समानांतर सिनेमा के प्रमुख हस्ताक्षर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक कुमार साहनी का निधन

कोलकाता, BNM News : राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक कुमार साहनी (83) का शनिवार देर रात महानगर के एक अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वे उम्रजनित बीमारियों से पीड़ित थे। साहनी को समानांतर सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। फिल्म निर्देशक के अलावा वे शिक्षाविद् और लेखक भी थे। उन्होंने ‘द शाक आफ डिजायर एंड अदर एसेज’ नामक किताब लिखी है। साहनी ने ‘माया दर्पण’ और ‘तरंग’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। उनकी कहानी बताने की अनूठी शैली ने उन्हें दूसरों से अलग बनाया था। साहनी ने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीच्यूट आफ इंडिया से पढ़ाई की।

ऋत्विक घटक और राबर्ट ब्रेसन को अपना गुरु मानते थे साहनी

वे मशहूर फिल्म निर्देशक ऋत्विक घटक के पसंदीदा छात्रों में से एक थे। साहनी ने फ्रांस जाकर फिल्ममेकर राबर्ट ब्रेसन को उनकी फिल्म ‘यूने फेम डूस’ बनाने में मदद की थी। साहनी घटक और ब्रेसन को अपना गुरु मानते थे। साहनी ने निर्मल वर्मा की कहानी पर आधारित ‘माया दर्पण’ नामक फिल्म बनाई थी, जिसे बेस्ट फीचर फिल्म की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उन्होंने ‘तरंग’, ‘ख्याल गाथा’, ‘कस्बा’ और ‘चार अध्याय’ समेत कई समानांतर फिल्मों का निर्देशन किया। 1997 में साहनी की ‘चार अध्याय’ प्रदर्शित हुई, जो गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के 1934 के उपन्यास पर आधारित थी। साहनी ने न सिर्फ राष्ट्रीय पुरस्कार जीते बल्कि अलग-अलग समय में तीन फिल्मफेयर अवार्ड भी अपने नाम किए। 1973 में ‘माया दर्पण’, 1990 में ‘ख्याल गाथा’ और 1991 में ‘कस्बा’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड मिले।

 

 

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