Loksabha Election 2024: राजस्थान में जाटों को साधने को लेकर भाजपा में मंथन, प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर हो रहा विचार

जयपुर, बीएनएम न्यूज। Loksabha Election 2024: राजस्थान में सत्ता हासिल करने के बाद अब भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। प्रदेश में 33 साल बाद ब्राह्मण नेता भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री, जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी व दलित विधायक प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाने के बाद भाजपा की नजर प्रदेश में प्रभावशाली वोट बैंक जाट और गुर्जर समाज पर है। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व प्रदेश में भाजपा संगठन की कमान जाट नेता को सौंपने पर विचार कर रहा है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी अथवा सतीश पूनिया में से किसी एक को शीघ्र ही प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

जाट व गुर्जर नेताओं को सत्ता व संगठन में महत्व देने की रणनीति

पूनिया पूर्व में भी प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। प्रदेश की राजनीति में प्रभावशाली माने जाने वाले करीब 11 प्रतिशत जाट समाज का आधा दर्जन लोकसभा क्षेत्रों में प्रभाव है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के साथ ही मंत्रिमंडल में दो से तीन जाट समाज के विधायकों को शामिल करने पर विचार कर रहा है। साथ ही करीब आठ प्रतिशत गुर्जर वोट बैंक को साधने के लिए दो मंत्री बनाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। गुर्जर समाज का पांच लोकसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है। ऐसे में कुल 25 में से 11 लोकसभा सीटों को साधने के लिए जाट व गुर्जर नेताओं को सत्ता व संगठन में महत्व देने की रणनीति के तहत काम किया जा रहा है।

मंत्रिमंडल में भी मिलेगी जगह

जाट समाज को उम्मीद थी कि उनके किसी विधायक को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा । लेकिन भाजपा नेतृत्व ने एक राजपूत व एक दलित को उप मुख्यमंत्री बनाकर जाट समाज को झटका दिया । उप मुख्यमंत्री पद नहीं मिलने पर जाट समाज ने भाजपा नेतृत्व तक अपनी नाराजगी पहुंचाई। जाट नेताओं ने पार्टी नेतृत्व तक यह संदेश पहुंचाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी पूरी आस्था है। लेकिन जाट समाज का उप मुख्यमंत्री पद नहीं मिलना निराशाजनक है। ऐसे में अब राजनीतिक रूप से जागरूक माने जाने वाले जाट समाज को खुश करने के लिए प्रदेशाध्यक्ष पद देने पर विचार किया जा रहा है। जाट समाज का सीकर, चूरू, झुंझुनूं, बीकानेर, बाड़मेर-जैसलमेर, अजमेर व भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्रों में प्रभाव माना जाता है। जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में भी जाटों का प्रभाव है। इसी तरह गुर्जर समाज का दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्रों में प्रभाव है। ऐसे में इन दोनों जातियों को साधने को लेकर भाजपा नेतृत्व गंभीरता से विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार रविवार शाम को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हुई बैठक में इन दोनों जातियों को साधने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री भजनाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के साथ मौजूद थे। सोमवार को प्रदेश के चुनाव प्रभारी केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने दोनों जातियों को खुश करने को लेकर सीएम से चर्चा की है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी ब्राह्मण हैं। वहीं सीएम भी ब्राह्मण हैं। कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जाट समाज से हैं। प्रदेश में दलित आबादी करीब 17 और ब्राहम्ण आबादी करीब आठ प्रतिशत है।

सीएम ने उप राष्ट्रपति और बिरला से मुलाकात की

सीएम और दोनों उप मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली यात्रा के दौरान सोमवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की । यह शिष्टाचार मुलाकात बताई गई है। इससे पहले रविवार को नड्डा,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रदेश कोर कमेटी के सदस्रूों के साथ सीएम व उप मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई थी।

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