Kaithal News: अविश्वास प्रस्ताव में चेयरपर्सन के खिलाफ वोटिंग 27 को, 22 में से 18 ने किए हस्ताक्षर

मौजूदा चेयरपर्सन डिंपल रानी कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस के साथ (फाइल फोटो)
नरेन्द्र सहारण, गुहला-चीका ( कैथल): Kaithal News: गुहला ब्लॉक समिति की चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आगामी 27 नवंबर को वोटिंग होगी। इस संबंध में बीडीपीओ चीका नेहा शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि जिला प्रशासन के आदेश के तहत वोटिंग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह चुनाव स्थानीय कार्यालय में संपन्न होगा।
चेयरपर्सन के खिलाफ क्यों आया अविश्वास प्रस्ताव?
डिंपल रानी 30 दिसंबर 2022 को भाजपा के समर्थन से ब्लॉक समिति की चेयरपर्सन चुनी गई थीं। उस समय गुहला से तत्कालीन जजपा विधायक ईश्वर सिंह अपने समर्थक को चेयरमैन पद पर नियुक्त करना चाहते थे, लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने इस स्थिति को अपने पक्ष में कर लिया।
हालांकि, विधानसभा चुनाव के दौरान चेयरपर्सन डिंपल रानी के पति भगत सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिससे डिंपल रानी का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा गया। पार्टी बदलने के इस फैसले का असर अब डिंपल रानी की चेयरपर्सन पद की स्थिरता पर पड़ा है।
अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया और समर्थन
गुहला ब्लॉक समिति में कुल 23 सदस्य हैं। हाल ही में वार्ड नंबर 14 की पार्षद ज्योति रानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे अब समिति में 22 सदस्य बचे हैं। अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए कम से कम 15 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
सूत्रों के अनुसार, 18 सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर पहले ही हस्ताक्षर कर दिए हैं। अगर ये सदस्य अपने फैसले पर कायम रहते हैं और आखिरी समय में पाला नहीं बदलते, तो डिंपल रानी को चेयरपर्सन का पद छोड़ना पड़ सकता है।
राजनीतिक समीकरण और पार्षदों का भ्रमण
अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद दोनों पक्षों में हलचल तेज हो गई है। डिंपल रानी और उनके समर्थक पार्षदों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर, सूत्रों के मुताबिक, ब्लॉक समिति के कई सदस्य फिलहाल भ्रमण पर हैं, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वोटिंग के दिन उनके निर्णय पर क्या असर पड़ेगा।
पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर का बयान
भाजपा के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने डिंपल रानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को जायज ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश के हर क्षेत्र का समान रूप से विकास करवा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधी पार्टियों के पदाधिकारी विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। बाजीगर ने कहा, “जनता तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ऐसे लोगों को पदों से हटाना जरूरी है।”
ब्लॉक समिति के सदस्य और वोटिंग की भूमिका
बीजेपी और जजपा के लिए यह मामला केवल एक ब्लॉक समिति का नहीं, बल्कि राजनीतिक दबदबे को बनाए रखने का सवाल है। 22 बचे हुए सदस्यों में से 18 के समर्थन से यह प्रस्ताव आसानी से पारित हो सकता है। हालांकि, अगर वोटिंग के दिन कोई बड़ा बदलाव होता है, तो स्थिति पलट भी सकती है।
बीडीपीओ नेहा शर्मा ने बताया कि वोटिंग के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा, “वार्ड नंबर 14 की पार्षद ज्योति रानी के इस्तीफे को मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है। वोटिंग तय समय पर होगी और नियमों के अनुसार प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी।”
क्या कहता है डिंपल रानी का पक्ष?
डिंपल रानी और उनके समर्थकों ने पार्षदों से संपर्क बढ़ा दिया है। हालांकि, उन्होंने फिलहाल कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि वह अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अंतिम समय तक हर संभव प्रयास करेंगी।
राजनीतिक दांव-पेंच का असर
इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय राजनीति को गरमा दिया है। यह मामला न केवल गुहला ब्लॉक समिति की स्थिति को बदल सकता है, बल्कि यह क्षेत्रीय राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकता है।
संभावित परिणाम
अगर डिंपल रानी के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है, तो भाजपा और जजपा को अपना नया उम्मीदवार नियुक्त करने का मौका मिलेगा। वहीं, कांग्रेस के लिए यह घटना एक बड़ा झटका साबित हो सकती है।
गुहला ब्लॉक समिति में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग क्षेत्रीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण पल साबित होगी। डिंपल रानी के पक्ष और विपक्ष में जो समर्थन है, वह उनके राजनीतिक भविष्य को तय करेगा। ऐसे में 27 नवंबर का दिन गुहला ब्लॉक समिति और क्षेत्रीय राजनीति के लिए निर्णायक सिद्ध हो सकता है।