Kaithal News: कैथल में ट्रैक्टर ने युवक को कुचलने से मौत, 8 महीने पहले शादी हुई थी, पत्नी गर्भवती

नरेन्‍द्र सहारण , कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ, जिसमें एक युवा की असामयिक मृत्यु ने उसके परिवार और समुदाय को शोक में डुबो दिया। इस घटना में कई पहलुओं पर विचार किया जा सकता है, जिसमें सड़क सुरक्षा, दुर्घटना के कारण और पीड़ित परिवार की हालत शामिल है। यह घटना मानव जीवन की नाजुकता और सड़कों पर सुरक्षा की कमी की एक हृदयविदारक कहानी है।

हादसे का विवरण

 

सोमवार 25 नवंबर की देर शाम हरियाणा के कैथल जिले के बरोट और बंदराना के बीच स्थित सरकारी स्कूल के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इस घटना में 26 वर्षीय युवक राहुल की मौके पर ही मौत हो गई। राहुल जो खेड़ी रायवाली गांव का निवासी था, एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था। वह अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा था और शाम को अपने पिता को खाना देकर घर लौट रहा था।

राहुल की बाइक सवार यात्रा अचानक थम गई जब उसे किसी का फोन आया। सड़क किनारे रुककर उसने फोन पर बात करना शुरू किया। इसी दौरान एक रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने पीछे से आकर उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रैक्टर का एक टायर सीधे उसके चेहरे से गुजर गया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

पीड़ित का परिवार और उसकी जिम्मेदारियां

राहुल का जीवन संघर्ष और जिम्मेदारियों से भरा था। उसके पिता सतीश कुमार, एक ट्रक चालक हैं, जो परिवार की आजीविका के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। राहुल उनकी सहायता करता था और घर की जरूरतों का ख्याल रखता था। आठ महीने पहले ही राहुल की शादी हुई थी, और उसकी पत्नी गर्भवती है। परिवार उसके आने वाले बच्चे के स्वागत की तैयारी कर रहा था, लेकिन इस घटना ने उनकी खुशियों को मातम में बदल दिया।

राहुल की बड़ी बहन जो शादीशुदा है ने भी अपने भाई को खोने का दुख साझा किया। यह परिवार अब शोक में डूबा हुआ है और अपने भविष्य के बारे में चिंतित है।

पिता के शब्दों में दर्द

राहुल के पिता सतीश कुमार ने बताया कि उनके बेटे ने उन्हें खाना पहुंचाने के लिए टोल प्लाजा पर मिलने का वादा किया था। राहुल ने खाना दिया और वहां से घर की ओर रवाना हुआ। लगभग 7 बजे, सड़क किनारे खड़े होकर फोन पर बात करने के दौरान, उसे ट्रैक्टर ने कुचल दिया।

सतीश ने कहा, “राहुल मेरा सहारा था। उसने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया। अब हमारे परिवार पर क्या बीतेगी, यह सोचकर दिल कांप जाता है।” उन्होंने यह भी बताया कि घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच से यह स्पष्ट हुआ कि हादसे के समय वहां से केवल एक ट्रैक्टर-ट्रॉली गुजरी थी।

दुर्घटना के बाद स्थिति

 

घटना के बाद सतीश और अन्य परिवारजन ट्रैक्टर और उसके चालक की तलाश में जुट गए। उन्होंने बंदराना गांव में जाकर ट्रैक्टर का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन वहां कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें धमकाया।

सतीश ने आरोप लगाया कि ट्रैक्टर चालक और उसके साथी शराब के नशे में थे। उन्होंने पुलिस को इस घटना की सूचना दी और ट्रैक्टर चालक के नाम और वाहन का विवरण पुलिस को सौंप दिया।

सड़क सुरक्षा पर सवाल

यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सड़कों पर बढ़ते खतरों का एक उदाहरण है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ट्रैक्टर और अन्य भारी वाहनों का गैर-जिम्मेदाराना संचालन आम होता जा रहा है। अक्सर इन वाहनों को अयोग्य या कम उम्र के चालक चलाते हैं, जिनके पास न तो उचित प्रशिक्षण होता है और न ही नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी। राहुल की मौत के बाद उनके पिता ने कहा, “आजकल बच्चे ट्रैक्टर चला रहे हैं। यह लापरवाही नहीं रुकती, तो और भी परिवार उजड़ेंगे।”

शराब और नशे का प्रभाव

 

इस घटना में नशे की भूमिका भी सामने आई है। सतीश कुमार ने आरोप लगाया कि ट्रैक्टर चालक और उसके साथी शराब के नशे में थे। यह स्पष्ट करता है कि नशे की हालत में गाड़ी चलाना न केवल अपराध है, बल्कि यह दूसरों के जीवन के लिए भी घातक साबित हो सकता है।

परिवार के सामने चुनौतीपूर्ण भविष्य

 

राहुल की मौत ने उसके परिवार को आर्थिक और मानसिक संकट में डाल दिया है। उसकी पत्नी, जो गर्भवती है, को इस समय परिवार का सहारा बनना था, लेकिन अब उसके सामने अकेले भविष्य का सामना करने की चुनौती है।

सतीश कुमार ने कहा, “मेरा बेटा हमारे परिवार की रीढ़ था। अब उसकी पत्नी और आने वाले बच्चे का ख्याल कैसे रखेंगे, यह सोचकर मन में डर बैठ गया है।”

दुर्घटना की जांच और कानूनी प्रक्रिया

 

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया है। चालक की तलाश जारी है। परिवार ने प्रशासन से इस घटना की पूरी जांच और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है।

सड़क हादसों की बढ़ती घटनाएं

 

यह घटना देश में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या की ओर भी इशारा करती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से कई हादसे लापरवाही, गैर-जिम्मेदाराना ड्राइविंग और यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण होते हैं।

समाज के लिए संदेश

राहुल की मौत न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। सड़क पर सभी का जीवन सुरक्षित रहना चाहिए, और इसके लिए जागरूकता और जिम्मेदारी जरूरी है।

सतीश कुमार ने अंत में कहा, “अगर सड़क पर नियमों का पालन किया जाए और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को रोका जाए, तो न जाने कितने राहुल आज हमारे बीच होते।”

इस घटना ने एक युवा की जिंदगी को असमय समाप्त कर दिया और उसके परिवार को जीवनभर के दर्द में डाल दिया। यह समय है कि सरकार, प्रशासन और समाज मिलकर सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। राहुल की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि सड़क पर लापरवाही और नशे की आदत किसी के जीवन को खत्म कर सकती है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस तरह के हादसों को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाएं और जिम्मेदार नागरिक बनें।

 

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