Maharashtra Politics: कैसे एक ज्योतिषी की सलाह पर अशोक चव्हाण भाजपा में चले गए, जानें क्या है मामला

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण।

मुंबई, BNM News: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण कांग्रेस से 50 साल पुराना रिश्ता खत्म करते हुए भाजपा में शामिल हो गए। अशोक चव्हाण ने कहा कि वह कांग्रेस से खुश नहीं थे क्योंकि पार्टी नेतृत्व संगठन को मजबूत करने को लेकर गंभीर नहीं है। हालांकि यह सामने आया है कि 66 वर्षीय चव्हाण ने यह निर्णय अपने ज्योतिषी की सलाह पर लिया है।

नासिक के महंत अनिकेत शास्त्री से मिले थे अशोक चव्हाण

अशोक चव्हाण अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक समस्याओं पर चर्चा करने के लिए कई महीने पहले नासिक के महंत अनिकेत शास्त्री से मिले थे। महंत ने उनके लिए शास्त्रों के अनुसार तीन महीने का नियमों को तैयार किया। चव्हाण ने पूरी निष्ठा से नियमों का पालन किया। अंत में महंत ने चव्हाण अपनी राजनीतिक संबद्धता में ‘परिवर्तन’ करने की सलाह दी और चव्हाण ने सलाह का पालन भी किया। एक टीवी चैनल से बातचीत में महंत अनिकेत शास्त्री ने खुद ये स्वीकार किया और बताया कि मैंने उन्हें पार्टी बदलने की सलाह दी थी। वह किसी भी पार्टी में शामिल होने या अपना खुद का संगठन शुरू करने के लिए स्वतंत्र थे।

ज्योतिष के हिसाब से बताया शुभ समय

 

महंत अनिकेत शास्त्री ने 12 फरवरी को अशोक चव्हाण के विधानसभा सदस्य के रूप में पद छोड़ने से एक दिन पहले रविवार को मुंबई का दौरा किया था। बाद में उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। महंत ने चव्हाण के इस्तीफे और नई पार्टी में शामिल होने के लिए एक मुहूर्त (शुभ समय) तय किया था। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे अपने त्याग पत्र में चव्हाण के शब्दों के चयन पर हैरानी जताई गई थी। पत्र में चव्हाण ने लिखा था कि मैं 12 फरवरी को दोपहर से कांग्रेस की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं। पत्र में दोपहर का उल्लेख असामान्य था। अब ये साफ हो गया है कि ये जिक्र सीधे तौर पर ज्योतिषी की सलाह से जुड़ा था। महंत अनिकेत शास्त्री के मुताबिक उन्होंने चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के लिए 13 फरवरी को दोपहर 12:30 से 2 बजे के बीच का समय तय किया था। इसे अभिजात मुहूर्त (अविनाशी समय) कहा जाता है, जो कोई भी इस अवधि में कुछ नया करना शुरू करेगा उसे निश्चित रूप से अपने नए उद्यम में शानदार सफलता मिलेगी।

कौन होगा अशोक चव्हाण का राजनीतिक उत्तराधिकारी

 

महंत अनिकेत शास्त्री महाराष्ट्र के धार्मिक क्षेत्रों में एक सम्मानित व्यक्ति हैं। वह अशोक चव्हाण को तब से जानते हैं जब महंत 12 साल के थे। अशोक चव्हाण महंत के गुरु राघव शास्त्री कर्वे से सलाह लेते थे। महंत अशोक चव्हाण को गुरु जी द्वारा ज्योतिष के संबंध में दिए गए उपदेशों को नोट करते थे। 30 वर्षीय महंत के मुताबिक ‘चव्हाण साहब एक धार्मिक व्यक्ति हैं। लंबे सहयोग ने हमारे संबंधों को भी मजबूत बनाया है। महंत अनिकेत शास्त्री ने भविष्यवाणी भी की है कि चव्हाण की जुड़वां बेटियों में से छोटी श्रीजया उनकी राजनीतिक विरासत को आगे ले जाएंगी। श्रीजया 2022 में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा के मराठवाड़ा चरण का सफलतापूर्वक समन्वय करने के बाद सुर्खियों में आई थीं। ऐसी अटकलें हैं कि श्रीजया अगले चुनावों में अशोक चव्हाण के विधानसभा क्षेत्र भोकर में उनकी जगह लेंगी।

पूरा परिवार सत्य साईं बाबा का बड़ा भक्त

 

अशोक चव्हाण और उनके पिता स्वर्गीय शंकरराव चव्हाण स्वर्गीय गुरु सत्य साईं बाबा के प्रबल भक्त हैं। चव्हाण ने आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में सत्य साईं बाबा की समाधि से प्रेरित होकर अपने गृह नगर नांदेड़ में निवास का नाम ‘आनंद निलयम’ रखा है। समाधि को प्रशांति निलयम कहा जाता है। 28 अक्टूबर 2010 को उनके जन्मदिन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सत्य साईं बाबा को एक भव्य पूजा समारोह के लिए मुंबई में आधिकारिक आवास पर आमंत्रित किया था। दो दिन बाद अशोक चव्हाण का नाम आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में सामने आया। इसके एक सप्ताह बाद ही उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा था।

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