Loksabha Election 2024: गठबंधन को लेकर नफा-नुकसान टटोल रहीं मायावती, बसपा नेताओं से ले रहीं फीडबैक

लखनऊ, BNM News : Loksabha Election 2024: हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन और लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की जबरदस्त तैयारियों को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) अब INDIA गठबंधन में शामिल होने को लेकर गंभीर दिखाई दे रही हैं। गठबंधन करने से बसपा को होने वाले नफे-नुकसान का आकलन करने के लिए वह इन दिनों अपनी पार्टी के नेताओं से फीडबैक ले रही हैं। ज्यादातर नेता मौजूदा परिस्थितियों में गठबंधन से ही पार्टी को सर्वाधिक फायदेमंद बता रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द मायावती अपनी शर्तों पर गठबंधन के साथ खड़ी दिखाई दे सकती हैं। लखनऊ में मौजूद बसपा प्रमुख 15 जनवरी को जन्मदिन पर दिल्ली जा रही हैं। दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बसपा के गठबंधन में शामिल होने की घोषणा हो सकती है।

2019 में नाकाम रहा गठबंधन

 

वैसे तो पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भी बसपा प्रमुख (BSP Chief) अकेले ही चुनाव लड़ने की बात करती रहीं, लेकिन 5 वर्ष पहले 12 जनवरी 2019 को उन्होंने ढाई दशक बाद सपा से गठबंधन का एलान किया था। तब देशहित व जनहित को गेस्ट हाउस कांड से ऊपर बताते हुए मायावती ने कहा था कि ‘बसपा और सपा का यह गठबंधन पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह यानी गुरु और चेला की नींद उड़ाने वाला है। भाजपा के अहंकारी व तानाशाही रवैये के चलते एकजुट होने का फैसला किया गया है।’ भाजपा का विजय रथ रोकने में तो यह गठबंधन नाकाम रहा था, लेकिन वर्ष 2014 में शून्य पर सिमटी बसपा 80 लोकसभा सीटों में से 38 सीटों पर ही लड़कर 10 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। सपा को सिर्फ 5 सीटों पर सफलता मिली थी।

अकेले लड़ने पर बसपा को मिली सिर्फ एक सीट

 

लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सफलता न मिलने का दावा करते हुए मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़कर दो वर्ष पहले विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा, लेकिन पार्टी के हाथ सिर्फ एक सीट लगी। मायावती को उम्मीद थी कि राज्यों के चुनाव में बसपा के बेहतर प्रदर्शन पर मुस्लिम समाज उनकी ओर रुख करेगा, जिससे वह एनडीए व आइएनडीआइए से दूरी बनाकर अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहती रहीं। लेकिन अब परिस्थितियां बदली हैं।

बसपा के रूख मे आ रहा बदलाव

 

राज्यों के चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन, श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से बनते भगवा माहौल और भाजपा की व्यापक तैयारियों को देखते हुए बसपा प्रमुख ने अपने रुख को थोड़ा बदला है और पार्टी के वफादार वरिष्ठ नेताओं से गठबंधन पर राय लेना शुरू किया है। सूत्र बताते हैं कि नेताओं द्वारा गठबंधन की पैरवी पर मायावती अब पहले की तरह नाराजगी भी नहीं जता रहीं।

अपनी शर्तों पर गठबंधन में हो सकती हैं शामिल

 

इस बीच कांग्रेसियों के मायावती को गठबंधन में लाने के किए जा रहे प्रयासों के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का रुख भी नरम हुआ है। मायावती को बहुत वरिष्ठ बताते हुए अपने विधायकों को उनका सम्मान करने की हिदायत को इसी रूप में देखा जा रहा है। इतना जरूर है कि मायावती, सपा से कहीं अधिक सीटों के मिलने पर ही गठबंधन में शामिल होने की शर्त रख सकती हैं।

 

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