Kalayat assembly : सांसद पिता के बयानों ने कांग्रेस उम्मीदवार की मुश्किल बढ़ाई, जानें कलायत सीट का लेखा-जोखा

कलायत से कांग्रेस उम्मीदवार विकास सहारण, भाजपा उम्मीदवार कमलेश ढांडा और आप उम्मीदवार अनुराग ढांडा।

नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कैथल जिले की कलायत विधानसभा सीट (Kalayat assembly Seat) पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी और हिसार से सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने कमलेश ढांडा को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी से अनुराग ढांडा चुनावी मैदान में हैं। वहीं इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष राम पाल माजरा मैदान में हैं। इस विधानसभा में हर चुनाव में नया चेहरा यहां के मतदाताओं ने चुना है।

कलायत विधानसभा सीट से जुड़ा रोचक तथ्य है कि 1968 के मध्यवर्ती चुनाव सहित कुल  13 चुनावों में इस सीट पर कोई प्रत्याशी दूसरी बार जनप्रतिनिधि नहीं बन पाया है।

 

पिछला चुनाव हार गए थे जयप्रकाश

 

पिछला चुनाव जयप्रकाश कलायत से ही लड़े थे लेकिन, वे भाजपा की कमलेश ढांडा से करीब 9 हजार वोटों से हार गए थे। उन्हें 35.19 % वोट शेयर के साथ 53,805 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश को हराया था, जिन्हें 44,831 वोट (29.32 %) मिले थे। वहीं, इससे पहला चुनाव यानी 2014 विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में लड़ा और जीत हासिल की थी।

बांगर का जाट लैंड है कलायत विधानसभा सीट

 

कलायत विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,13,776 वोटर हैं, जिनमें महिला मतदाता 99,695 और पुरुष मतदाता 1,13,034 हैं। यह जाट बहुल सीट है और सामान्य श्रेणी में आने के बाद जाट उम्मीदवार ही चुनाव में जीते हैं। यहां करीब 90 हजार जाट मतदाता हैं। विधानसभा का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में है और केवल पांच प्रतिशत मतदाता ही शहरी क्षेत्र में आते हैं।

किसने क्या कहा

 

कमलेश ढांडा मौजूदा सरकार में हुए विकास कार्यों पर भरोसा जता रहे हैं, जबकि इस क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ रहे विकास सहारण भाजपा पर वर्षों से क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं। रामपाल माजरा, जो इस साल मार्च में किसान आंदोलन के दौरान भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल हो गए थे, भाजपा और कांग्रेस पर क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं। अनुराग ढांडा भाजपा, कांग्रेस और इनेलो पर कलायत का विकास न करने का आरोप लगा रहे हैं।

विकास कार्यों को जारी रखने पर जोर

कमलेश ढांडा ने कहा कि हमने बुनियादी ढांचे में सुधार से लेकर सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने तक कलायत की बेहतरी के लिए अथक काम किया है। अगर मैं निर्वाचित होती हूं, तो मेरा ध्यान इस गति को जारी रखने और विकास कार्यों को और आगे ले जाने पर होगा। हमारी सरकार ने ‘पर्ची और खर्ची’ (सिफारिश और रिश्वत) प्रणाली को खत्म कर योग्यता के आधार पर युवाओं को नौकरियां प्रदान की हैं।”


पिता के विजन को लागू करूंगा

 

विकास सहारण ने कहा, “बीजेपी कलायत के वास्तविक मुद्दों को संबोधित करने में विफल रही है, चाहे वह बेरोजगारी हो, ग्रामीण विकास हो या स्वास्थ्य सेवा हो। मेरा उद्देश्य कलायत को वह ध्यान और संसाधन दिलाना है, जिसका वह हकदार है। मैं निर्वाचन क्षेत्र का समावेशी तरीके से विकास करके अपने पिता के विजन को लागू करूंगा।”

विशेष रुप से प्रदर्शित छवि

विकास कार्यों में बड़े बदलाव लाऊंगा

 

माजरा ने निर्वाचन क्षेत्र के विकास में विफल रहने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा। माजरा ने कहा, “भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही कलायत के लोगों को लंबे समय तक नजरअंदाज किया है। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की समस्याओं और मुद्दों को जानता हूं। मैं लोगों के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध हूं। अगर मैं निर्वाचित होता हूं तो मैं विकास कार्यों में बड़े बदलाव लाऊंगा।”

रोजगार के अवसर पैदा करूंगा

अनुराग ढांडा ने कहा कि चाहे कमलेश ढांडा हों, विकास सहारन के पिता जय प्रकाश हों या रामपाल माजरा, सभी वास्तविक बदलाव लाने में विफल रहे हैं। अगर मैं सत्ता में आया तो मैं रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ बदलाव लाने की पूरी कोशिश करूंगा।”

ढुल खाप का अनीता ढुल को समर्थन

हालांकि, कांग्रेस का टिकट न मिलने के कारण नाराज अनीता ढुल और श्वेता ढुल की बगावत ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। जयप्रकाश के एक बयान ने इन दोनों को भड़काया और ढुल खाप के पांच गांवों ने जयप्रकाश का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। अब ढुल खाप ने कांग्रेस उम्मीदवार के बजाय अनीता ढुल का समर्थन करने का ऐलान किया है, जिससे विकास सहारण की स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। खाप प्रतिनिधियों का दावा है कि सेरघा, हरसोला, बड़सीकरी, फरीबाद, सेरधा और हरसोला खेड़ी के लोग अनीता ढुल को वोट देंगे। इन 5 गांवों में 22 हजार वोट बताए जा रहे हैं।

पहला तीर श्‍वेता ढुल ने चलाया था

श्‍वेता ढुल और अनीता ढुल कलायत विधानसभा से कांग्रेस के प्रमुख दावेदारों में से थीं, लेकिनअंत में टिकट सांसद जेपी के बेटे विकास सहारण को मिल गई। टिकट वितरण के बात श्‍वेता ढुल ने कहा, “राजा का बेटा ही राजा बनता है। मेरे पिता कोई बड़े नेता होते तो ऐन वक्‍त पर ऐसे टिकट कटती क्‍या। बहरहाल इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं करूंगी, लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगी की राजा का बेटा ही राजा बनता है, यही सत्‍य है।” श्‍वेता के इस बयान को जेपी के संदर्भ में देखा गया। इसके जवाब में जेपी ने बिंदी-लिपस्टिक वाला बयान दे विवाद खड़ा कर दिया।

चतुष्कोणीय मुकाबले में बागी बिगाड़ रहे समीकरण

 

इस बार भाजपा की कमलेश ढांडा, कांग्रेस के विकास सहारण, इनेलो के रामपाल माजरा और आम आदमी पार्टी के अनुराग ढांडा के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला हो रहा है। नामांकन वापसी के बाद, 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 9 स्वतंत्र उम्मीदवार हैं।

भाजपा के बागी विनोद निर्मल, कांग्रेस के बागी सतविंद्र राणा और अनीता ढुल भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सतविंद्र राणा दो बार राजौंद से विधायक रहे हैं। इस बार स्‍वतंत्र प्रत्‍याशी के रूप में मैदान में हैं। कलायत विधानसभा क्षेत्र में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के उम्मीदवार को 15,000 वोटों की लीड मिली थी, जो आप उम्मीदवार अनुराग ढांडा की उम्मीदों को मजबूत करता है।

इस तरह, कलायत विधानसभा सीट पर राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, और चुनावी माहौल में हलचल बढ़ती जा रही है।

 

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