Kaithal News: कलायत में दूषित पेयजल से लोग परेशान: सीवरेज मिश्रित पानी की सप्लाई, SDM कार्यालय के सामने प्रदर्शन की चेतावनी

दूषित पेयजल की आपूर्ति से नाराज प्रदर्शन करते हुए बच्चे और ग्रामीण।
नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News : कैथल जिले के कलायत नगर में पिछले एक साल से जारी दूषित पेयजल आपूर्ति ने स्थानीय निवासियों का जीवन संकट में डाल दिया है। नगर के छह वार्डों में गंदा, बदबूदार और सीवरेज मिश्रित पानी की आपूर्ति से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। जनता का स्वास्थ्य, स्वच्छता और जीवन गुणवत्ता इन दिनों बड़े सवालों के घेरे में हैं। यह समस्या गर्मी के मौसम में और भी विकराल हो गई है, जिससे बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है।
स्थानीय निवासियों ने अपने गुस्से और चिंता का इजहार करते हुए एसडीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो वे आंदोलनकारियों का रूप ले सकते हैं। इससे जिला प्रशासन और नगर पालिका पर दबाव बढ़ रहा है और सरकार की ओर से भी समस्या का समाधान निकालने के प्रयास तेज किए गए हैं।
एक साल से जारी दूषित पानी की आपूर्ति
कैथल जिले के कलायत नगर के छह वार्डों में पिछले एक साल से न तो स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है और न ही पानी की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। स्थानीय निवासी स्वयं इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर का कहना है कि उनके घरों में पहुंचने वाला पानी बदबूदार, गंदा और पीने के योग्य नहीं है। वार्ड 12 के निवासी सुनिल का कहना है कि वे एक साल से सीवरेज मिश्रित पानी पीने को मजबूर हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि नागरिकों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
बदबूदार और दूषित पानी का सेवन करने से डिहाइड्रेशन, पेट की बीमारियां, त्वचा रोग और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ गया है। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति अधिक चिंताजनक है, क्योंकि इन वर्गों का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है। नतीजतन, अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बन रहा है।
नागरिकों की शिकायत और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पानी का सैंपल लेकर नागरिक अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव मित्तल और स्वास्थ्य निरीक्षक सुरेश कुमार से मुलाकात की। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि गर्मी के मौसम में पानी की स्थिति और भी खराब हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि पानी पीने योग्य नहीं है और इससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पानी के सैंपल को कैथल लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति का सही पता चल पाएगा और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
तकनीकी कारण और विभाग का बयान
जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता रवि पूनिया ने बताया कि इस समस्या का मुख्य कारण अवैध कनेक्शनों की मौजूदगी है। कुछ स्थानीय लोग अपने घरों के पास से सीवरेज लाइन से जुड़ गए हैं और उनके घरों में लगे वाटर पंप्स से सीवरेज का पानी सीधे घरों में पहुंच रहा है। इससे पानी में सीवरेज का मिश्रण हो रहा है और पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। उन्होंने बताया कि विभाग ने निरीक्षण के लिए टीम भेज दी है। जल्द ही नई पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा, ताकि पुराने और अवैध कनेक्शनों को बंद कर नए, स्वच्छ जल स्रोत का प्रावधान किया जा सके। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, लेकिन विभाग का प्रयास है कि नागरिकों को जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाए।
जल परीक्षण और आगे की योजना
डॉ. राजीव मित्तल और सुरेश कुमार ने कहा कि पानी का सैंपल जांच के लिए कैथल लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही इसके परिणाम स्पष्ट हो पाएंगे। यदि पानी में बैक्टीरिया या सीवरेज का मिश्रण पाया गया, तो तत्काल कदम उठाए जाएंगे। विभाग के पास योजना है कि पाइपलाइन नेटवर्क का पुनर्निर्माण कर, अवैध कनेक्शनों को हटाया जाए और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाई जाए।
तत्काल उपाय
- जल परीक्षण के परिणाम के आधार पर आवश्यक सुधारात्मक कदम।
- अवैध कनेक्शनों को तोड़ना और पाइपलाइन का पुनर्निर्माण।
- नई पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू करना।
- जल ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाना।
- नगर के सभी वार्डों में नियमित जल गुणवत्ता जांच।
दीर्घकालिक योजनाएं
- जल संरक्षण और स्वच्छता जागरूकता अभियान।
- पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार और सुधार।
- सामुदायिक भागीदारी से स्वच्छता अभियान।
- डिजिटल निगरानी प्रणाली स्थापित कर जल गुणवत्ता का सतत परीक्षण।
- सरकारी और निजी भागीदारी से जल स्रोतों का संरक्षण।
आक्रोश और आंदोलन की चेतावनी
स्थानीय निवासी अपनी शिकायतों को लेकर काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार और संबंधित विभाग शीघ्र ही आवश्यक कदम नहीं उठाते हैं, तो वे आंदोलन का रास्ता अपना सकते हैं। उनका मानना है कि स्वच्छ पेयजल जीवन का मूल अधिकार है, और इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।
आशा की किरण
हालांकि स्थिति गंभीर है, लेकिन विभाग और प्रशासन का कहना है कि वे समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। नई पाइपलाइन, जल शोधन संयंत्र और अवैध कनेक्शनों को बंद करने का काम तेजी से चल रहा है। नागरिकों को भरोसा दिलाया गया है कि कुछ ही महीनों में समस्या का समाधान निकाला जाएगा और शहर में फिर से स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति शुरू होगी।
एक जिम्मेदार प्रणाली की आवश्यकता
कैथल जिले के कलायत नगर में पिछले एक साल से जारी दूषित जल संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वच्छता और जल सुरक्षा एक जिम्मेदार और समर्पित प्रशासन का ही परिणाम हो सकती है। नागरिकों की शिकायतों को सुनना, जल गुणवत्ता का नियमित परीक्षण करना और तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है। सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे इस समस्या को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं और प्रभावी समाधान के लिए समुचित कदम उठाएं।
स्वच्छ जल जीवन का आधार है। यदि हम समय रहते कदम नहीं उठाते, तो स्वास्थ्य संकट और भी विकराल हो सकता है। इसलिए, सतत निगरानी, पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी से ही इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है। कलायत नगर का उदाहरण हमें यह सिखाता है कि संसाधनों का सही उपयोग, तकनीकी सुधार और जनसंवाद से ही हम अपने शहर को फिर से स्वस्थ और सुरक्षित बना सकते हैं। यह रिपोर्ट एक जागरूकता का प्रयास है कि जल सुरक्षा और स्वच्छता को हमारा सर्वोपरि दायित्व समझते हुए, हम अपने शहर और देश को बेहतर बनाने में योगदान दें।