BJP List: गाजीपुर सीट पर भाजपा, सुभासपा और निषाद पार्टी की दावेदारी, मनोज सिन्हा भी बेटे के टिकट के लिए अड़े

गाजीपुर, BNM News: भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को 195 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। उत्तर प्रदेश की भी 51 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। पार्टी ने 2019 में हारी हुई 14 सीटों में से सात पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें से चार पर नए चेहरों को मौका दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की सीट गाजियाबाद और अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर सीट पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है। भाजपा ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश की 74 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि 6 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी जाएंगी। जिसमें दो सीटें दो सीट जयंत चौधरी की रालोद, दो सीट अनुप्रिया पटेल की अपना दल एस, ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा और संजय निषाद की निषाद पार्टी को एक-एक सीट छोड़ी जाएगी। उधर, भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। सूची जारी होने के बाद सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार रात को ही दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों के बीच सीटों को लेकर बातचीत हुई है।

संजय निषाद और ओपी राजभर कर रहे दो सीटों की दावेदारी

वहीं, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पहले ही मिलकर सीटों के मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं। हालांकि अभी भी सीटों की संख्या को लेकर पेंच फंसा है। दोनों दल यूपी में कम से कम दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन भाजपा की ओर से फिलहाल दोनों दलों को एक-एक सीट ऑफर की गई है। आपको बता दें कि भाजपा की पहली लिस्ट में सलेमपुर, कुशीनगर, चंदौली, लालगंज, डुमरियागंज, जौनपुर समेत कई ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया गया, जिन पर सुभासपा और निषाद पार्टी ने पहले से ही दावेदारी कर रखी थी।

गाजीपुर सीट के लिए मनोज सिन्हा ने की अमित शाह से मुलाकात

सूत्रों के मुताबिक अमित शाह से मुलाकात के दौरान भी राजभर ने गाजीपुर सीट देने की बात रखी है, लेकिन इस मांग को टाल दिया गया है। उधर, सूत्रों का यह भी कहना है कि गाजीपुर सीट के लिए जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर मनोज सिन्हा भी अड़े हैं। राजभर के बाद देर रात मनोज सिन्हा ने भी अमित शाह से मिलकर अपनी बात रखी है। कहा जा रहा है कि गाजीपुर सीट से भाजपा मनोज सिन्हा के पुत्र अनुभव सिन्हा को मैदान में उतार सकती है। पिछले काफी दिनों से अनुभव सिन्हा गाजीपुर में सक्रिय हैं। मनोज सिन्हा गाजीपुर में काफी लोकप्रिय भी हैं। पिछले दिनों एक समाचार पत्र द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई।

इनमें से दो सीटें मांग रहे ये नेता

उधर, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मऊ की घोसी, देवरिया की सलेमपुर, बलिया के अलावा चंदौली सीट पर दावेदारी कर रखी थी। जबकि निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भी भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ व सुल्तानपुर में से कोई दो सीट मांग रहे हैं, लेकिन भाजपा की पहली ही सूची में दोनों दलों की दावेदारी वाली कई सीटों पर उम्मीदवार उतर चुके हैं।

अमित शाह से मुलाकात कर सीटों पर स्थिति साफ करने का अनुरोध

ऐसे में अब राजभर और निषाद चाहते हैं कि उनकी दावेदारी वाली सीटों में जो बची हैं, उनमें से ही सीटें मिल जाएं। वहीं दूसरी ओर, गाजीपुर, सुल्तानपुर, बलिया समेत कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे कई भाजपा नेताओं की भी नजर है। इसे देखते हुए दोनों नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात कर अपने कोटे की सीटों पर भी स्थिति साफ करने का अनुरोध किया है।

दोनों दलों को एक-एक सीट देने की पेशकश

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की ओर से दोनों नेताओं को फिलहाल एक-एक सीट देने की ही पेशकश की गई है, लेकिन दोनों नेता चाहते हैं कि उन्हें कम से कम दो सीटें जरूर मिलें। सूत्रों का कहना है कि सुभासपा को फिलहाल सिर्फ मऊ की घोसी सीट देने की बात कही गई है, लेकिन राजभर इसके लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने घोसी के अलावा बलिया या गाजीपुर में से भी एक सीट मांगी है, जबकि भाजपा ने राजभर को एक सीट यूपी और एक सीट बिहार में देने का ऑफर दिया है। यूपी की गाजीपुर एक ऐसी सीट है, जिस पर सुभासपा व निषाद पार्टी की दावेदारी है। इस पर सुभासपा की दावेदारी को अधिक मजबूत माना जा रहा है। जबकि निषाद पार्टी की सबसे पसंदीदा सीट भदोही हैं।

गाजीपुर सीट का जातीय समीकरण

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में गाजीपुर लोकसभा (75) में लगभग 21 लाख से ज्यादा मतदाता भाग लेंगे और यहां की सीट पर जातीय समीकरण कुछ इस प्रकार चर्चा में हैं। सर्वाधिक यादव 5 लाख से ज्यादा हैं। दलित भी लगभग 5 लाख हैं, जो यादव मतदाताओं से थोड़े ही कम हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता साढ़े तीन लाख के आसपास हैं। कुशवाहा लगभग 2 लाख से ज्यादा है, अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी लगभग 4 लाख से ज्यादा हैं, जिसमें राजभर, निषाद, बिंद, आदि के ये मतदाता कई जातियों और मतों में बंटा हुआ है। वहीं, राजपूत मतदाता लगभग 3 लाख पचास हजार, ब्राह्मण और भूमिहार मिलाकर लगभग 3 लाख हैं, जबकि अन्य सवर्ण जिसमें कायस्थ और बनिया डेढ़ लाख से ऊपर हैं और अन्य लाख-पचास हजार हैं।

 

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