Kaithal News: पूंडरी में ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार, जानें किसके सिर बंधेगा ताज

नरेन्द सहारण, पूंडरी। Haryana Assembly Election 2024: पूंडरी विधानसभा क्षेत्र में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख के करीब आते ही राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। विभिन्न समाजों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने से हलके की राजनीतिक हवा बदल गई है। पिछड़ा वर्ग, रोड समाज, जाट समाज, सिख समाज, अनुसूचित जाति और गुर्जर समाज के उम्मीदवारों ने इस बार के चुनाव को अधिक जटिल बना दिया है।

रोड समाज बाहुल्य सीट

 

पूंडरी विधानसभा क्षेत्र रोड समाज के बाहुल्य के लिए जाना जाता है, इसके बाद जाट और ब्राह्मण मतदाता हैं। पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाता भी अपनी ताकत दिखा सकते हैं। 2019 से पहले, यहां रोड और ब्राह्मण उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला होता रहा है। इस बार चुनावी स्थिति में बदलाव हो सकता है, क्योंकि इस बार कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं।

सात बार रोड समाज के उम्मीदवार विधायक रहे

 

ऐतिहासिक दृष्टि से पूंडरी क्षेत्र में तीन बार ब्राह्मण, एक बार राजपूत और लगभग सात बार रोड समाज के उम्मीदवार विधायक रहे हैं। इनमें से चार बार चौधरी ईश्वर सिंह रोड समाज से अकेले विधायक बने। 2019 के चुनाव में, रोड और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार सतबीर भाणा ने कांग्रेस के वोट बैंक में अच्छी उपस्थिति दर्ज करवाई थी, जबकि निर्दलीय रणधीर गोलन को जनता ने चुना था।

पाई बेल्ट के उम्मीदवार की महत्वपूर्ण योगदान

हाल ही में पूंडरी हलके के साथ पाई बेल्ट जुड़ने के बाद पाई बेल्ट के उम्मीदवार की हार-जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस बार कांग्रेस के प्रमुख दावेदार सतबीर भाणा, रणधीर गोलन, और सज्जन ढुल ने निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है, जिससे पूंडरी हलके की राजनीति को नया मोड़ मिला है।

भाजपा के पूर्व विधायक दिनेश कौशिक ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के प्रत्याशी समाजसेवा के माध्यम से हलके में लोकप्रिय हुए हैं और राजनीति में नए खिलाड़ी भी मैदान में हैं। इस बार मुकाबला कांग्रेस बनाम कांग्रेस के बागी और भाजपा बनाम भाजपा के बागी के रूप में भी देखा जा सकता है।

रोड समाज से पांच उम्मीदवार

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 16 सितंबर के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति पूंडरी में बेहतर रही थी, लेकिन उस समय कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत लगाई थी। अब राह अलग-अलग होने के साथ सभी दलों को नई रणनीतियों पर ध्यान देना होगा। रोड समाज से पांच उम्मीदवारों की उपस्थिति के कारण हलके में कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं।

 

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