Prashant Kishor Update: प्रशांत किशोर पर भड़कीं लालू की बेटी रोहिणी, जानिए-क्या कहा

पटना, BNM News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पदयात्रा कर रहे हैं। हर दिन लोगों से मिलते हैं और बात करते हैं. बीजेपी, आरजेडी, कांग्रेस सबके किए गए कामों की चर्चा करते हुए लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि जात-पात को देखकर नेता मत चुनें। गुरुवार (16 नवंबर) को बयान जारी करते हुए प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और लालू यादव (Lalu Yadav) के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर निशाना साधा था। इसको लेकर अब पीके को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने जवाब देते हुए खरी खोटी सुनाई है।

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को बताया था पानी ढोने वाला

दरअसल, प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए तंज किया था। पीके ने कहा था कि ‘तेजस्वी यादव की पहचान क्या है? वो नौंवी फेल आदमी है। जब वो क्रिकेट खेलने गए तो वहां मैच के दौरान दूसरे खिलाड़ियों के लिए पानी ढोते थे। लालू यादव के लड़के हैं इसलिए सब लोग जानते हैं।’

रोहिणी आचार्य ने प्रशांत किशोर को यूं दिया जवाब

प्रशांत किशोर के इसी बयान पर अब रोहिणी आचार्य ने जवाब दिया। रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- ‘ये है कौन? इसको कोई पहचानता भी है?’ रोहिणी इतने पर भी नहीं रुकीं। उन्होंने आगे लिखा कि ये भी किसी को बाबू जी बना लें, ताकि किसी का राजनीतिक वारिस बन सके। रोहिण ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पवन वर्मा, सीएम नीतीश कुमार, राहुल गांधी अभिषेक बनर्जी, जगन रेड्डी, स्टालिन का नाम लेते हुए प्रशांत किशोर का राजनीतिक पिता बता दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर बीजेपी की दलाली करते हैं, इसलिए मीडिया की कृपा दृष्टि उनपर बनी रहती है।

राहुल गांधी पर की गई पीके की टिप्पणी क्या थी?

चुनावी रणनीतिकार ने राहुल गांधी पर भी हमला किया था. कहा था कि राजीव गांधी के लड़के हैं राहुल गांधी इसलिए वह कांग्रेस के बड़े नेता हैं. आपके बाबू जी की पार्टी है तो कोई भी नेता बन जाएगा. बाबूजी की दुकान है तो कोई भी जाकर बैठ जाएगा और मालिक हो जाएगा. इसमें आपकी योग्यता क्या है?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बोला जमकर हमला

मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण का जो रिपोर्ट जारी किया है। उसके अनुसार राज्य के 20% लोगों को अपना घर नहीं है।  वे झोपड़ी में अपना जीवन बसर करते हैं। इस आंकड़े को देखकर यह लगता है कि नीतीश कुमार जिस काम की जोर-जोर से चर्चा करते हैं उसका उल्टा असर हो गया। जाति जनगणना के आंकड़े को देखने से यह प्रतीत होता है कि कभी-कभी इंसान अच्छा काम करने निकलता है और उसका और भी बुरा दिन आ जाता है। आदमी अच्छा भी करता है तो उसका मतलब उल्टा ही निकलता है। नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के आंकड़े और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को इसलिए जारी किया कि इससे फायदा हो जाए। लेकिन उन्हें घाटा हो गया। इसी को कहते हैं गोबर उठाकर अपने मुंह पर लगाना।

जातिगत गणना का दांव उलटा पड़ गयाः प्रशांत किशोर

जातिगत गणना के आंकड़े जारी करके इन लोगों ने सोचा था कि फायदा होगा लेकिन उल्टा पड़ गया। राज्य भर की जनता को यह पता चल गया कि बिहार में अभी भी 20 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनके पास घर नहीं है और वे झोपड़ी में रहते हैं। तो सवाल पूछा जाना चाहिए कि इन लोगों के घर नहीं होने की वजह क्या है जबकि सत्ता में तो आप ही थे। यह भी कहा कि बिहार के 80 पर्सेंट लोग अभी भी एक दिन में 100 रुपए से ज्यादा नहीं कमा पाते। जाहिर है कि पिछले 32 सालों में लालू यादव और नीतीश कुमार ने बिहार में शासन किया, यह उसी का असर है।

प्रशांत किशोर ने लालू यादव को भी लिया निशाने पर

प्रशांत किशोर ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि अगर किसी ने वंचितों की हकमारी की है, तो उनें लालू यादव भी हैं। बिहार में अगर वंचित समाज,अति पिछड़ा समाज,दलितों और मुसलमानों को अगर उचित जगह नहीं मिली तो ये जगह लालू और नीतीश ने नहीं दिया। उसके नाम पर हल्ला मचा रहे हैं। लेकिन, कोई ये पूछने वाला नहीं है कि 32 सालों से सत्ता में में बैठे लोग कौन हैं जो इस स्थिति के लिए जिम्मेवार हैं।

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