Kashi Tamil Sangam: पीएम मोदी ने कहा, तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से दूसरे घर आना

वाराणसी, बीएनएम न्यूज। पीएम मोदी ने काशी तमिल संगमम का शुभारंभ किया। कन्या कुमारी-वाराणसी काशी तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने काशी व तमिलनाडु के संबंधों का स्मरण किया। सुब्रह्मण्य भारती को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम की आवाज पूरे देश-दुनिया में जा रही है। पिछले वर्ष काशी तमिल संगमम शुरू होने के बाद से ही इस यात्रा में दिनो दिन लाखों लाख लोग जुड़ते जा रहे हैं। धर्मगुरु, छात्र, साहित्यकार, शिल्पकार, प्रोफेशनल्स समेत कितने ही क्षेत्रों के लोगों को आपसी संवाद का प्रभावी मंच मिला है। खुशी है कि संगमम को सफल बनाने के लिए बीएचयू व आइआइटी मद्रास साथ आए हैं। आइआइटी मद्रास ने बीएचयू के छात्रों को साइंस व मैथ में सहयोग देने के लिए विद्या शक्ति इनिशिएटिव शुरू किया है। इस अवधि में हुए तमाम कार्य प्रमाण हैं कि काशी-तमिलनाडु के रिश्ते भावनात्मक भी हैं, रचनात्मक भी हैं।

एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना हो रही लगातार मजबूत

उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम ऐसा ही प्रवाह है जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को लगातार मजबूत कर रहा है। इसी भावना के साथ कुछ समय पहले काशी में गंगा पुष्करालु यानी काशी तेलुगु संगमम हुआ था। एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए हमारे राजभवनों ने भी अच्छी पहल की है। वहां दूसरे प्रांतों के स्थापनोत्सव मनाए जाते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना उस समय भी नजर आई जब हमने संसद के नए भवन में प्रवेश किया जहां पवित्र सैंगल की स्थापना की गई है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का यही प्रवाह है जो हमारे राष्ट्र की आत्मा को सींच रहा है।

काशी की संस्कृति और काशी की स्मृतियां भी ले जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से दूसरे घर आना। तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना। इसलिए तमिलनाडु और काशी वासियों के बीच जो प्रेम है, जो संबंध है वो अलग भी है और अद्वितीय भी है। मुझे विश्वास है काशी के लोग आप सभी की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे होंगे। आप जब यहां से जाएंगे तो बाबा काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ-साथ काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी की स्मृतियां भी ले जाएंगे।

यात्रा में दिनों-दिन लाखों लोग जुड़ते जा रहे हैं

उन्हांने कहा कि पिछले वर्ष काशी तमिल संगमम शुरू होने के बाद से ही इस यात्रा में दिनों-दिन लाखों लोग जुड़ते जा रहे हैं। विभिन्न मठों के धर्मगुरू, छात्र, तमाम कलाकार… कितने ही क्षेत्र को लोगों को इस संगमम से आपसी संवाद और संपर्क का एक प्रभावी मंच मिला है। मुझे खुशी है कि इस संगमम को सफल बनाने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और IIT मद्रास भी साथ आए हैं।

You may have missed