कैथल में साइबर ठगों का आतंक: एक ही दिन में 12 लोगों को लगाई पौने चार लाख की चपत, पुलिस के हाथ खाली!

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में साइबर अपराधियों का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में, पुलिस ने एक ही दिन में विभिन्न थाना क्षेत्रों में साइबर ठगी के 12 सनसनीखेज मामले दर्ज किए हैं। इन शातिर ठगों ने अलग-अलग तरीकों से आम लोगों को अपना शिकार बनाते हुए कुल मिलाकर लगभग पौने चार लाख रुपए की भारी रकम ठग ली है। इन घटनाओं ने जिले में सनसनी फैला दी है और लोगों के बीच ऑनलाइन लेनदेन को लेकर डर का माहौल पैदा हो गया है।

पांच मामले सदर थाने में दर्ज

पुलिस द्वारा दर्ज की गई इन 12 प्राथमिकियों में से अकेले पांच मामले सदर थाने में दर्ज किए गए हैं, जो इस क्षेत्र में साइबर अपराध की गंभीरता को दर्शाते हैं। इसके अतिरिक्त, कलायत, गुहला और सीवन थाना क्षेत्रों में भी साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह संगठित अपराध जिले के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय है। पुलिस ने इन सभी मामलों में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई में जुटी है, लेकिन फिलहाल इन साइबर ठगों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

पुलिस की नींद उड़ा दी

 

सदर थाना क्षेत्र में साइबर ठगी की पांच वारदातों ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। इन मामलों में ठगों ने अलग-अलग हथकंडे अपनाकर लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।

शिक्षक बनकर ठगा: ग्योंग गांव के रहने वाले करनैल सिंह साइबर ठगी का शिकार हुए। उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को उनके बेटे का शिक्षक बताया। धोखेबाज ने किसी बहाने से करनैल सिंह से ₹12,000 की ठगी कर ली। इस घटना ने ऑनलाइन माध्यम से बच्चों के शिक्षकों से होने वाली बातचीत में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

वॉट्सऐप लिंक बना जाल: सांघन गांव के कुलदीप के साथ साइबर ठगी का एक नया तरीका अपनाया गया। उनके वॉट्सऐप पर एक संदिग्ध लिंक भेजा गया। जैसे ही कुलदीप ने उस लिंक पर क्लिक किया, उनके बैंक खाते से ₹20,000 गायब हो गए। यह घटना अनजान लिंक्स पर क्लिक करने के खतरों को उजागर करती है।

फ्रांस वाली युवती भी शिकार: फ्रांस वाला गांव की एक युवती भी साइबर ठगों के जाल में फंस गई। उसे भी मोबाइल पर एक लुभावना लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करते ही उसके खाते से ₹12,000 की अवैध निकासी हो गई।

वॉट्सऐप लिंक का दोहरा वार: छौत गांव के आजाद भी उसी तरीके से ठगी का शिकार हुए, जैसा कि कुलदीप हुए थे। उनके वॉट्सऐप पर भेजे गए एक संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के कारण उन्हें लगभग ₹10,000 का नुकसान उठाना पड़ा।

ओटीपी बना ठगी का हथियार: कुतुबपुर गांव के बलदेव साइबर ठगों के एक क्लासिक तरीके का शिकार बने। एक धोखेबाज ने उन्हें फोन किया और किसी जरूरी प्रक्रिया का हवाला देते हुए उनसे उनके बैंक खाते से संबंधित वन-टाइम पासवर्ड (OTP) पूछा। जैसे ही बलदेव ने OTP साझा किया, उनके खाते से ₹21,000 निकाल लिए गए। यह घटना OTP को किसी के साथ भी साझा न करने की सख्त चेतावनी देती है।

अन्य थाना क्षेत्रों में भी साइबर अपराध का बोलबाला

 

सदर थाना के अलावा, जिले के अन्य हिस्सों में भी साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

शिमला गांव का कुलदीप बना ऑनलाइन ठगी का शिकार: शिमला गांव के कुलदीप को ऑनलाइन ठगी के जरिए ₹40,000 का नुकसान हुआ। हालांकि, इस मामले में ठगी का तरीका अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन यह ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन में सावधानी बरतने की आवश्यकता को दर्शाता है।

कमालपुर के गौतम से धोखाधड़ी: कमालपुर गांव के गौतम के साथ ₹27,000 की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई। इस मामले की विस्तृत जानकारी भी अभी सामने नहीं आई है।

खरक पांडवा का कुलदीप भी ठगा गया: खरक पांडवा गांव के कुलदीप को साइबर ठगों ने ₹37,500 का चूना लगाया। यह घटना दर्शाती है कि साइबर अपराधी ग्रामीण क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं और लोगों को निशाना बना रहे हैं।

खेड़ी लांबा का सोनू भी जाल में फंसा: खेड़ी लांबा गांव के सोनू को ₹20,000 की साइबर ठगी का शिकार होना पड़ा।

फिरोजपुर का भारत हुआ ठगी का शिकार: फिरोजपुर गांव के भारत से साइबर ठगों ने ₹40,000 की बड़ी रकम ठग ली।

सीवन की दीपा देवी भी नहीं बच सकीं: सीवन गांव की दीपा देवी भी साइबर अपराधियों के जाल में फंस गईं और उन्हें ₹27,000 का नुकसान उठाना पड़ा।

खरौदी के जयपाल को भी लगा चूना: खरौदी गांव के जयपाल को ₹23,590 की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा।

पुलिस की कार्रवाई और चुनौतियां

 

कैथल पुलिस ने इन सभी 12 मामलों में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वह इन सभी मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है और साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, साइबर अपराध की प्रकृति के कारण इन अपराधियों को ट्रैक करना और पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।

साइबर अपराधी अक्सर नकली पहचान और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करके अपने असली ठिकाने को छुपाते हैं, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, ये अपराधी विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं, जिससे उनकी गतिविधियों का पता लगाना और भी कठिन हो जाता है।

साइबर ठगी से बचाव के लिए क्या करें?

 

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए आम लोगों को भी सतर्क रहने और कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की आवश्यकता है:

अपरिचित लिंक्स पर क्लिक न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए संदिग्ध लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। ये लिंक्स अक्सर फिशिंग वेबसाइटों या मैलवेयर से जुड़े हो सकते हैं, जो आपकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुरा सकते हैं।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: कभी भी फोन या ईमेल पर किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी बैंक खाते की जानकारी, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, पासवर्ड या ओटीपी साझा न करें। बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान कभी भी आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता है।
मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें। नियमित रूप से अपने पासवर्ड बदलते रहें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें: जहां भी संभव हो, अपने ऑनलाइन खातों पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्षम करें। यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है और आपके खाते को अनधिकृत पहुंच से बचाता है।
एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें: अपने कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों पर एक अच्छा एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर स्थापित करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
संदिग्ध ईमेल और संदेशों से सावधान रहें: किसी भी संदिग्ध ईमेल या संदेश का जवाब न दें, खासकर यदि वे आपसे व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी मांगते हैं।
ऑनलाइन लेनदेन में सावधानी बरतें: केवल सुरक्षित और प्रतिष्ठित वेबसाइटों पर ही ऑनलाइन लेनदेन करें। वेबसाइट के यूआरएल में “https://” और एक लॉक आइकन की जांच करें।
वित्तीय लेनदेन की निगरानी करें: अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचते रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।
साइबर अपराध के बारे में जागरूक रहें: साइबर ठगी के नए तरीकों और तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहें ताकि आप इनसे बच सकें।

गंभीर चिंता का विषय

 

कैथल में एक ही दिन में साइबर ठगी के 12 मामलों का सामने आना एक गंभीर चिंता का विषय है। यह दर्शाता है कि साइबर अपराधी कितने सक्रिय और दुस्साहसी हो गए हैं। पुलिस इन मामलों की जांच में जुटी है, लेकिन आम लोगों को भी अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। साइबर ठगी से बचाव ही इसका सबसे प्रभावी तरीका है। यदि आप भी किसी साइबर अपराध का शिकार होते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

 

You may have missed