Kaithal News: कलायत में लोन विवाद के चलते तीन मकानों को सील करने पहुंची टीम को ग्रामीणों ने बैरंग लौटाया
नरेन्द्र सहारण, कलायत: Kaithal News: देश-प्रदेश में बैंकों द्वारा दिए गए विभिन्न तरह के कर्ज के नाम पर संविधान के खिलाफ जाकर उगाही करने पर जनता सरकार मोर्चा ने कलायत में बड़ी कार्यवाही की। इसके तहत करीब 50 लाख रुपये की रिकवरी के नाम पर अलग-अलग आवासीय क्षेत्रों में सील किए जाने वाले तीन मकानों में से दो की कार्यवाही को रोकने में मोर्चा सफल रहा। इसके चलते ड्यूटी मजिस्ट्रेट जगजीत सिंह की अगुवाई में पुलिस बल के साथ पहुंची टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
बैंक ज्यादा रकम उनसे मांग रहा
यह अपनी तरह का पहला मामला रहा। इससे प्रेरित होकर एक किसान महिला सोनिया ने खुद पशुओं व घर के सामान सहित सील किए गए मकान के द्वार खोल लिए। जबकि मकान के सील हो जाने के कारण बच्चे व मेहमान काफी देर तक गली में खड़े होकर ठंड के बीच ठिठुरते रहे। परिवार की महिलाओं ने बताया कि छह साल पहले निजी बैंक ने सरकारी बैंक के नाम पर उनके साथ फ्राड किए। इन्होंने ऋण पर तीन लाख रुपये सब्सिडी देने भरोसा दिलाया, लेकिन लोन के आठ लाख के बजाय छह लाख रुपये दिए गए। पूरी रकम को चुकाने के बाद भी बैंक इससे ज्यादा रकम उनसे मांग रहा है। जब वह वे परिवार के मुखिया के बीमार होने के कारण इस राशि को नहीं चुका पाए तो बैंक ने मकान को सील कर दिया। इस दौरान घर के अंदर से मेहमान, छोटे बच्चों व महिलाओं को बाहर निकालकर पशु धन सहित घर पर ताला जड़ दिया गया।
दोनों पक्षों को स्थिति अवगत कराने के दिए निर्देश
ड्यूटी मजिस्ट्रेट जगजीत सिंह ने बताया कि जिला उपायुक्त द्वारा जारी रिकवरी आदेशों अनुसार टीम कार्यवाही करने पहुंची थी, लेकिन बैंक व कर्ज लेने वालों के बीच अपने हिसाब-किताब को लेकर खींचतान है। दोनों पक्षों को अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए प्रशासन को अवगत करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद आगामी कार्यवाही होगी। उनका लक्ष्य कानून व्यवस्था को बनाए रखना है। उम्मीद है कि इस दिशा में लोग सहयोग करेंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने मकान सील करने का किया विरोध
खटकड़ खाप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लीला राम ने मकानों को सील करने की कार्यवाही का विरोध किया। उनके साथ जनता सरकार जागरूक मोर्चा संगठन की टीम मौजूद रही। लीला राम ने कहा कि संविधान के अनुसार असल रुपये की कीमत के आधार पर ही लेनदेन होता है। जब तक बैंक इस पर स्थिति साफ नहीं करते कार्यवाही नहीं होने दी जाएगी। इस तरह किसी का कोई सामान जब्त नहीं किया जा सकता।
27 लाख की उगाही का दबाव
दूसरे मामले में सुरेश कुमार ने बताया कि उसके स्वर्गीय पिता ने वर्ष 2017 में नौ लाख रुपए के लोन लिया था। बैंक द्वारा लगाए गए ब्याज सहित वे करीब 12 लाख 50 हजार रुपये जमा करवा चुके हैं। इसके बाद भी बैंक नौ लाख रुपये की एवज में 27 लाख रुपये की राशि मांग कर रहा है। तीसरे मामले मेंं बलजीत सिंह ने 21 लाख रुपये के कर्ज के लिए आवेदन किया था। वे जरूरत के अनुसार इसे बढ़वाना चाहते थे। समय पर पैसे अदा करने के बाद भी बैंक के आग्रह पर सरकारी कर्मी उनके घरों को सील करने पहुंच गए।
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