर मान्यता मिल चुकी है।
ईश्वर सिंह कुंडू ने कहा कि किसानों को अपनी समस्याएं समझ कर उसका मूल जान कर उसके समाधान का प्रयास करना चाहिए। जब आप कुछ अलग करते हैं तो परेशानियां आती हैं। लेकिन निरंतर प्रयास के बाद सफलता जरूर मिलती है।
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